बुधवार, 12 जनवरी 2011

किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के प्रकरणों की जांच सक्षम अधिकारी करेंगे

किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के प्रकरणों की जांच सक्षम अधिकारी करेंगे

विवादित बिलों के आवेदन पत्रों का निराकरण होगा

ऊर्जा विभाग द्वारा मैदानी अधिकारियों को दिये गये निर्देश

भोपाल 11 जनवरी 2011/ राज्य शासन द्वारा किसानों की बिजली से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिये निरंतर उपाय किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में शासन द्वारा विभिन्न विद्युत संबंधी मांगों के समाधान के त्वरित निराकरण के लिये प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही इसका पालन मैदानी अधिकारियों से सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

शासन ने किसानों के विरुध्द बिजली चोरी के झूठे, गलत प्रकरण बनाये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर इसकी जांच सक्षम अधिकारी से कराई जाने को कहा है। कृषकों के विवादित बिलों के संबंध में आवेदन प्राप्त होने पर उनका निराकरण अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता कार्यालय स्तर पर गठित समिति से कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। विद्युत व्यवधान की अवधि में बिल की राशि को निरस्त करने तथा भविष्य में भी इस बात को ध्यान में रखते हुए बिल जारी करने को कहा गया है। साथ ही किसानों के सिंचाई पम्पों की क्षमता की गणना उपयुक्त मानक के विद्युत उपकरणों द्वारा ही करने तथा तदनुसार आंकलित बिल जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उपकरणों से की गई पम्प की क्षमता की गणना कृषक या उसके प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जाये और इसके अभिलेख रिकार्ड में रखे जायें। निजी ट्रांसफार्मरों की वैधानिक मान्यता के संबंध में कहा गया है कि ऐसे ट्रांसफार्मरों को नियमित करने के लिये कार्यवाही की जाये तथा ट्रांसफार्मर से संबंधित किसान को कनेक्शन देकर नियमित बिल जारी किया जाना सुनिश्चित किया जाये।

राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस बात का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये कि ट्रांसफार्मर जलने पर ऑइल तथा क्षतिग्रस्त कलपुर्जे संबंधित विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये जायें तथा इसकी कीमत किसानों से नहीं वसूली जाये। साथ ही संभागीय स्तर पर ट्रांसफार्मर की पर्याप्त उपलब्धता (ट्रांसफार्मर बैंक) सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। इसके साथ ही यदि कृषक द्वारा आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने एवं ट्रांसफार्मर चार्ज करवाने के उपरांत स्वयं उसका रख-रखाव किया जाता है तो इस स्थिति में उस ट्रांसफार्मर पर कृषक की बिना अनुमति के कोई अन्य कनेक्शन नहीं दिया जाये। उपकेन्द्रों एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृध्दि के संबंध में मैदानी स्तर पर अस्थाई कनेक्शनों की मेपिंग करने को कहा गया है, जिससे वितरण ट्रांसफार्मर के भार का आंकलन किया जा सके एवं ओव्हर लोडिंग की स्थिति पर रोक लगाई जा सके। इससे ट्रांसफार्मर जलने और खराब होने की दर में भी कमी लाई जा सकेगी। इस कार्य की सतत समीक्षा के निर्देश भी दिये गये हैं।

मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्व-वित्तीय ट्रांसफार्मर योजना के तहत किसानों के आवेदन प्राप्त होने पर प्राक्कलन की स्वीकृति के लिये प्रकरण को निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करें। कृषकों द्वारा कार्य पूर्ण कराये जाने पर उन्हें तत्परता से कनेक्शन प्रदाय किये जाने की कार्यवाही की जाये।

मैदानी अधिकारियों द्वारा बिजली बिलों की अग्रिम राशि का भुगतान लेने से मना किये जाने के संबंध में कृषकों द्वारा जमा कराई जाने वाली अग्रिम राशि को प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। कृषकों द्वारा स्थापित किये जा रहे पम्प के भार के अनुरूप ही विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिये गये हैं। किसान महा पंचायत योजना में स्वीकृत पम्पों के कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने तथा इसके लिये आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। मैदानी स्तर पर किसानों की शिकायतों के निराकरण के लिये रबी मौसम के दौरान स्थापित नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्यरत रखने तथा दर्ज शिकायतों की दैनिक समीक्षा वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कराये जाने को कहा गया है।

इसी प्रकार किसानों को निर्धारित अवधि में विद्युत कनेक्शन दिया जाना सुनिश्चित किया जाये। विद्युत समस्या समाधान शिविर संभागीय एवं जिला कार्यालयों के अलावा वितरण केन्द्र स्तर पर साप्ताहिक बाजार के दिन आयोजित करने तथा इन शिविरों में निराकरण किये गये प्रकरणों की जानकारी प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। विद्युत प्रदाय की निर्धारित समयावधि में शट डाउन अथवा मेन्टिनेंस का कार्य नहीं करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे कि विद्युत उपलब्ध होने की स्थिति में किसानों को बिजली उपलब्ध कराई जा सके।

जारी निर्देशों में इसी तरह अलीराजपुर एवं झाबुआ जिले के विद्युतीकृत ग्रामों में जिन मजरे टोले में एल.टी. लाईन नहीं है वहां पर राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत लाईन डालने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया है। इसकी प्रतिमाह समीक्षा कर प्रतिवेदन ऊर्जा विभाग को भेजने को भी कहा गया है। अशोकनगर, ईसागढ़ एवं साडोरा में 33 के.व्ही. लाईन का कार्य जनवरी, 2011 में पूर्ण करने को कहा गया है। इसके अलावा बनखेड़ी जिला होशंगाबाद में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्राथमिकता एवं कार्यक्रम के अनुसार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

 

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