रविवार, 30 अक्टूबर 2011
गर्व से कहो ''तुम'' हिन्दू हो .....नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
गुरुवार, 20 अक्टूबर 2011
दिग्विजय के बयानों से नाराज प्रदेश सचिव अरोरा ने कांग्रेस छोड़ी , कांग्रेस ने प्रदेश सचिव हरीश अरोरा को निलंबित किया
दिग्विजय के बयानों से नाराज प्रदेश सचिव अरोरा ने कांग्रेस छोड़ी , कांग्रेस ने प्रदेश सचिव हरीश अरोरा को निलंबित किया
भोपाल।। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की बयानबाजी से नाराज कांग्रेस की प्रदेश इकाई के सचिव हरीश अरोरा ने पद से इस्तीफा दे दिया है।
हरीश का आरोप है कि दिग्विजय लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो जन भावनाओं के खिलाफ है। इससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है। हरीश ने कहा, 'पहले वह आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के लिए सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं, फिर मुंबई में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल खड़े करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर भी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी की है।'
हरीश ने आरोप लगाया, 'दिग्विजय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे राज्य को बर्बाद किया है। इसका खमियाजा कांग्रेस आज तक भुगत रही है। इसके अलावा भी कई अन्य कारण है जिनके चलते पद से मैं इस्तीफा दे रहा हूं, जिनका बाद में खुलासा करुंगा।'
हरीश ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी की प्रदेश इकाई को फैक्स के जरिए भेज दिया है और दफ्तर पहुंचकर वह अपना इस्तीफा सौंप देंगे। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी प्रमोद गुगालिया ने बताया कि पार्टी को उनका इस्तीफा नहीं मिला है।
गौरतलब है कि लंबी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हुआ था। कई वरिष्ठ नेताओं को कार्यकारिणी में स्थान न मिलने से असंतोष की आवाज उठ रही थी। हरीश का इस्तीफा पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी का ही नतीजा माना जा रहा है। उधर मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से निम्न प्रेसनोट जारी किया गया है -
भोपाल 20 अक्टूबर । पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त सचिव हरीश अरोरा को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय प्रभारी शांतिलाल पडियार ने दी है।
भाजपा के पालतू कठपुतली लोकायुक्त पर करोड़ों की बर्बादी क्यों ? – म.प्र. कांग्रेस
भाजपा के पालतू कठपुतली लोकायुक्त पर करोड़ों की बर्बादी क्यों ? – म.प्र. कांग्रेस
मुख्य मंत्री शिवराजसिंह प्रदेश की जनता को जवाब दें : मानक अग्रवाल
भोपाल 20 अक्टूबर । प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने आज जारी बयान में कहा है कि उपलब्ध तथ्यों से यह निर्विवाद रूप से साबित हो चुका है कि म.प्र. के लोकायुक्त न्यायमूर्ति पी.पी. नावलेकर आर.एस.एस., प्रकारांतर से भाजपा के आदमी हैं। लोकायुक्त जैसे गरिमापूर्ण पद पर उनकी नियुक्ति की सारी औपचारिकताएं एक दिन में पूरी कर आदेश जारी किये जाने से जाहिर है कि अप्रत्यक्ष रूप से आर.एस.एस. के रिमोट कंट्रोल से संचालित प्रदेश की भाजपा सरकार को नावलेकरजी कितने अधिक ''प्रिय'' हैं। आपने कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद इतने महत्वपूर्ण पर पर नियुक्ति के रूप में जो उपकार किया गया है, उसके नीचे वे बुरी तरह दबे हुए हैं। ऐसी दशा में यदि नावलेकरजी भाजपा सरकार और उन पर भाजपा द्वारा वे मुख्यमंत्री सहित भाजपा के मंत्रियों तथा अन्य बड़े नेताआें के प्रति ''अति संवेदनशील'' हैं, तो यह उनके द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर प्रगट की जा रही कृतज्ञता ही है।
मानक अग्रवाल ने कहा है कि भाजपा सरकार के मुखिया शिवराजसिंह लोकायुक्त न्यायमूर्ति नावलेकर के प्रति लगातार अपनी कृपादृष्टि बनाये हुए हैं। वे पिछले सितम्बर महीने में नावलेकरजी के व्यवसायी पुत्र संदीप नावलेकर को अपनी नौ दिवसीय चीन यात्रा में अपने साथ ले गए थे। मेरे द्वारा इस पर आपत्ति ली जाने पर मुख्य मंत्री ने संदीप से मीडिया में स्पष्टीकरण दिलवाया था कि वे म.प्र. सरकार के प्रतिनिधि मंडल में अपने खर्च से चीन गए थे। माना कि वे अपने खर्च से चीन गए थे तो फिर क्या मुख्य मंत्री बताएंगे कि यात्रा का खर्च उठाकर कोई भी व्यक्ति राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल में शामिल होकर विदेश यात्रा कर सकता है ? वे इस बात का भी जवाब दें कि इस तरह शासकीय प्रतिनिधि में अनाधिकृत व्यवसायी व्यक्ति के शामिल होने से विभिन्न स्तरों पर चर्चाओं और समझौतों की प्रक्रिया की गोपनीयता बनी रह सकती है ?
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने आगे कहा है कि सच बात तो यह है कि संदीप नावलेकर को अपने साथ चीन यात्रा का अवसर देकर मुख्य मंत्री ने लोकायुक्त पर एक और उपकार किया है। इस तरह भाजपा सरकार ने राज्य के लोकायुक्त को उपकारों के बोझ तले इतना दबा दिया है कि उनकी निष्पक्षता और न्यायप्रियता उसके नीचे दब कर रह गई है। लोकायुक्त नावलेकर की हाल ही की कार्यवाहियों से यह स्पष्ट हो चुका है कि लोकायुक्त संस्था भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर रह गई है। इसी कारण जहां एक ओर लोकायुक्त कार्यालय ने राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के कथित भ्रष्टाचार के प्रकरण दब गए हैं-वहीं दूसरी ओर मुख्य मंत्री शिवराजसिंह और उनकी पत्नी साधनासिंह के खिलाफ दर्ज डम्पर कांड भी समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 100 करोड़ के भ्रष्टाचार के प्रकरण लोकायुक्त ने यह कहकर स्वास्थ्य विभाग को वापस कर दिये हैं, इन प्रकरणों की विभाग अपने स्तर पर ही जांच करें। यदि विभागों को भ्रष्टाचारों की अपने स्तर पर ही जांच करना है, तो फिर प्रदेश में लोकायुक्त की आवश्यकता ही क्या है ?
अग्रवाल ने कहा है कि आज प्रदेश में लोकायुक्त संस्था को एक 'दंतविहीन शेर' बनाकर खूंटे से बांध दिया गया है। ऐसी स्थिति में लोकायुक्त नावलेकरजी बतावें कि प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार के मामलों में न्याय पाने के लिए कौन सा दरवाजा खटखटाए ? आपने मुख्य मंत्री से कहा है कि वे भी प्रदेश की जनता को जवाब दें कि कठपुतली लोकायुक्त पर हर वर्ष करोड़ों खर्च करना कहां तक उचित है ?
कांग्रेस ने झा को दी डॉ. गोविंदसिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती, बडबोले प्रभात झा आतंकी जुबान से परहेज करें : के.के. मिश्रा
कांग्रेस ने झा को दी डॉ. गोविंदसिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती
बडबोले प्रभात झा आतंकी जुबान से परहेज करें : के.के. मिश्रा
भोपाल 19 अक्टूबर । प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मंगलवार को भिण्ड जिले के लहार में भाजपा के हल्ला बोल अभियान के दौरान प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा द्वारा अपने संबोधन में कांग्रेस और वहां से लगातार पांचवी बार अपराजित विधायक डॉ. गोविंद सिंह को दी गई चुनौती पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने झा पर पलटवार करते हुए कहा है कि यदि उन्हें सत्ता के बल पर अपनी कथित संगठनात्मक क्षमता और बुध्दि का इतना घमंड है, तो वे आज ही डॉ. गोविंदसिंह के निर्वाचन क्षेत्र लहार से विधान सभा चुनाव लड़ने की घोषणा करें, अन्यथा आतंकी जुबान और बड़बोलेपन से परहेज करें।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने झा पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि लगता है कि उनकी राजनीतिक जुबान रोगग्रस्त है। समय से पूर्व एवं हैसियत से अधिक राजनैतिक ऊंचाई हांसिल करने के बाद वे राजनैतिक संयम, मर्यादा और कर्तव्यबोध से निरंतर विमुख होकर प्रदेश के गरिमामय राजनैतिक इतिहास एवं उसकी गौरवशाली परम्पराओं का लगातार हनन करते जा रहे हैं। समूचा प्रदेश ही नहीं भाजपा कार्यकर्ता और भाजपा पार्टी भी उन्हें भ्रष्टों, टैक्स चोरों, अपराधियों और विभिन्न स्तर के माफियाओं के संरक्षणदाता के रूप में देख रही है। आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी इस आरोप को साबित भी कर देगी।
के.के. मिश्रा ने लहार में राजनैतिक दादागिरी को समाप्त करने की कांग्रेस को दी गई धमकी के प्रत्युत्तर में कहा है कि बेहतर तो यह होगा कि वे प्रदेश में भाजपा सांसदों, मंत्रियों, विधायकों एवं अन्य नेताओं तथा उनके परिजनों द्वारा की जा रही दबंगई, गंभीर अपराधों, अपहरण, बलात्कार, हत्याओं, वाहनों से निर्दोषों को कुचलकर मार डालने, अश्लील सीडियों में लिप्तता, सट्टे-जुए व मादक द्रव्यों के अवैध व्यापार में लिप्त लोगों को संरक्षण देने के बजाय उन्हें दंडित कराएं। यही नहीं लहार में पार्टी कार्यकर्ताओं को विधान सभा चुनाव में पांडवों की तरह लड़ाई लड़ने की सीख देने के बजाय उक्त स्थितियों को भी झा धृतराष्ट्र बनकर न रहें।