भूजल स्तर में सुधार के उपाय
जल संसाधन मंत्रालय ने सभी केन्द्रीय मंत्रालयों, रेलवे, रक्षा, डाक, दूरसंचार, केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अपने नियंत्रण वाली इमारतों की छतों पर वर्षा जल संचयन ढांचा बनाने का आग्रह किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में छतों पर जल संचयन के संवर्धन के लिए जल संसाधन मंत्रालय गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से एक प्रदर्शनात्मक योजना अमल में ला रहा है जिसके तहत राज्यों में बालिका विद्यालयों में पीने के पानी और शौचालयों में इस्तेमाल के लिए पानी के संग्रह के लिए छतों पर वर्षा जल संचयन ढांचों के निर्माण के लिए धनराशि प्रदान की जाती है।
केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) ने संबधित राज्यों के मुख्य सचिवों से भूजल के कृत्रिम रीचार्ज तथा उनके अधिकार क्षेत्र में कमी वाले इलाकों में वर्षा जल संचयन संवर्धन और इमारत निर्माण नियमों में छत पर वर्षा जल संचयन ढांचे का निर्माण शामिल करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सीजीडब्ल्यूए ने सामूहिक आवासीय सोसाइटियों, उद्योगों, फार्म हाउसों आदि और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में, जहां भूजल स्तर सतह से 8 मीटर नीचे है, वर्षा जल संचयन प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए हैं।
सीजीडब्ल्यूए केन्द्र और राज्य सरकारों, गैर सरकारी और स्वयंसेवी संगठनों, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, शिक्षा संस्थानों, उद्योगों और व्यक्तियों के माध्यम से पूरे देश में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर वर्षा जल संचयन और भूजल के कृत्रिम रीचार्ज को बढावा देता है। अब तक सीजीडब्ल्यूए 207 प्रशिक्षण और 290 जागरूकता कार्यक्रम चला चुका है। 2006-07 में 26 जागरूकता कार्यक्रम और 32 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
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