बजट 2009-10 के संबंध में प्रतिक्रियायें
ग्वालियर 10 जुलाई 09। वित्त मंत्री श्री राघव जी द्वारा आज विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2009-10 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए म प्र. राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि बजट में सिंचाई के लिये गत वर्ष की तुलना में 627 करोड़ रूपये का अधिक प्रावधान किया गया है। साथ ही कृषि क्षेत्र में गत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है, जो सरकार द्वारा किसानों के कल्याण की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि बजट में सरकार ने प्रदेश के चहुँमुखी विकास को ध्यान में रखा है। फिर भी कृषि विकास को विशेष महत्व दिया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट विकासोन्मुखी तथा प्रदेश को स्वर्णिम बनाने में सहायक होगा। यह प्रतिक्रिया म प्र. राज्य सहाकारी संघ के अध्यक्ष श्री अरूण सिंह तोमर ने व्यक्त की है। श्री तोमर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं सिंचाई पर बजट में गत वर्ष से अधिक का प्रावधान किया गया है। जो विकास एवं सरकार की संवेदनशीलता का सूचक है। बजट में खासकर महिला सशक्तीकरण, लाड़ली लक्ष्मी योजना तथा शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी का दौर होने के बाबजूद भी ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से ग्वालियर एवं चंबल संभाग का चहुँमुखी विकास होगा तथा कृषि के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान के नये रास्ते खुलेंगे।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना से अंचल में नई तकनीक से कृषि करने को प्रोत्साहन मिलेगा तथा क्षेत्र के युवकों को कृषि विशेषज्ञ बनने का मौका मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बजट में नये कृषि विश्वविद्यालय के लिये प्रावधान करना खुशी की बात है। श्योपुर के पूर्व विधायक श्री सत्यभान सिंह चौहान ने कहा कि बजट देर से आया लेकिन दुरस्त आया। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले भी ग्वालियर कृषि संबंधी शोध का केन्द्र रहा है। यहां वर्ष 1950 में कृषि महाविद्यालय की स्थापना हो गई थी। यहां के धनियां, चना, गेहूँ के बीज प्रसिध्द थे। मुरैना जिले में सरसों की पैदावार एवं भिण्ड जिले में भदावरी भैंस के कारण क्षेत्र ने प्रसिध्दि पाई है। श्री चौहान ने बुधनी में कृषि संबंधी प्रशिक्षण लिया है तथा ऊषा इन्स्टीटयूट दिल्ली भी वे जाते हैं। उन्होंने ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें