प्रगति जीवन का प्रतीक है : डॉ. जाखड़
राज्यपाल ने जीवाजी विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यों का  लोकार्पण किया
महामहिम राज्यपाल एवं  कुलाधिपति डॉ. बलराम जाखड़ ने कहा है कि प्रगति जीवन का प्रतीक है और यह सही दिशा  में हो तो वह काफी आगे तक जाती है।
राज्यपाल आज जीवाजी  विश्वविद्यालय में विभिन्न विकास कार्यों के लोकापर्ण समारोह को संबोधित कर रहे  थे। उन्होंने यहां ज्ञानदृष्टि वाटिका, आर्यभट्ट छात्रावास व नवीन अतिथि गृह का लोकापर्ण किया।
राज्यपाल ने कहा कि विद्या  केवल पैसा कमाने का साधन भर नहीं हैं अपितु इसका उपयोग समाज व देश के उत्थान के  लिये होना चाहिये। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुये कहा कि आप सब भारत  के भविष्य हो, अत: पढ़-लिखकर  अच्छे नागरिक बनो।
अनुशासन पर जोर देते हुये  राज्यपाल ने कहा कि यह छात्रों व आचार्यो, सभी के लिये आवश्यक है। उन्होंने कुलपति व विश्वविद्यालय प्रबंधन से जुड़े  अधिकारियों से कहा कि वे नियम प्रावधानों के दायरे में कार्यों को अंजाम दें।  इसमें सहयोग के लिये हम आपके पीछे खड़े हैं। राज्यपाल ने कहा कि अच्छी व्यवस्था  देने के लिये सबको समान दृष्टि से देखना आवश्यक है। राज्यपाल ने इस अवसर पर स्पष्ट  किया कि उन्हीं निजी महाविद्यालयों को मान्यता दी जायेगी जो नियमों व शर्तों को  पूरा करते हैं।
ग्वालियर क्षेत्र में कम  वर्षा पर चिंता व्यक्त करते हुये राज्यपाल ने कहा कि हर वर्ष कम वर्षा होने की वजह  भी हम हैं। हमने प्रकृति के साथ अन्याय किया है और अंधाधुंघ पेड़ों की कटाई की है।  उसी का परिणाम हम आज भोग रहे हैं।
राज्यपाल द्वारा आज  लोकार्पित आर्यभट्ट छात्रावास में कार्यालय व अन्य भवनों सहित विद्यार्थियों के  आवास के लिये 94 कक्ष  बनाये गये हैं। तीन हजार 735 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना यह  भवन लगभग एक करोड़ 80 लाख रूपये की लागत से बनकर तैयार हुआ  है। इसी प्रकार 20 कक्ष वाले नवीन अतिथिफ गृह का निर्माण  करीबन 70 लाख रूपये की लागत से किया गया है।
लोकापर्ण समारोह के आरंभ  में विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल का स्वागत किया। विश्वविद्यालय का प्रगति  प्रतिवेदन डॉ. अशोक जैन ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कार्य  परिषद के सदस्य श्री राजीव जैन, कलैक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्री  व्ही.के.सूर्यवंशी, विश्वविद्यालय के आचार्यगण व बड़ी संख्या  में विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में कुल सचिव श्री आनंद मिश्र ने सभी  के प्रति आभार व्यक्त किया।
औषधीय पौधों को  आय का साधन बनाये- राज्यपाल
महामहिम  राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ ने जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में स्थित चरक उद्यान में ज्ञानदृष्टि  वाटिका का लोकापर्ण करते हुये कहा कि यह वाटिका सुखदायी तो है ही, साथ ही इसके औषधीय पौधे व उत्पादों के निर्यात की भी अच्छी  संभावनायें है। औषधीय पौधों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे अधिकाधिक लोग इसे अपनाकर अपनी आय में वृध्दि कर सके। चरक उद्यान  परिसर में विकसित की गई इस ज्ञानदृष्टि वाटिका में विभिन्न सुगंधित प्रजातियों के  पौधे लगाये गये हैं। जिन्हें छूकर एवं सूंघकर नेत्रहीन व्यक्ति इन्हें पहचान सकते  हैं। माधव अंधाश्रम के बच्चों ने राज्यपाल के समक्ष इसका प्रत्यक्ष अनुभव भी किया।






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