मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना
प्रलय श्रीवास्तव
मुख्यमंत्री ने 30 जुलाई, 2006 को आयोजित 'महिला पंचायत' के अवसर पर यह घोषणा की थी कि 'लाड़ली लक्ष्मी योजना' के तहत, कन्याओं के जन्म के समय उनके नाम से राशि जमा करने की योजना तैयार की जायेगी, जिसके अंतर्गत कन्या की आयु 21 वर्ष होने पर उसे एक लाख रुपये मिलेंगे। वस्तुत: राष्ट्रीय मानकों के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश में महिलाओं से संबंधित संकेतक लिंगानुपात और बालिकाओं के शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में 'लाडली लक्ष्मी योजना' एक अप्रैल, 2007 से लागू की जायेगी।
योजना का स्वरूप
1. योजना के अनुसार मध्यप्रदेश के मूल निवासी ऐसे माता-पिता जिनकी दो या दो से कम सन्तान हो तथा जिन्होंने योजना के पंजीकरण हेतु आवेदन करने के पूर्व परिवार नियोजन अपना लिया हो, की ऐसी बालिका सन्तान जो राज्य के किसी भी आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकृत हो एवं जिसकी आंगनवाड़ी में उपस्थिति साधारणत: नियमित हो अथवा ऐसी बालिका जो राज्य के किसी अनाथालय अथवा किसी बालिका अनुरक्षण गृह में निवासरत हो एवं
2. जिसका जन्म एक जनवरी, 2006 को या उसके पश्चात हुआ हो योजना हेतु पात्र होगी।
3. यदि बालिका का योजना में पंजीकरण बालिका के जन्म के एक वर्ष के अन्दर किया गया हो, या यदि बालिका अपने माता-पिता की प्रथम संतान है तो द्वितीय संतान के जन्म के एक वर्ष के अन्दर किया गया हो,
4. परन्तु यदि प्रथम एवं द्वितीय दोनों संतानों का जन्म एक अप्रैल, 2007 के पूर्व हो चुका है तो ऐसी बालिकाओं का पंजीयन योजना प्रारम्भ होने की तिथि से एक वर्ष के अन्दर अर्थात 31 मार्च 2008 तक कराया जा सकेगा।
5. ऐसी बालिका के नाम से एक निश्चित राशि राष्ट्रीय बचत पत्र पोस्ट आफिस से क्रय किये जायेंगे, तथा बालिका को समय-समय पर भुगतान, योजना के अधीन निर्धारित पात्रता शर्तों को पूर्ण करने पर, योजना में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा।
6. बालिका के नाम से पंजीकरण के समय छह हजार रुपये तथा उसके पश्चात लगातार 4 वर्षों तक 6000 रुपये के राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय किये जायेंगे। इस प्रकार कुल राशि 30,000 रुपये के राष्ट्रीय बचत पत्र बालिका के नाम किये जायेंगे।
7. राष्ट्रीय बचत पत्रों के नवीनीकरण के समय, यदि 6 वर्ष से कम अवधि अंतिम भुगतान के लिए शेष रहती है तो नवीनीकरण सावधि जमा के रूप में किया जायेगा।
योजना से अपेक्षित लाभ
· बाल विवाह में कमी
· बालिकाओं के शिक्षा के स्तर में सुधार
· बालिकाओं के स्वास्थ्य में सुधार
· लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन
· परिवार नियोजन को प्रोत्साहन, विशेषत: दो बालिकाओं के जन्म के बाद बालक के जन्म की चाह में कमी
· जनसंख्या वृध्दि दर में कमी
योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया
1. योजना में पंजीकरण हेतु आवेदन-पत्र का प्रारूप डाकतार विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की परस्पर सहमति से निर्धारित किया जाएगा।
2. माता-पिता अथवा अभिभावक द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से आवेदन-पत्र लेकर पूर्णत: भरा हुआ आवेदन-पत्र बालिका के जन्म के एक वर्ष के अन्दर संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रस्तुत करना होगा या यदि बालिका अपने माता-पिता की प्रथम संतान है तो द्वितीय संतान के जन्म के एक वर्ष के अन्दर प्रस्तुत करना होगा, परन्तु यदि प्रथम एवं द्वितीय दोनों संतानों का जन्म एक अप्रैल, 2007 के पूर्व हो चुका हो तो ऐसी स्थिति में एक अप्रैल, 2007 के पूर्व जन्म लेने वाले बालिकाओं के पंजीयन के लिए आवेदन 31 मार्च, 2008 तक प्रस्तुत किया जा सकेगा। ऐसे प्राप्त आवेदनों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, संबंधित परियोजना अधिकारी को प्रेषित करेगी। अनाथ बालिका की दशा में संबंधित अनाथालय#संरक्षण गृह के अधीक्षक द्वारा बालिका के अनाथालय में प्रवेश के एक वर्ष के अन्दर और बालिका की आयु 6 वर्ष होने के पूर्व संबंधित परियोजना अधिकारी को आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। ऐसी बालिका के लिए जन्म तिथि वह मानी जायेगी जो अनाथालय#संरक्षण गृह में प्रवेश के समय अंकित की गई हो।
3. योजना के तहत आवेदन प्राप्त करने की कोई अधिकतम संख्या निर्धारित नहीं होगी, अर्थात् प्रत्येक पात्र बालिका के लिए आवेदन-पत्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता#परियोजना अधिकारी द्वारा स्वीकार किये जायेंगे।
4. आवेदन पत्र वर्ष में एक बार या एक से अधिक बार आमंत्रित करने के संबंध में निर्णय लेने के लिए प्रशासकीय विभाग सक्षम होगा।
5. परियोजना अधिकारी प्राप्त आवेदन-पत्रों को उनके कार्यालय में प्राप्त होने की तिथि के अनुक्रम में एक पंजी में दर्ज करेगा। आवेदन-पत्र उपयुक्त पाये जाने पर उनका सम्पूर्ण विवरण विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में एक पंजी में अंकित करेगा तथा संबंधित डाकघर को प्रेषित करेगा।
6. परियोजना अधिकारी प्रत्येक माह में पंजीकृत की गई बालिकाओं की सूची निर्धारित प्रारूप में संचालनालय को प्रेषित करेगा। संचालनालय द्वारा ऐसी प्राप्त सूचियों को एकजाई कर हितग्राही संख्या के आधार पर एक मुश्त राशि आहरित कर डाकतार विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा की जायेगी। डाकतार विभाग को हितग्राहियों की जिलावार सूची संचालनालय, महिला बाल विकास विभाग द्वारा राशि के साथ उपलब्ध कराई जायेगी जिसकी सूचना परियोजना अधिकारी एवं जिला अधिकारी को दी जायेगी।
7. डाकतार विभाग द्वारा प्राप्त ऐसी सूची के आधार पर बालिकाओं के नाम से 6 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र जारी किये जायेंगे। उक्त बचत पत्रों की फोटो प्रति परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग के कार्यालय में सुरक्षित रखी जायेगी।
8. बालिकाओं के पक्ष में जारी किये गये ऐसे राष्ट्रीय बचत पत्रों को शासन के पक्ष में निर्धारित नियमों के तहत प्लेज किया जायेगा एवं राष्ट्रीय बचत पत्र हितग्राही को उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना अधिकारी राष्ट्रीय बचत पत्रों का विवरण पंजी में अंकित करेगा तथा इसके साथ हितग्राहियों को योजना का संक्षिप्त विवरण उपलब्ध कराया जायेगा।
9. योजना में पंजीयन के 6 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय बचत पत्र का विभाग द्वारा नवीनीकरण कराया जायेगा। ऐसा नवीनीकरण भुगतान प्रक्रिया में दर्शाए प्रावधानों के अनुसार समय-समय पर देय एकमुश्त भुगतानों को घटाकर शेष राशि का नवीनीकरण किया जाएगा। कक्षा 11 में प्रवेश लेने पर अगले दो वर्ष के लिए मासिक भुगतान करने हेतु आवश्यक राशि 'संचायिका' खाते में जो बालिका एवं स्कूल के प्रधानाचार्य के संयुक्त नाम से खोला जायेगा, में डाकघर द्वारा स्थानान्तरित की जायेगी।
10. पंजीयन के 12 वर्ष पूर्ण होने पर बिन्दु क्रमांक 9 के अनुसार कार्यवाही दोहराई जायेगी।
11. पंजीयन के 18 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय बचत पत्र की भुगतान योग्य राशि तथा संचायिका खाते में शेष राशि को मिलाकर आवश्यकता अनुसार सावधि जमा बालिका के नाम पर की जायेगी। जो बालिका के 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर अथवा बालिका के आवेदन पर 21 वर्ष की आयु के पूर्व ही बालिका को उस दिनांक तक देय राशि भुगतान की जायेगी।
12. पंजीयन रजिस्टर एवं अन्य अभिलेख समय-समय पर विभागाध्याक्ष द्वारा निर्धारित किये जायेंगे।
13. किसी भी पता परिवर्तन की दशा में परियोजना अधिकारी द्वारा तत्काल पता परिवर्तन, पंजीयन रजिस्टर में दर्ज किया जायेगा तथा यदि नवीन पता अन्य परियोजना में स्थित है तो संबंधित परियोजना अधिकारी को ऐसी सूचना वर्तमान परियोजना अधिकारी द्वारा दी जायेगी तथा पोस्ट मास्टर से नवीन पोस्ट आफिस में खाता पोस्ट मास्टर से नवीन पोस्ट आफिस में खाता स्थानान्तरित करने का अनुरोध किया जाएगा। नवीन पोस्ट आफिस#परियोजना क्षेत्र में शेष क्रियान्वयन किया जाएगा।
14. परियोजना अधिकारी योजना के क्रियान्वयन हेतु सक्षम अधिकारी होगा। जो योजना की गतिविधियों के बारे में संबंधित जिला अधिकारी, कलेक्टर एवं विभागाध्यक्ष को नियमित रूप से प्रतिवेदन भेजेगा।
15. योजना के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक होने पर डाकतार विभाग के सक्षम अधिकारी के साथ करार किया जायेगा। जिसके प्रावधानों के संबंध में निर्णय हेतु प्रशासकीय विभाग सक्षम होगा।
16. योजना का व्यापक प्रचार एवं प्रसार किया जायेगा। प्रचार-प्रसार हेतु कुल योजना राशि का एक प्रतिशत राशि का प्रावधान पृथक से किया जायेगा तथा योजना राशि का एक प्रतिशत प्रावधान पृथक से योजना के प्रभावों के अध्ययन और अभिलेखीकरण हेतु रखा जायेगा।
17. बालिका के पंजीयन एवं उसके लिए राशि जमा करने के मात्र से ही यह बंधन नहीं होगा कि योजना बालिका के 21 वर्ष तक की आयु तक निरन्तर रखी जाये। योजना को किसी भी समय स्थगित अथवा समाप्त करने हेतु राज्य शासन सक्षम होगा।
भुगतान प्रक्रिया
1. बालिका के कक्षा 5वीं पास करने पर 2000 रुपये, कक्षा आठवीं पास करने पर 4000 रुपये तथा कक्षा 10वीं पास करने पर 7500 रुपये एक मुश्त भुगतान किया जायेगा तथा 11वी कक्षा में प्रवेश लेने के पश्चात आगामी दो वर्ष के लिये 200 रुपये प्रतिमाह का भुगतान बालिका को किया जायेगा।
2. बालिका की आयु 21 वर्ष की पूर्ण होने पर तथा 12वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर शेष एकमुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा परन्तु यह शर्त होगी कि बालिका का विवाह, विवाह के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु के पश्चात हुआ हो। ऐसी भुगतान की गई कुल राशि जन्म के एक वर्ष के अन्दर पंजीकृत होने वाली बालिका के लिए एक लाख रुपये से अधिक होगी।
3. बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पर तथा उसके बाद 12वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर योजना के मध्य में अर्थात 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने के पूर्व ही बालिका के आवेदन पर उस दिनांक तक देय राशि का समयपूर्व भुगतान किया जा सकेगा।
4. निर्धारित पात्रता शर्तों को पूर्ण न करने या बालिका हितग्राही की असामयिक मृत्यु की दशा में बालिका को देय समस्त लाभ शासन को समर्पित समझे जायेंगे। यदि किसी परिवार की दो बालिकायें इस योजना के तहत हितग्राही हैं, तो उनमें से किसी एक बालिका की आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर उत्तरजीवी बालिका को मृत बालिका के समस्त हितलाभ स्थानान्तरित हो जायेंगे। दूसरी बालिका की भी असामयिक मृत्यु हो जाने की दशा में बालिकाओं को देय समस्त हितलाभ शासन को समर्पित समझे जायेंगे।
5. योजना के लिए बालिका की संरक्षक माँ होगी, माँ के निधन की दशा में पिता एवं पिता के निधन की दशा में विधिक संरक्षक योजना के लिए संरक्षक होगा, अनाथ बालिका की दशा से संबंधित अनाथालय#बाल संरक्षण गृह का अधीक्षक इस योजना के लिए संरक्षक होगा।
6. डाकघर में जमा करने हेतु राशि की स्वीकृति एवं आहरण हेतु आयुक्त#संचालक, महिला बाल विकास विभाग, सक्षम प्राधिकारी होंगे।
7. आयुक्त#संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग उक्त योजना के लिए हितग्राहियों की ओर से अल्प बचत एजेन्ट के रूप में कार्य करेंगे। एजेन्ट के रूप में आयुक्त#संचालक को कोई राशि प्राप्त होने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं#सहायिकाओं को हितग्राहियों की संख्या के आधार पर वितरित की जायेगी।
आवश्यक प्रमाण-पत्र
· आवेदन के समय बालिका के माता-पिता के मध्यप्रदेश के मूल निवासी होने, संबंधित ग्राम अथवा वार्ड में निवासरत रहने, बालिका के जन्म दिनांक, बालिका के माता-पिता के द्वारा परिवार नियोजन अपनाने, बालिका के आंगनवाड़ी में पंजीकृत होने के संबंध में सत्यापन ऐसे प्रारूप में जैसा कि विभाग द्वारा निर्धारित किया जाये, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जायेगा।
· अन्तिम भुगतान के समय कक्षा 12वी की परीक्षा में सम्मिलित होने तथा निर्धारित आयु के पूर्व विवाह न होने का प्रमाण-पत्र हितग्राही द्वारा परियोजना अधिकारी को प्रस्तुत किया जायेगा।
योजना क्रियान्वयन की समीक्षा
· योजना की समीक्षा के लिए प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, महिला बाल विकास विभाग की अध्यक्षता में एक स्थाई सशक्त समिति गठित की जायेगी, जिसमें सचिव मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, प्रतिनिधि डाकतार विभाग, सदस्य एवं आयुक्त#संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग, सदस्य सचिव रहेंगे। समिति योजना की शर्तों, नियमों में संशोधन तथा सुधार, योजना के अन्तर्गत अंशदान की राशि का पुनरीक्षण, योजना की निरन्तरता#समाप्ति के संबंध में अनुशंसा करने हेतु सक्षम होगी। योजना के किसी भी नियम एवं शर्त के निर्वचन के संबंध में राज्य स्तरीय समिति का निर्णय अंतिम होगा।
· संबंधित जिलों के जिला कलेक्टर, योजना के क्रियान्वयन की समय-समय पर समीक्षा करेंगे और आवश्यकता अनुसार समीक्षा प्रतिवेदन विभागाध्यक्ष को प्रेषित करेंगे। समीक्षा रिपोर्टों में योजना के संबंध में किसी प्रकार की विसंगति प्रतिवेदित होने की स्थिति में विभागाध्यक्ष राज्य स्तरीय समीक्षा समिति को अपनी टीप के साथ प्रस्तुत करेगा।
· परियोजना कार्यालय में पंजीकृत कम से कम पांच प्रतिशत हितग्राहियों की जाँच विभागाध्यक्ष द्वारा प्रत्येक वर्ष ऐसी रीति से की जाएगी जैसी कि विभागाध्यक्ष समय-समय पर निर्घारित करें।
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