मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

'' बिटिया नहीं बचाओगे, तो बहू कहां से लाओगे '' मुख्यमंत्री के नारे ने चंबल मे मचाई धूम

''बेटी बचाओ जन जागृति यात्रा''
 
'' बिटिया नहीं बचाओगे, तो बहू कहां से लाओगे ''
मुख्यमंत्री के नारे ने चंबल मे मचाई धूम
 
ग्वालियर 11 अक्टूबर 2011/ ''बिटिया नहीं बचाओगे, तो बहू कहां से लाओगे'' यह नारा ग्वालियर चंबल अंचल में जन-जन की जुबान पर तो है ही, साथ ही इसमें पिरोया गया संदेश लोगों के दिलो-दिमाग  में भी घर कर रहा है । इससे लगता है कि प्रदेश का यह क्षेत्र जो बेटों की तुलना में बेटियों की घटती संख्या के कारण, जिस सामाजिक दंश को झेल रहा  था उसे उसकी पीड़ा से मुक्ति मिलेगी । प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया यह नारा इन दिनों ग्वालियर चंबल क्षेत्र में धूम मचा रहा है ।
       बेटियों की लगातार घटती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक  करने  तथा  बेटियों के समुचित पालन-पोषण का आह्वान करने निकले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की जन जागृति यात्रा में  दतिया से सेंवढ़ा  तक विशाल जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान उन्होंने जगह-जगह  बेटी बचाने और कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिये जब लोगों से शपथ लेने का आह्वान किया तो हजारों  स्त्री-पुरूषों के हाथ उनके समर्थन में उठ गए।
       इस अभियान के समर्थन में दतिया, इंदरगढ़ और सेंवढ़ा में उमड़ी जन मैदनी देखकर मुख्यमंत्री अभिभूत हो गए और उन्होंने कहा कि वे बेटियाँ बचाने के लिये जो भी जरूरी होगा वह सब कुछ करेंगे। श्री चौहान ने कहा महिलाओं के संरक्षण कानूनों का सख्ती से पालन कराया जायेगा। साथ ही बेटी बचाओ की राष्ट्रीय नीति बनाने और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिये मृत्युदण्ड की सजा का प्रावधान करने की माँग करेंगे।
       मुख्यमंत्री की दतिया से सेंवढ़ा तक की लगभग 65 किलोमीटर तक की जन जागृति यात्रा के दौरान सड़क के दोनों तरफ खड़े लोगों ने हाथ उठाकर इस  सामाजिक आंदोलन के प्रति जिस तरह अपना समर्थन जताया। इससे स्पष्ट हो रहा है कि जिस पुनीत उद्देश्य के लिये मुख्यमंत्री ने मशाल थामी है उससे बेटियों के प्रति मानव मस्तिष्क में छाये नकारात्मक भाव की धुंध अवश्य छंटेगी । इससे बेटा - बेटी के बीच भेद दूर करने के लिये समाज खुद उठ खडा होगा।
       मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान उमड़े विशाल जन सैलाब में हर जाति वर्ग और धर्म की महिलायें, बच्चे और बुजुर्ग कंधे से कंधा मिलाए खड़े थे। जन समूह की एकजुटता, उत्साह और उमंग से साफ जाहिर हो रहा था कि बेटियों को लेकर प्रदेश सरकार के मुखिया के दिल में जो हूक उठी है वह हर दिल  को छू रही है ।
       जन जागृति यात्रा के शुरू में मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन किया तथा बेटियों और महिलाओं के महत्व के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित किया ।        उल्लेखनीय है कि जन जागृति यात्रा की शुरूआत के लिये मुख्यमंत्री ने ग्वालियर - चंबल अंचल को इसलिए भी चुना है क्योंकि यहाँ लिंगानुपात की विषमता अर्थात बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है।

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