शुक्रवार, 24 अगस्त 2007

कलेक्टर ने पानी छूकर भगाया भूत

कलेक्टर ने पानी छूकर भगाया भूत

भिण्ड 22 अगस्त 2007

       कलेक्टर श्री सुहेल अली ने आज मेहगांव तहसील के ग्राम पंचायत अडोखर के ग्राम कमनपुरा के तालाब के पानी को छूकर और तालाब के किनारे बैठकर ग्रामीणों के दिमाग से तालाब में भूत है इस धारण को निर्मल सिद्व करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डा. के.एम ओझा ने भी ग्रामीणो को भूत बाधाओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सम्बन्ध में समझाइश दी।

      कलेक्टर  श्री अली ने कहा कि भूतप्रेत बाते केवल कपोल कल्पित है यह केवल मानसिक धारणाओं पर आधारित है संयोग वश होने वाली घटनाओं को हम इससे जोड दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ''डर का भूत''  है  या  ''जो डर गया वह समझो मर गया'' जैसी लोकोत्तियों  वर्षो से  प्रचलित  है  इनमें सत्यता भी है। उन्होने ग्रामीणों को इस धारणा से मुक्त होने की  सलाह दी। उन्होंने कहा कि सृष्टि में ईश्वर द्वारा रचित सभी रचनाओं में मानव सर्वाधिक बलवान व बुद्विमान है। मानव आज चांद, बुध और मंगल पर पहुंच रहा है विज्ञान ने सारी दुनिया में आश्चर्यजनक प्रयोग किये है। इस युग में भूतप्रेत की बातें करना अप्रसांगिक है।

       श्री अली ने ग्रामीणों की इस धारणों को भी र्निमूल सिद्व करने का प्रयास किया कि तालाब के पानी को छू लेने मात्र से अनहोनी घटित हो जाती है। उन्होंने स्वयं तालाब का पानी हाथ में लिया तथा तालाब के किनारे वैठकर ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने तालाब के निर्माण का उसे पक्का बनाने के लिए प्रस्ताव जनपद को भेजने के निर्देश तहसीलदार को दिए। इसके साथ ही तालाब से लगी पट्टे की जमीन को जुताई करवाने के निर्देश तहसीलदार को दिए। उन्होंने ग्राम की चौपाल पर बैठकर पटेल माधवसिंह व अन्य ग्रामीणों से चर्चा की।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डा.के.एम ओझा ने ग्रामीणों की विभिन्न शंकाओं का समाधान किया, उन्होंने ग्रामीणो द्वारा गत 16 जुलाई को दुर्घटनाओं में ग्राम के एक बच्चे की तालाब में डूबकर मृत्यु हो जाने और मृत्यु के उपरांत बच्चे के पेट से पानी आदि न निकलने की शंका का समाधान किया, डा. ओझा ने बताया कि मृत्यु होने के उपरांत मानव शरीर के सभी हिस्से काम करना बंद कर देते है ऐसी परिस्थितियों में पेट से पानी का बाहर आज संभव नही है इसप्रकार कीचड में सिर के बल गढ जाने के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि व्यक्ति का सीने तक पानी या मिट्टी में प्रवेश हो जाने पर शरीर सिर के बल पलट जाता है इसलिए ऐसा महसूस होता है कि किसी बुरी आत्मा द्वारा सिर के बल गाढ दिया गया है। उन्होंने ग्रामीणों को एक भूता हवेली की स्टोरी भी सुनाई।

 

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