रविवार, 16 मार्च 2008

एन.आर.ई.जी.एस. के क्रियान्वयन में पंचायतों की महत्ती भूमिका है - शर्मा

एन.आर.ई.जी.एस. के क्रियान्वयन में पंचायतों की महत्ती भूमिका है - शर्मा

 

एक अप्रैल से योजना जिले में लागू

ग्वालियर 15 मार्च 08 । जिले में एक अप्रैल 08 से शुरू हो रही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों की महत्ती जबावदारी है । जिले की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिव इस योजना में पूर्ण पारदर्शिता बरतते हुये लगन एवं निष्ठा के साथ क्रियान्वयन करें । उक्त आशय के विचार जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, चीनौर में ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी डॉ. विनय दुबे, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री मौर्य सहित बड़ी संख्या में सरपंच एवं सचिवगण उपस्थित थे ।

       जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शर्मा ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी देते हुये कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, योजना नहीं बल्कि यह एक कानून है । इस कानून का उल्लघंन करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है । अत: ग्राम पंचायत इस योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण सतर्कता एवं सावधानियां भी बरते । उन्होंने बताया कि यह योजना अब देश के सभी जिलों में लागू की गई है ।

       उन्होंने सभी सरपंचों एवं सचिवों को निर्देश दिये कि योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र एवं जरूरतमंद स्थानीय श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो इसके लिये योजना का विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कर जानकारी दी जाये ।

       श्री शर्मा ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रही इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को 5 लाख रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है । योजना के तहत ऐसे निर्माण कार्य लिये जाये जिसमें स्थानीय जरूरतमंद जॉब कार्डधारी मजदूरों को रोजगार प्राप्त हो सके । निर्माण कार्यो में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों के तहत तालाब एवं स्टापडेमों का निर्माण, पुराने तालाबों व बावड़ियों का गहरीकरण के साथ-साथ पौध रोपण, चारागाह का विकास एवं जमीनों का समतलीकरण आदि के कार्यों का प्राथमिकता दी जाये और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि इन कार्यों पर 40 प्रतिशत राशि मटेरियल (सामग्री) के रूप में और 60 प्रतिशत राशि मजदूरी के रूप में खर्च की जाये । योजना के तहत लिये जाने वाले कार्यों पर मशीनों के उपयोग के साथ-साथ ठेकेदारी प्रथा पर भी पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा ।

       उन्होंने कहा कि योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवारों को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार उनके निवास से 5 किलोमीटर की परिधि में मुहैया कराना है और अधिक दूरी होने पर यात्रा भत्ता व गुजारा भत्ता देना होगा । जॉब कार्डधारी जरूरतमंद श्रमिक द्वारा रोजगार हेतु अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के 15 दिन के अंदर उन्हें रोजगार देना है । रोजगार उपलब्ध न कराने की स्थिति में मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता की पात्रता होगी । अत: यह सुनिश्चित करें कि बेरोजगारी भत्ता देने जैसी स्थिति निर्मित न हो ।

       श्री विनोद शर्मा ने कहा कि पंचायत चलों अभियान के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों में प्रत्येक बुधवार के दिन सरपंच एवं सचिव उपस्थित होकर कार्य करेंगे । इस दौरान गांव की सतर्कता समिति के सदस्यगण भी उपस्थित रहेंगे । इस दिन किसी भी व्यक्ति द्वारा जानकारी मांगी जाने पर उसे पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी।

       उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं मजदूरों को मिलने वाले रोजगार की स्थिति आदि के निरीक्षण हेतु निरीक्षण दलों को भी गठन किया गया है। एम.आई.एस. की जानकारी निर्धारित प्रारूप में समय अवधि में भेजी जावे। जिससे शासन को समय सीमा में जानकारी भेजी जा सके । प्रशिक्षण में जॉब कार्डधारियों के खाता खोलने, जॉब कार्डों का वितरण, फोटोग्राफी की प्रगति सहित योजना के तहत संधारित की जाने वाली विभिन्न पंजियों पर चर्चा की गई ।

''एक गांव एक दिन'' अभियान चलेगा

       सरपंच एवं सचिवों के प्रशिक्षण में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि जिले में ''एक गांव एक दिन'' नाम से एक अभियान चलाया जायेगा । इस अभियान के तहत विभिन्न विभागों के मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ एक गांव में जाकर निर्माण कार्य स्थल पर कार्य की स्थिति का अवलोकन कर सकेंगे । ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देंगे तथा गांव में उपलब्ध संसाधनों एवं आवश्यकता के अनुरूप  शुरू किये जाने वाले कार्यों के संबंध में ग्रामीणों से चर्चा कर जानकारी भी लेंगे ।

 

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