मंगलवार, 17 अप्रैल 2007

सरपंचों ने दिये उपयोगी सुझाव, कलेक्टर ने कहा अमल करें

कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये प्रशासन की अनूठी पहल

 

सरपंच, पटवारी, हैण्ड पम्प मिकेनिक और पंचायत सचिव आये एक मंच पर  विकास के लिये समन्वय पर जोर

 

ग्वालियर 16 अप्रैल 2007

ग्वालियर जिले में शासकीय योजनाओं को गुणवत्ता के साथ जमीनी हकीकत बनाने के लिये प्रशासन ने अनूठी पहल की है इसके तहत जिले की सभी पंचायतों के सरपंचों, पंचायत सचिवों, हैण्ड पम्प मेकेनिक और पटवारियों को एक मंच पर लाकर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये समन्वय पर जोर दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी शासकीय अमले के साथ खुला मंच आयोजित कर योजना के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाईयों को चिन्हित कर उनके समाधान ढूढने की पहल जिले में हुई है। इस खुले मंच के माध्यम से सरपंचों को शासन की योजनाओं से अवगत कराते हुये उनके क्रियान्वयन की प्रकिया भी समझाई गई है

       यहाँ बात हो रही है मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप जिले में मैदानी स्तर पर शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के के लिए की गई पहल की । इस दिशा में ग्वालियर जिला प्रशासन ने पंचायत प्रतिनिधियों और शासकीय अमले में समन्वय को बढ़ावा देने के लिये सकारात्मक पहल की है । कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज ग्वालियर मेला प्रागंण के कला रंगमंच में एक वृहद जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में जिले के सभी सरपंचों, पंचायत सचिवों, पटवारियों व हैण्ड पम्प मिकेनिकों और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया । इस अवसर पर जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.के. मिश्रा, डी.एफओ. श्री पुरूषोत्तम धीमान, अपर कलेक्टर श्री आर.एन. गुप्ता और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपस्थित थे ।

       कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने इस सीधे संवाद कार्यक्रम में  कहा कि शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं को गुणवत्ता के साथ मूर्त रूप देने के लिये जरूरी है कि प्रशासन

 

 

और जनप्रतिनिधि आपसी समन्वय से कार्य करें । जन प्रतिनिधि योजनाओं के उद्देश्य और प्रावधानों से भलीभांति अवगत हों ताकि वे अपने क्षेत्र में जरूरतमंदों तक उनका लाभ पहुंचा सकें । उन्होंने कहा कि शासकीय मैदानी अमले का यह दायित्व है कि वह अपने कार्य क्षेत्र में मौजूद रहकर पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग एवं समन्वय से शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं को अमलीजामा पहनायें । उन्होंने कहा कि आज हुई खुली चर्चा के सकारात्मक परिणाम सामने आयें,  इसके लिए सभी मिल-जुलकर काम करें ।

आठ घंटे तक चला सीधा संवाद

 

       कलेक्टर की पहल पर बुलाये गये जिला स्तरीय सम्मेलन में सरपंचों और अधिकारियों के मध्य करीब आठ घंटे तक सीधा संवाद चला । इस अवधि में जहां एक ओर सरपंचों को विभिन्न शासकीय योजनाओं की जानकारी और प्रावधानों से अवगत कराया गया, वहीं सरपंचों द्वारा उठाये गये प्रश्नों का जबाव संबंधित अधिकारियों ने दिया । मसलन सरपंचों ने जब यह शिकायत की हमारे गांव का हैण्ड पम्प ठीक ढंग पेयजल आपूर्ति नहीं कर रहा है, तो उसका सीधा संवाद संबंधित हैण्ड पम्प मिकेनिक व उप यंत्री से कराया गया और समय- सीमा निर्धारित कर सरपंच को बताया गया अमुक तिथि को आपके गांव का हैक्ण्ड पम्प दुरूस्त हो जायेगा । इसी प्रकार आंगन बाड़ी , अविवादित नामांतरण व बंटवारा, स्कूलों के संचालन संबंधी शिकायतों का निपटारा सीधे संवाद के जरिये कराया गया । इस सम्मेलन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि लगातार आठ घंटे तक चले संवाद में सभी ने जिले के सर्वागीण विकास में अपनी जबावदारी महसूस की ।

समस्याओं का मौके पर ही किया निराकरण

       सम्मेलन में विभिन्न विभागों की योजनाओं से संबंधित 15 प्रमुख बिन्दुओं के एजेण्डे पर सरपंचों ने खुलकर चर्चा की। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली समस्यायें भी रखी । प्रत्येक सरपंच द्वारा बताई गई समस्या को गंभीरता से लेते हुये कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आर.के. मिश्रा ने उनका निराकरण किया । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें और अपने मैदानी अमले को सतर्क रहने की हिदायत दें ।

 

 

 

 

मौसमी बीमारियों के प्रति सतर्क रहने के निर्देश

       कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में मौसमी बीमारियों के प्रति पूर्ण सर्तकता बरती जाये । सरपंच, पंचायत सचिव और पटवारी अपने-अपने क्षेत्र में पूर्ण सजगता बरते । यदि किसी क्षेत्र में उल्टी-दस्त, बुखार आदि का प्रभाव होता है, तो उसकी सूचना तत्काल ब्लॉक और जिला स्तर पर दी जाये । जिससे समय रहते बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके । कलेक्टर ने सभी गांवों में डिपो होल्डर और जन स्वास्थ्य रक्षकों को सक्रिय करने पर बल दिया । इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की हितग्राहीमूलक योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी ।

जरूरत पड़ने पर तत्काल हो पेयजल परिवहन

       औसत वर्षा से कम हुई बारिश और गिरते भू-जल स्तर के कारण पेयजल स्त्रोतों में जल की कमी आई है । जरूरतमंद क्षेत्रों में ग्रामीणों को पेयजल परिवहन के द्वारा मुहैया कराया जाएगा । इसके लिए राशि की कमी नहीं आने दी जाएगी । कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने उक्त बात आज सरपंच, सचिव और पटवारियों के सम्मेलन में पेयजल की समीक्षा के दौरान कहीं । उन्होंने स्पष्टरूप से कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां पेयजल की स्थिति गंभीर हो, वहाँ तत्काल पेयजल परिवहन शुरू कराया जाय । इसके साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को हिदायत दी गई कि तकनीकी रूप से बिगड़े हैण्ड पम्पों को तत्काल दुरूस्त कराया जाये । प्रत्येक जनपद में एक पंजी का भी संधारण हो जिसमें बंद हुए हैण्ड पम्प की सूचना दर्ज की जाये ।

सरपंचों ने दिये उपयोगी सुझाव, कलेक्टर ने कहा अमल करें :

शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने और इनके अमल में आ रहीं कठिनाइयों को दूर करने के लिये बुलाये गये सरपंचों के जिला स्तरीय सम्मेलन में कई ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भी उपयोगी व सकारात्मक सुझाव दिये । उनके सुझावों को न केवल सराहा गया, अपितु उन पर अमल करने के लिये विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देशित किया गया । मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों की भूमिका बढ़ाने के लिये एम.डी.एम. पंजी पर सरपंच के हस्ताक्षर, राजस्व अभिलेखों का अद्यतन करने और इस प्रक्रिया के बारे में पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी देना, आंगनबाड़ी की सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में नये केन्द्र खोलने और इनके संचालन के संबंध में सरपंचों ने उपयोगी सुझाव दिये ।

 

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