कलेक्टर द्वारा बाल विवाह की कुप्रथा को हतोत्साहित करने की अपील ,बाल विवाह रोकने निगरानी दल गठित
ग्वालियर 16 अप्रैल 2007
कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा है कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है । इसे रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों के लोगों को आगे आना चाहिए । उन्होंने जिले के जन प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों से बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को हतोत्साहित करने तथा जन जागृति पैदा करने में शासन प्रशासन -को सहयोग करने की अपील की है। जिला प्रशासन द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए निगरानी दलों का गठन किया गया है। ये दल 19 व 20 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन विवाह स्थलों का भ्रमण करेंगे।
कलेक्टर ने ग्वालियर शहर में बाल विवाह को रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में चार टीमें गठित की गई हैं । मुरार परिक्षेत्र के लिये गठित टीम में श्री संदीप मांकिन सिटी मजिस्ट्रेट,श्री राम लखन सिंह भदौरिया सी.एस.पी मुरार व श्रीमती अंजू श्रीवास्तव परियोजना अधिकारी शहर-2 को शामिल किया गया है । ग्वालियर परिक्षेत्र के लिये श्री एस.के. सक्सैना सिटी मजिस्ट्रेट ग्वालियर,श्री राय सिंह नरवरिया सीएसपी ग्वालियर व श्रीमती इन्द्रा साहनी परियोजना अधिकारी शहर-1, लश्कर परिक्षेत्र के लिये श्री शरद श्रोतिय, सिटी मजिस्टेट लश्कर, श्री रामजीलाल श्रीवास्तव सीएसपी लश्कर व श्री मनोज खरे परियोजना अधिकारी शहर क्रमांक -3 और झांसी रोड परिक्षेत्र के लिये श्री एस.के.त्रिपाठी सिटी मजिस्ट्रेट झांसी रोड, श्री शशांक गर्ग सीएसपी झांसी रोड व श्रीमती जयश्री संत पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास को शामिल किया गया है।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिये कलेक्टर ने सम्बन्धित अनुविभागीय दण्डाधिकारी के नेतृत्व में निगरानी दल गठित किये है। इसमें संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, परियोजना अधिकारी, क्षेत्रीय पर्यवेक्षक को शामिल किया गया है । ये दल सामुहिक विवाह समारोह के आयोजन पर निगरानी रख कर बाल विवाह रोकने की कार्रवाई करेगें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सुश्री सीमा शर्मा ने बताया कि बाल अवरोध अधिनियम 1929 के तहत बाल विवाह एक कानूनी अपराध है । जिसके तहत 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की का विवाह करने पर 15 दिन तक का कारावास या एक हजार रूपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती है ।
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