शुक्रवार, 27 अप्रैल 2007

पंचायत उप निर्वाचन : मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन

पंचायत उप निर्वाचन : मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन

 

ग्वालियर 24 अप्रैल 2007

जिले के जनपद पंचायत मुरार, घाटीगांव (बरई), डबरा एवं भितरवार के अंतर्गत पंच पद के उप निर्वाचन के लिये 18 ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के प्रारूप का आज प्रकाशन कर दिया गया ।

       उप जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत मुरार की ग्राम पंचायत बड़ेरा फुटकर के वार्ड क्रमांक 17 से, मुख्त्यारपुरा के वार्ड क्रमांक 11, राहुली के वार्ड क्रमांक 13, पदमपुरखेरिया के वार्ड क्रमांक 04, चकरायपुर के वार्ड क्रमांक 09 व ग्राम पंचायत भदरौली के वार्ड क्रमांक 05 से पंच पद का उप निर्वाचन होना है । इसी तरह जनपद पंचायत घाटीगांव (बरई) की ग्राम पंचायत नयागांव के वार्ड क्रमांक 16, पार के वार्ड क्रमांक 15, पुरानी छावनी के वार्ड क्रमांक 15 व ग्राम पंचायत कुलैथ के वार्ड क्रमांक एक से और जनपद पंचायत डबरा की ग्राम पंचायत जंगीपुरा के वार्ड क्रमांक 8, भिलघन के वार्ड क्रमांक 03, बेरू के वार्ड क्रमांक 05, देवगढ़ के वार्ड क्रमांक 02 और ग्राम पंचायत भगेह के वार्ड क्रमांक 15 से पंच पद का निर्वाचन होना है । जनपद पंचायत भितरवार की ग्राम पंचायत पुरी के वार्ड क्रमांक एक, गड़ाजर के वार्ड क्रमांक 18 व ग्राम पंचायत देवरीकला के वार्ड क्रमांक 4 में पंच पद का निर्वाचन होगा ।

       उपरोक्ता सभी ग्राम पंचायतों की एक जनवरी अर्हता तारीख की स्थिति में निर्वाचक नामावलियां तैयार कराई गई है । इन ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन आज संबंधित ग्राम पंचायतों के मतदान केन्द्रों पर किया गया । इनके संबंध में 1 मई तक दावे/आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकती हैं ।

 

निर्वाचक नामावलियों में नाम जोड़ने की अब सतत प्रकिया

निर्वाचक नामावलियों में नाम जोड़ने की अब सतत प्रकिया

रजिस्ट्रीकरण व सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त

ग्वालियर 24 अप्रैल 2007

       भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ग्वालियर जिले में भी निर्वाचक नामावलियों में नाम जोड़ने व हटाने का काम निरन्तर जारी रहेगा । आयोग द्वारा इस कार्य के लिए सतत प्रक्रिया निर्धारित की गई है । जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री राकेश श्रीवास्तव द्वारा निर्वाचक नामावलियों के सतत अद्यतन के लिए रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं । जो लोग अपने नाम मतदाता सूचियों में शामिल कराना चाहते हैं , वे अपने आवेदन-पत्र उक्त अधिकारियों को कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते हैं ।

       कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने विधान सभा क्षेत्र 15-ग्वालियर के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री संतोष कुमार सक्सैना को निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व अपर तहसीलदार ग्वालियर श्री आर.ए.प्रजापति को सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त किया है । इसी प्रकार विधान सभा क्षेत्र 16-लश्कर पूर्व के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री शरद श्रोतिय रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व अपर तहसीलदार श्री मुकुल गुप्ता को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, विधान सभा क्षेत्र 17- लश्कर पश्चिम के लिए संयुक्त कलेक्टर श्री संदीप कुमार मांकिन को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व नजूल तहसीलदार श्री विनोद भार्गव को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, विधान सभा क्षेत्र 18- मुरार के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री एस.पी.त्रिपाठी रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व तहसीलदार श्रीमती उमा करारे को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, विधान सभा क्षेत्र 19- गिर्द के लिए अनुविभागीय अधिकारी श्री बी.बी.एस. तोमर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व अपर तहसीलार घाटी गांव श्री एम.एस.कुर्रेशी और तहसीलदार भितरवार श्री डी.डी.शर्मा को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं विधान सभा क्षेत्र 20- डबरा के लिए अनुविभागीय अधिकारी श्री सुरेश शर्मा रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व तहसीलदार श्री अश्वनी रावत को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त किया है ।

 

 

सौभाग्यवती योजना में प्राप्त आवेदनों की जांच हेतु समाधान शिविर 27 व 28 अप्रैल को

सौभाग्यवती योजना में प्राप्त आवेदनों की जांच हेतु समाधान शिविर 2728 अप्रैल को

ग्वालियर 24 अप्रैल 2007

 

सौभाग्यवती योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण के लिये दो दिवसीय समाधान शिविर 27 अप्रैल व 28 अप्रैल को आयोजित होगा । यह शिविर दोनों दिन प्रात: 10.30 बजे से खेडापति कॉलोनी में मकान नम्बर 103-104 में स्थित आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में शुरू होगा।

       जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग श्रीमती चन्द्रकांता सिंह ने बताया कि सौभाग्यवती योजना अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिये संचालित की जा रही है । योजना के तहत सरकार द्वारा प्रत्येक कन्या के विवाह के लिये पांच हजार रूपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है ।

       सौभाग्यवती योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत करने वाले अनुसूचित जाति के व्यक्तियों से कहा गया है कि वे समाधान शिविर में पुत्री के आयु संबंधी प्रमाण-पत्र के लिये अंकसूची या सिविल सर्जन का प्रमाण-पत्र, गरीबी रेखा का राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, शादी कार्ड, सरपंच/ पार्षद का प्रमाणीकरण व पुत्री का छायाचित्र साथ में लायें ताकि उनका सत्यापन किया जा सके । आवेदकों से यह भी कहा गया है कि वे अन्य माध्यम से उक्त दस्तावेजों को प्रस्तुत न करें ।

 

बी.पी.एल.सूची से संबंधित आवेदनों का निराकरण विशेष शिविर लगाकर करें

बी.पी.एल.सूची से संबंधित आवेदनों का निराकरण विशेष शिविर लगाकर करें

      कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को हिदायत दी है कि गरीबी रेखा की सूची से संबंधित आवेदन पत्रों का निराकरण विशेष शिविर लगाकर करें । उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिस गाँव में 10 से अधिक आवेदन हैं वहाँ यह शिविर लगाये जायें ।

 

समस्या निराकरण का सत्यापन भी करें - कलेक्टर

परख कार्यक्रम

 

समस्या निराकरण का सत्यापन भी करें - कलेक्टर

समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को निर्देश

ग्वालियर 24 अप्रैल 2007

      परख कार्यक्रम में सामने आईं समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से किया जाय । साथ ही संबंधित विभागों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी मौके पर जाकर निराकरण की स्थिति का सत्यापन भी करें । यह निर्देश जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने आज जिला कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिये । बैठक में अपर कलेक्टर श्री आर.एन.गुप्ता समेत जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे ।

       कलेक्टर ने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि परख कार्यक्रम के तहत प्राप्त हुई समस्याओं के निराकरण का पालन प्रतिवेदन समय-सीमा में प्रस्तुत करें ।  उन्होंने विभागीय अधिकारियों को हिदायत दी कि समस्यामूलक गांवों में व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त करें, जिससे समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो । जिन अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से समस्यायें लंबित हैं उनके विरूध्द कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी उन्होंने दिए । बैठक में खासतौर पर पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य सर्वजनिक वितरण प्रणाली, महिला एवं बाल विकास विभाग आदि से संबंधित समस्याओं की कलेक्टर ने समीक्षा की ।

       परख कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि निर्धारित शिडयूल के अनुसार ग्रामीण अंचलों में विद्युत सप्लाई सुनिश्चित की जाय 

       उल्लेखनीय है कि परख कार्यक्रम प्रदेश सरकार का एक महात्वाकांक्षी कार्यक्रम है । इस कार्यक्रम के तहत नोडल अधिकारियों द्वारा गांव-गांव जाकर ग्राम स्तर की समस्यायें संकलित की जाती हैं । प्रदेश के मुख्य सचिव स्वयं हर माह के तीसरे गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सभी जिला कलेक्टर से सीधी बात कर समीक्षा कार्यक्रम की समीक्षा करते हैं । प्राप्त समस्याओं के निराकरण के लिए समय-सीमा भी निर्धारित है

 

चिकित्सा संस्थाओं के पंजीयन का कार्य शुरू

चिकित्सा संस्थाओं के पंजीयन का कार्य शुरू

ग्वालियर 24 अप्रैल 2007

       मध्य प्रदेश उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1997 के अन्तर्गत निजी नर्सिग होम्स, चिकित्सालय एवं अन्य क्लीनिक्ल इस्टेब्लिसमेन्टस् का पंजीयन शासन के निर्देशानुसार जिले में प्रारंभ किया गया है । उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 में संशोधन किये जाकर उन्हें प्रभावशील किया गया है । यह म.प्र राजपत्र में 6 अप्रैल 2007 को प्रकाशित हुआ है । राज्य शासन द्वारा उक्त अधिनियम के अन्तर्गत पर्यवेक्षी प्राधिकारी के समस्त कृत्यों तथा अपील संबंधी कृत्यों का पालन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किये गये है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उनके अधिकारिता के क्षेत्र में पर्यवेक्षी अधिकारी तथा सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अपीलीय प्राधिकारी नियुक्त किया गया है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम, चिकित्सालयों तथा अन्य क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेन्टस के पंजीयन की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है । उपरोक्त संस्थानों के समस्त स्वामी/ कीपर से अपील की गई है कि वे अधिनियम के अन्तर्गत पंजीयन हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप '' '' पर तथा नियम की धारा '' 7 '' अनुसूची एक में निर्धारित शुल्क सहित कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में प्रस्तुत कर सकते हैं । इस हेतु नियत प्रपत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मोतीमहल से प्राप्त किया जा सकता है ।

 

बुधवार, 25 अप्रैल 2007

मध्य प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड

मध्य प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड

ग्वालियर 23 अप्रैल 2007

 

       नई दिल्ली में आयोजित साउथ एशिया ट्रेवल एण्ड टूरिज्म एक्सचेज के उद्धाटन अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी द्वारा मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को राज्य में विकास की नई दिशाएं स्थापित करने के लिए प्रतिष्ठापूर्ण सैमसंग अवार्ड से सम्मनित किया गया ।

       क्षेत्रीय प्रबंधक, म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम ने बताया कि यह प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री अश्वनी लोहानी को समारोह में दिया गया । इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायतराज मंत्री श्री मणिशंकर अय्यर तथा पाकिस्तान के पर्यटन मंत्री भी उपस्थित थे । साउथ एशिया ट्रेवल टूरिज्म एक्सचेज एशिया का सबसे बड़ा पर्यटन मेला है तथा इस मेले में विभिन्न राज्यों की सरकार, पर्यटन उद्योग की प्रमुख हस्तियां एवं विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है । इस प्रतिष्ठित अवार्ड से मध्य प्रदेश को प्रगतिशील पर्यटन राज्य की मान्यता प्राप्त हुई है तथा इससे प्रदेश में किये जा रहे पर्यटन विकास के कार्यों को बढ़ावा मिलेगा ।

 

मध्य प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड

मध्य प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड

ग्वालियर 23 अप्रैल 2007

 

       नई दिल्ली में आयोजित साउथ एशिया ट्रेवल एण्ड टूरिज्म एक्सचेज के उद्धाटन अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी द्वारा मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को राज्य में विकास की नई दिशाएं स्थापित करने के लिए प्रतिष्ठापूर्ण सैमसंग अवार्ड से सम्मनित किया गया ।

       क्षेत्रीय प्रबंधक, म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम ने बताया कि यह प्रतिष्ठापूर्ण अवार्ड म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री अश्वनी लोहानी को समारोह में दिया गया । इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायतराज मंत्री श्री मणिशंकर अय्यर तथा पाकिस्तान के पर्यटन मंत्री भी उपस्थित थे । साउथ एशिया ट्रेवल टूरिज्म एक्सचेज एशिया का सबसे बड़ा पर्यटन मेला है तथा इस मेले में विभिन्न राज्यों की सरकार, पर्यटन उद्योग की प्रमुख हस्तियां एवं विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है । इस प्रतिष्ठित अवार्ड से मध्य प्रदेश को प्रगतिशील पर्यटन राज्य की मान्यता प्राप्त हुई है तथा इससे प्रदेश में किये जा रहे पर्यटन विकास के कार्यों को बढ़ावा मिलेगा ।

 

कुशवाह ने साडा के अध्यक्ष का पदभार सम्हाला

श्री कुशवाह ने साडा के अध्यक्ष का पदभार सम्हाला

भाजपा अध्यक्ष श्री तोमर, जल संसाधन मंत्री व स्कूल शिक्षा मंत्री ने भी की समारोह में शिरकत

ग्वालियर 23 अप्रैल 2007

       विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) ग्वालियर के अध्यक्ष का पदभार आज श्री जयसिंह कुशवाह ने सम्हाल लिया । सरकार द्वारा हाल ही में इस पद पर उनकी नियुक्ति की गई थी । साडा अध्यक्ष के पदभार ग्रहण समारोह में विधायक एवं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा, स्कूल शिक्षा मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र, महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर , विधायक श्री बृजेन्द्र तिवारी व श्री कमलापत आर्य , मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल , नगर निगम के सभापति श्री बृजेन्द्र सिंह जादौन, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री कौशल शर्मा, जी.डी.ए.के. उपाध्यक्ष श्री धीर सिंह तोमर व पूर्व महापौर श्री माधव शंकर इन्द्रापुरकर समेत अन्य जन प्रतिनिधि, साडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल व अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

इस अवसर पर विधायक एवं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर नगर का सुनियोजित विकास हो और यह शहर अपने पुराने गारैव को पुन: छुए, इसके लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है । गत तीन वर्षों के दौरान  ग्वालियर में विकास के नये आयाम जोड़ने की दिशा में प्रभावी पहल हुई है। आई टी.पार्क तथा स्टोन व कालीन पार्क की मंजूरी तथा नई कृषि उपज मण्डी की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने दी है । इसके अलावा सड़कों का चौड़ीकरण व चौराहों के विकास संबंधी कार्य भी किये गये हैं । उन्होंने कहा ग्वालियर किले के लिए रोपवे निर्माण की मंजूरी भी प्रक्रिया में हैं । ग्वालियर में नये शहर के रूप में विकसित किए जा रहे साडा (काउण्टर मेग्नेट) के कार्यो को भी सरकार ने गति प्रदान की है ।

साडा के नव नियुक्त अध्यक्ष श्री जय सिंह कुशवाह ने कहा कहा साडा द्वारा विकसित शहर  ग्वालियर के विकास की नई पहचान बने इसके लिए मिलजुलकर साडा  की विकास योजनाओं को मूर्तरूप दिया जायेगा ।

 

जिलेवार हुई समीक्षा कलेक्टर के सुझाव भी लिये गये

जिलेवार हुई समीक्षा कलेक्टर के सुझाव भी लिये गये

      कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के संबंध में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के सभी जिला कलेक्टर्स से एक-एक कर सुझाव लिये गये । साथ ही कृषि योजनाओं की समीखा की गई ।

 

संभागीय कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने दिये उपयोगी सुझाव

संभागीय कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने दिये उपयोगी सुझाव

ग्वालियर व चम्बल संभाग के कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने बैठक में सुझाव दिया कि किसानों को अपने खेतों से अधिकत्तम उत्पादन मिल सके इसके लिए ग्रीष्म ऋतु में पैदा होने वाली फसलों को भी बढ़ावा दिया जाय, जिससे किसान वर्ष में तीन फसलें प्राप्त कर अपनी आय बढ़ा सकें । उन्होंने उद्यानिकी विभाग की प्रत्येक नर्सरी के लिए एक्शन प्लान बनाने, खेत तालाब योजना को जन अभियान बनाने और वायोगैस संयंत्रों का अभियान बतौर सुधार व नये संयंत्रों का निर्माण कराने की बात भी कही ।

कमिश्नर ने दोनों संभागों के सभी जिलों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कृषि एवं पशुपालन के संबंध में अनेक सुझाव दिये । उन्होंने बताया कि पूर्व में दुग्ध उत्पादकों की जितनी बकाया राशि थी, उसका भुगतान किया जा चुका है । क्षेत्र में दुग्ध उत्पादन और उसके संग्रहण के लिए नये मिल्क रूट विकसित किये जा रहे है । मत्स्य उत्पादकों के लिए विपणन की व्यवस्था और ग्रीष्म ऋतु में चारे के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने का उन्होंने सुझाव दिया । कमिश्नर ने बताया कि पूरे ग्वालियर चम्बल संभाग में सूखे का असर है, ऐसी स्थिति में सभी कलेक्टर्स अपने जिले के हिसाब से स्थानीय कार्य योजनायें बनायें ।

 

स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर खरीफ कार्यक्रम का निर्धारण करें-- कृषि उत्पादन आयुक्त

स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर खरीफ कार्यक्रम का निर्धारण करें--  कृषि उत्पादन आयुक्त

संभागीय समीक्षा बैठक में रबी मौसम में हुए उत्पादन व खरीफ कार्यक्रम निर्धारण की हुई समीक्षा

ग्वालियर 23 अप्रैल 2007

       कृषि उत्पादन आयुक्त श्री इकबाल अहमद ने कहा है कि अंचल की जलवायु और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर खरीफ कार्यक्रम को अन्तिम रूप दें, जिससे किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक खाद और बीज उपलब्ध कराया जा सके । उन्होंने किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये ।

कृषि उत्पादन आयुक्त आज यहाँ सिटी सेण्टर स्थित राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में सम्पन्न हुई संभागीय बैठक में ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में वर्ष 2007 के लिए खरीफ कार्यक्रम निर्धारण और इस वर्ष के रबी मौसम में हुए उत्पादन की समीक्षा कर रहे थे । बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन व मत्स्य पालन विभाग श्रीमती रंजना चौधरी, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रवेश शर्मा, ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के कमिश्नर डा. कोमल सिंह, पंजीयक सहकारी संस्थायें श्री प्रभात पाराशर, प्रबंधक संचालक एम.पी.एग्रो एवं कमिश्नर उद्यान श्री जे.एन.कंसोटिया, प्रबंध संचालक विपणन संघ श्री एस.के. वशिष्ठ, कृषक कल्याण एवं कृषि विभाग के संचालक श्री संग्राम सिंह, ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिला कलेक्टर्स व जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित सहकारिता, कृषि, पशुपालन व मत्स्य विभाग के संभाग व जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे ।

कृषि उत्पादन आयुक्त श्री इकबाल अहमद ने कहा कि गांव के आम आदमी की जिन्दगी कृषि पर निर्भर है और खेतीहर मजदूरों की संख्या भी गांव में अधिक है । इसलिए कृषि कार्यक्रमों का निर्धारण करते समय छोटे और लघु सीमान्त कृषकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाय । उन्होंने दोनों संभागों के सभी जिला कलेक्टर्स समेत कृषि तथा अन्य संबधित विभागों के अधिकारियों को हिदायत दी कि खरीफ फसल के रकवे में वृध्दि के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किये जायें । कृषि उत्पादन आयुक्त ने एक बार पुन: विस्तृत सर्वेक्षण व आंकलन के पश्चात सुनियोजित खरीफ कार्यक्रम निर्धारित करने के निर्देश दिये । उन्होंने खरीफ के लिए उन्नत किस्म के बीज व मानक खाद की व्यवस्था करने पर भी बल दिया ।

       कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि ग्वालियर एवं चम्बल अंचल भैस, बकरी पालन में काफी अग्रणी है, यहाँ की उन्नत नस्लों के पशु प्रान्त के अन्य जिलों में भी विक्रय होकर पहुंचते हैं । यहाँ के  दुग्ध उत्पादन की स्थिति में भी काफी सुधार आया है । उन्होने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया और नये मिल्क रूट बनाने की बात कही । प्रमुख सचिव, पशु चिकित्सा सेवायें श्रीमती रंजना चौधरी ने कहा पशुपालन के लिए स्व सहायता समूहों के गठन और उन्हें हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिये, जिससे उनकी मेहनत का बाजिव लाभ किसानों एवं पशुपालकों को मिल सके ।

       मत्स्य उत्पादन के लिए शासन की योजनाओं के प्रचार- प्रसार पर जोर देते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि मिल्क रूट की तरह फिश रूट भी विकसित किये जायें । मछुआरों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाते हुए बैंकों के माध्यम से ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करें । उन्होंने बताया कि बैंकों से ऋण उपलब्ध न होने पर मछुआरों को साहूकारों के चंगुल में ऋण लेने के लिए फसना पड़ता है । उन्होंने ग्वालियर चम्बल संभाग सहित म.प्र. में मत्स्य उत्पादन की जानकारी दी और कहा कि मत्स्य बीज उत्पादन बढ़ाने के लिए अधोसरंचना विकास और मछुआ क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा दिया जाये । इस दिशा में जिला कलेक्टरर्स विशेष प्रयास करें ।

       किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रवेश शर्मा ने कहा कि कृषि उत्पादन में बढोत्तरी के लिए बीजों के बदलाव पर खास ध्यान दिया जाय । इसके लिए योजनाबध्द कार्यक्रम बनाने पर उन्होंने बल दिया । श्री शर्मा ने जानकारी दी कि सरकार ने उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने के लिए फर्टिलाइजर मेनेजमेण्ट सिस्टम बनाया है । अत: हर विकास खण्ड के हिसाब से उर्वरक की उपलब्धता व आवश्यकता का आंकलन करें । उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स से कहा कि वे कृषि कार्यक्रमों की साप्ताहिक रूप से समीक्षा कर योजनाओं को गति दिलायें ।

       बैठक में सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये कि वे ग्रीष्म ऋतु में पशुओं के लिए पेयजल और चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करें । इसके लिए प्रत्येक विकास खण्ड में ऐसे राहत केम्प स्थलों का चयन किया जाये, जहाँ पशुओं को सभी सुविधाओं के साथ आभ्य भी मिल सके । बैठक में जिलेवार गौ-भैंस वंशीय परियोजना, दुग्ध उत्पादन , पशु टीकाकरण, नंदी शाला योजना, पशु नस्ल संवर्धन, पशु स्वास्थ्य रक्षक और अंतर्विभागीय समन्वय पर विस्तार से चर्चा की गई ।

       पंजीयक सहकारिता विभाग श्री प्रभात पाराशर ने शत प्रतिशत किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने पर बल दिया । एम.पी.एग्रो के प्रबंधक संचालक श्री जे.एन. कंसोटिया ने मधु मक्खी गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए हितग्राहियों को प्रशिक्षित करने और उन्नत कृशि तकनीक के लिए किसानों को अनुदान के आधार पर कृषि उपकरण दिलाने पर जोर दिया ।

 

वन समितियों से जुड़े ग्रामीणों से होगा सीधा संवाद

वन जागरूकता सप्ताह शुरू

 

वन समितियों से जुड़े ग्रामीणों से होगा सीधा संवाद

ग्वालियर 23 अप्रैल 2007

संयुक्त वन प्रबंधन के तहत गठित वन समितियों में सक्रियता बढ़ाने के लिये 23 से 28 अप्रैल 2007 के दौरान वन जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान वनाधिकारी व वन समितियों की बैठक आयोजित कर ग्रामीणों के साथ बेहतर वन प्रबंधन की व्यूह रचना तैयार करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वन समिति सदस्यों द्वारा वन संरक्षण तथा संवर्धन का संकल्प भी लिया जायेगा।

प्रदेश सरकार पहल पर आयोजित किये जा रहे इस अभिनव वन जागरूकता सप्ताह अभियान के दौरान वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों की उपस्थिति में परिचर्चा आयोजित की जायेगी। इन कार्यक्रमों में स्थानीय शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को भी शामिल किया जायगा। कार्यक्रम में वनाधिकारी द्वारा वनों के महत्व तथा उपयोगिता की जानकारी उपलब्ध कराते हुए समिति सदस्यों को वन संरक्षण व संवर्धन के लिये प्रेरित करने के लिये संकल्प दोहराया जायेगा। कार्यक्रम में वन समिति सदस्यों को प्रशिक्षण की दृष्टि से वन प्रबंधन से जुडे विभिन्न विषयों पर सरल भाषा में जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। इसमें वन, जल और भूमि संरक्षण, वन अतिक्रमण से नुकसान, वन उत्पादों की प्राप्ति, जैव विविधता संरक्षण, विनाशविहीन विदोहन, वन्यजीव संरक्षण, अग्नि सुरक्षा, वन अपराधों की रोकथाम, परिवहन अनुज्ञापत्रों से संबंधित प्रावधान आदि विषयों पर चर्चा की जायेगी। सप्ताह के अंतिम दिन व मंडल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जायेगा।

यह अनुभव किया गया है कि वन समितियों को और सशक्त बनाने की आवश्यकता है ताकि वे अपने कर्तव्यों का भलीभांति निर्वहन कर सकें। इसके लिये वन कर्मियों तथा समिति के सदस्यों को साथ-साथ बैठकर परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिये एक अभियान के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। वन जागरूकता सप्ताह के दौरान समितियों की नियमित बैठक आयोजन के साथ ही समिति सदस्यों को उनके कर्तव्य तथा अधिकारों का बोध कराया जायेगा। वन विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। इन योजनाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने में समिति की रचनात्मक भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा होगी और सभी वन संरक्षण और विकास का संकल्प लेंगे।

 

शनिवार, 21 अप्रैल 2007

जनशिकायतों का निराकरण राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता

जनशिकायतों का निराकरण राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्य सचिव श्री आर.सी. साहनी

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.सी. साहनी ने कहा है कि राज्य शासन ने प्रशासनिक सुधार और जनशिकायतों के निराकरण के लिये विभिन्न स्तरों पर अभिनव प्रयास किये हैं। श्री साहनी आज नई दिल्ली में केन्द्रीय केबीनेट सचिव श्री बी.के. चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने आडियो-विजुअल प्रेजेन्टेशन देते हुये बताया कि राज्य शासन ने सुराज, समाधान ऑन लाईन, परख और समाधान एक दिवस कार्यक्रम, जनशिकायत निवारण के लिये शुरू किये हैं। उन्होंने बताया कि समाधान ऑन लाईन के तहत हर महिने के प्रथम मंगलवार को 15 जनशिकायतें चुनी जाती हैं और संबंधित अधिकारियों को सुबह प्रेषित की जाती हैं। संबंधित अधिकारी का दायित्व होता है कि वह उन शिकायतों का शाम 4 बजे से पहले उसी दिन निराकरण करें । शाम को मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित शिकायतकर्ता से रूबरू होकर उसकी शिकायत के संबंध में चर्चा करते हैं और कान्फ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित संबंधित अधिकारी शिकायत पर की गई कार्यवाई से अवगत कराता है। साथ ही विलम्ब के कारण भी बताता है।

मुख्य सचिव ने बताया कि इसी प्रकार समाधान एक दिवस कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमें नागरिकों के लिये सहायता केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इस व्यवस्था में नागरिक अपनी चाही गई जानकारी#प्रमाण-पत्र#नकल आदि इस संबंध में सुबह आवेदन करता है और शाम को कार्यालय समय समाप्त होने के पूर्व संबंधित आवेदन पर कार्यवाई कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से 99 प्रतिशत तक प्रकरणों का निराकरण होने लगा है। इसी प्रकार परख कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत आधारभूत सेवाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की निगरानी की जा रही है।

श्री साहनी ने बताया कि इन कार्यक्रमों के अलावा प्रदेश के कोषालयों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। प्रोजेक्ट क्लीयरेन्स एण्ड इम्प्लीमेंटेशन बोर्ड का गठन किया गया है। सी.एम. मॉनीटरिंग सिस्टम अपनाया गया है। वाहन चालक लायसेंस के लिये स्मार्ट कार्ड तथा वाहन पंजीयन के लिये भी नई व्यवस्था शुरू की गई है। इस प्रकार प्रदेश शासन ने जन शिकायतों एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिये अभिनव कार्यक्रम शुरू किये हैं।

 

म.प्र. में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल की पहल, इंजीनियर्स के 109 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

म.प्र. में सूचना प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल की पहल, इंजीनियर्स के 109 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा पारदर्शिता लाने नई तकनीक का उपयोग,पहली बार मध्‍यप्रदेश करेगा आई.टी. का प्रथम जन उपयोग

म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राज्य विद्युत मण्डल की चार कंपनियों में 109 इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की भर्ती के लिए ऑन लाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। मण्डल में ऑन लाइन आवेदन प्राप्त करने का यह पहला अवसर है। चारों कंपनियों में इंजीनियर्स की भर्ती के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा एक्जीक्यूटिव ट्रेनीज इलेक्ट्रिकल के 109 पदों के लिए बी.ई. इलेक्ट्रिकल से स्नातक युवाओं से भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उम्मीदवारों को विद्युत मण्डल की पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर अथवा पारेषण कंपनी जबलपुर में नियुक्त किया जायेगा। आवेदक पूर्व क्षेत्र कंपनी की बेवसाइट http://www.mpdiscomeast.com/ पर लागऑन कर आनलाइन सिस्टम से अपना रजिस्ट्रेशन 7 मई 2007 तक कर सकते हैं। आनलाइन रजिस्ट्रेशन करने पर आवेदक को अस्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा जिसका प्रिंटआउट लेकर वे मात्र अपना फोटो और पांच सौ रूपये के ड्राफ्ट के साथ 14 मई 2007 तक अतिरिक्त सचिव पूर्व क्षेत्र के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। आवेदकों को इस आवेदन के साथ अन्य सहपत्र जैसे अंकसूची, मूल निवासी प्रमाण-पत्र आदि संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि आनलाइन रजिस्ट्रेशन में ही उनकी सारी जानकारी मिल चुकी होगी।

अभिनव शुरूआत आवेदकों से ऑन लाइन आवेदन लेना शुरू कर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अभिनव शुरूआत की है। इस प्रणाली से जहां आवेदकों को फार्म भरने की प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी वहीं भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

तीन पेज-51 बिन्दु: कंपनी की बेवसाइट पर मौजूद तीन पेज के आनलाइन एडमिट कार्ड में 51 से ज्यादा बिन्दुओं पर आवेदक से जानकारी मांगी गई है। आवेदक को जानकारी किस तरह देना है तथा उनका आवेदन स्वीकृत हुआ है या नहीं यह सभी दिशा निर्देश उक्त बेवसाइट पर आटो जनरेट सिस्टम से उपलब्ध कराए गए है।

 

 

वर्षा जल का संरक्षण और संचय

वर्षा जल का संरक्षण और संचय

       देश में हालांकि वर्ष भर में लगभग 1170 मि.मी. बारिश होती है लेकिन अलग-अलग जगहों पर बारिश की मात्रा और पैटर्न में काफी अंतर होता है। पानी के संरक्षण के उद्देश्य से देश में जल संसाधनों के विकास संबंधी कई परियोजनाएं शुरू की गई है। आजादी के बाद से बड़ी, मझौली और लघु सिंचाई स्कीमों के जरिए देश में जल संसाधनो के विकास में काफी प्रगति हुई है। देश में पूरी हो चुकी बांध परियोजनाओं की कुल मौजूदा जल भंडारण क्षमता 213 अरब घन मीटर है जबकि आजादी के समय यह क्षमता मात्र 15.6 अरब घन मीटर  थी। इसके अलावा, मौजूदा मूल्यांकन के अनुसार, निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं की अनुमानित भंडारण क्षमता लगभग 76 अरब घन मीटर है। साथ ही, राज्य सरकारों ने अन्वेषण और नियोजन के लिए कई अन्य स्कीमों की पहचान की है। इन स्कीमों की अनुमानित भंडारण क्षमता लगभग 108 अरब घन मीटर है।

      एक अनुमान के अनुसार देश में वार्षिक नमी औसतन 4000 अरब घन मीटर है। वाष्पीकरण आदि जैसी प्राकृतिक प्रक्रिया को भी शामिल कर लिया जाए तो देश में जल की वार्षिक उपलब्धता औसतन 1869 अरब घन मीटर है। अनुमान है कि भौगोलिक, जल वैज्ञानिक तथा अन्य बाधाओं की वजह से देश में केवल 1123 अरब घन मीटर जल ही इस्तेमाल के लिए उपलब्ध है। शेष जल के बारे में यह कहा जा सकता है कि यह बहकर समुद्र में चला जाता है।

      भारत सरकार त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी), कमान क्षेत्र विकास तथा जल प्रबंध (सीएडीडब्ल्यूएम) कार्यक्रम, कृषि से सीधे जुड़े जल निकायों की मरम्मत, पुनरोध्दार तथा पुनर्बहाली के लिए राष्ट्रीय परियोजना आदि जैसी स्कीमों तथा कार्यक्रमों के जरिए राज्य सरकारों को केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करा रही है। केन्द्र सरकार जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचय और भूजल की प्रतिपूर्ति को भी प्रोत्साहन दे रही है। संबंधित राज्य सरकारें जल संसाधनों के विकास और प्रबंध के लिए कई कदम उठा रही हैं जिनमें जलाशयों का निर्माण, जल निकायों का पुनरोध्दार, वर्षा जल संचय, मानवीय प्रयासों से भूजल की भरपाई और जल प्रबंध के  बेहतर तौर तरीके अपनाना शामिल है। राज्य सरकारें जल संसाधनों के इस्तेमाल के लिए बड़ी, मझौली और लघु स्कीमों (सतही तथा भूजल दोनों) के लिए योजना बनाती है और इन्हें कार्यान्वित करती हैं।

 

मुख्‍समंत्री कन्‍यादान योजना –एक बेवाक आलेख

बाबुल की दुआयें लेती जा...........

मुख्‍समंत्री कन्‍यादान योजना एक बेवाक आलेख

नरेन्‍द्र सिंह तोमर''आनन्‍द'' प्रधान सम्‍पादक ग्‍वालियर टाइम्‍स

 

मुरेना 21 अप्रेल 2007 । इसमें कोई शक नहीं कि हर पिता का अरमान अपनी प्‍यारी बेटी को हसरतों से विदा करने का । बहुतेरे ऐसे भी लोग हम सबके बीच हैं, जहॉं समूचे के समूचे परिवारों को दो जून रोटी भी मयस्‍सर नहीं है ।

एक मशहूर कहावत है , कि तीन काम आदमी को तोड़ भी देते हैं, और बर्बाद कर कर्जदार भी बना देते हैं जिसमें बेटी का ब्‍याह करना और किसी चुनाव का लड़ना तथा मकान का बनवाना । यह तीन काम जिसने भी किये वही तबाह होता आया है । यह तीनों काम अच्‍छे अच्‍छों को हाथ फैलाने पर मजबूर करते हैं ।

गरीबों की कहानी भी अजीब होती है, जीवन भर रोटी के टुकड़े के लिये सारा परिवार जूझता रहता है, पूर्ति नहीं होने पर उनके परिवार के लोग उस काम को भी करने पर बाध्‍य हो जाते हैं, जिसे आम खाता पीता आदमी हेय, घृणित या तुच्‍छ समझता है । तो कई बार ऐसे परिवार मजबूरी में अपराध की राह पर कदम रख बैठते हैं ।

पेट की आग बुझाने के लिये कई बार गरीबों की बेटियों को देह व्‍यापार जैसे व्‍यवसाय मजबूरन करना पड़ते हैं ।

बड़े लोग गलत करें चाहे सही, उन्‍हें किसी बात पर दोष नहीं दिया जाता, उनके द्वारा किया हर कार्य चाहे वह सरासर गलत या आपराधिक ही क्‍यों न हो, उसे नियम या कानून का दर्जा तुरन्‍त मिल जाता है, जबकि गरीब कितना भी सही करे, उसके हर काम में दोष व गलती ढूंढ़ कर आरोपित, प्रताडि़त व लांछित करना भारतीय समाज की पुरानी आदत है । इसी लिये तुलसीदास ने कहा 'समरथ को नहिं दोष गुसाईं'

गरीब के लिये भारतीय परिवेश हमेशा दोहरे मानदण्‍ड अपनाता आया है, हम गरीब को हमेशा चोर, अपराधी और कौमजात अपराधी के नजरिये से ही नापते आये हैं, अपराध शास्‍त्र में तो खुलकर कुछ विशेष जाति और रंग रूप वाले लोगों को आपराधिक जाति कह दिया गया है, जबकि सच्‍चाई ठीक इसके विपरीत है, मेरे पास सैकड़ों उदाहरण हैं तहॉं वे राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री बनने के अलावा उच्‍च प्रशासनिक पदों तक पहुँचे हैं । लेकिन मिथ्‍या अवधारणाओं ने समाज को बहुत गहराई तक अपने में लपेट रखा है ।

गरीब की बेटी की शादी भी एक मजाक मात्र बनकर रह गयी है, अव्‍वल तो उसकी शादी या तो मजबूरन या परिस्थितियों वश हो ही नहीं पाती या यदि हो भी तो भारतीय समाज उसमें भी सौ छिद्र खोजने की कोशिश कर किसी न किसी तरह उसका चुटकुला बनाने का काम करता आया है ।

ऐसी विकट परिस्थितियों में मध्‍यप्रदेश सरकार विशेषकर व्‍यक्तिगत तौर पर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह ने गरीबों की बेटियों के विवाह कराने का एक विकट अश्‍वमेध यज्ञ प्रारंभ किया है, वाकई तहे दिल से काबिल ए तारीफ है । मध्‍यप्रदेश सरकार और शिवराज सिंह को इन गरीब कन्‍याओं का धर्म पिता कहा जाये तो कोई शक नहीं कि यह सम्‍बोधन मेरी नजर में एकदम उचित ही है, वाकई शिवराज सिंह जो कर सकता था , उससे कहीं ज्‍यादा उसने कर भी दिया और करने की हिम्‍मत भी दिखाई । हजारों लाखों बेटियों का बाबुल या जनक बन पाना हरेक की कूबत भी नहीं और मुकददर भी नहीं । भई वाकई कमाल किया है, अच्‍छी बात है ।

लाड़ली लक्ष्‍मी योजना जहॉं बेटियों के लिये वरदान ही नहीं हुयी बल्कि उनकी जीवन दायिनी भी बन गयी, इसके अलावा गरीबों के आत्‍म सम्‍मान की रक्षा का भी एक दीर्घ कालीय मूल भी सिद्ध होगी, इसमें भी शक नहीं ।

मेरी नजर में इन योजनाओं को जाति, धर्म, सम्‍प्रदाय और वर्ग विशेष के अर्जी फर्जी एजेण्‍डों के बजाय सारे के सारे समाज के लिये बिजा लाग लपेट और बिना भेदभाव लागू किये जाना ही इनका सकारात्‍मक उपलब्धियों का प्रमुख कारण रहा है ।

इससे पहले सरकारें किसी जाति या वर्ग विशेष को केन्द्रित कर योजनायें बनाती और चलाती आयी है परिणामत: न केवल वे असफल हों गयीं बल्कि सामाजिक विषमता की गहरी खाई को और पारस्‍परिक घृणा को बढ़ाती ही आयीं हैं ।

निसंदेह मध्‍यप्रदेश सरकार को और उसके मुखिया शिवराज सिंह को इसके लिये साधुवाद दिया जाना चाहिये , बल्कि पुरूस्‍कार और सामाजिक सम्‍मान भी दिया जाना चाहिये ।

इन अच्‍छी योजनाओं का अब वर्तमान तकाजा यह है , कि इन योजनाओं में केन्‍द्र सरकार को विस्‍तार दृश्‍य लागू करना चाहिये, जिससे गरीबों को इन योजनाओं में मिलने वाली इमदाद में कुछ बढ़ोत्‍तरी हो सके । और यदि ऐसा हुआ, तो सचमुच गजब हो जायेगा, मध्‍यप्रदेश सरकार जो कर सकती थी, उसने अपनी क्षमता से कहीं ज्‍यादा कर दिखाया है, अब केन्‍द्र सरकार की बारी है कि जाति वर्ग समुदाय के अर्जी फर्जी ढकोसले छोड़ कर हर तबके और हर समाज के हर आदमी के लिये एकसार विस्‍तार दृश्‍य कल्पित करे और अमल में लाये, तभी कुछ वास्‍तविक कमाल हो पायेगा ।

कोई चोर नहीं आया

इन योजनाओं के क्रियान्‍वयन और पालन की सबसे बड़ी चमात्‍कारिक विशेषता यह रही है कि ,सरकार द्वारा सबके लिये खुल्‍लेआम योजनायें छोड़ देने से लाभ लेने वाले हितग्राही केवल वही लोग रहे जो वाकई इसके पात्र थे, किसी चोरी और बेईमानी का कोई मामला सामने नहीं आया, वाकई हैरत अंगेज है । क्‍या जनता ने संदेश दिया है कि अगर चोर कहोगे तो जरूर चोरी करेंगें और बेईमानी भी वरना भारतवासीयों से अधिक ईमानदार और सच्‍चा समूचे विश्‍व में दूसरा कौन है ।

चरम उपलब्धि और सफलता के भावी संकेत इन योजनाओं की भावी सफलता सम्‍भवत: अतुलनीय हो सकती है, ऐसे पूर्वाभास हो रहे हैं । चूंकि अभी तक इन योजनाओं का ग्रास रूट लेवल यानि जमीनी स्‍तर पर प्रचार व फैलाव नहीं हो पाया था लेकिन जंगल की आग की तरह फैलती इनकी शोहरत वाकई बहुत बड़े परिणाम का खुद ब खुद आगाज करती है ।

मीडिया का रोल शर्मनाक यह सचमुच शर्मनाक व चिन्‍ताजनक है कि जब मध्‍यप्रदेश गरीब की बेटियों की शादीयां करवा रहा था, मीडिया बेशर्मी से अमीरों की शादी की प्रतीक्षा के सामने प्रतीक्षा कर रहा था, वह भी ऐसी जगह जहॉं न उसे बुलाया गया न तवज्‍जुह दी गई, फिर भी मीडिया दीवालें दरवाजें ताक ताक कर अपने को धन्‍य मानता रहा, मगर धन्‍य है अमिताभ बच्‍चन जिसने भारतीय मीडिया को उसकी जात और औकात बता कर कुत्‍तों की तरह दरवाजे के बाहर ही भौंकते रहने दिया । जब गरीब बेटियों की हजारों शादीयां हो रही थीं, मीडिया वहॉं से नदारद था, गरीब की लुगाई सारे गांव की भौजाई, यह पुरानी कहावत है, मगर भारत के मीडिया के लिये शर्मनाक और चुल्‍लू भर पानी में डूब मरने लायक ।

''वे कत्‍ल भी कर दें तो चर्चा नहीं होता, हम आह भी भरें तो हो जाते हैं बदनाम''

गरीब की बेटियों की शादी के इवेण्‍ट तो इवेण्‍ट नहीं होते, वे कवरेज योग्‍य भी नहीं होते ।