सोमवार, 27 अगस्त 2007

धीर पुरूष और योगीयों के लक्षण

''हर समय मुस्‍कराते रहना, चित्‍त शान्‍त रहना, उद्विग्‍नता और भटकाव का न होना,स्‍पष्‍ट विचार,स्‍पष्‍ट धारणा और स्‍पष्‍ट निर्णय, धीर पुरूषों और योगीयों के लक्षण है''-भगवान श्री कृष्‍ण

 

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