बुधवार, 26 मार्च 2008

ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी जारी रहेगा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम

ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी जारी रहेगा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम

मध्यान्ह भोजन की जिलास्तरीय दिशा दर्शी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न

ग्वालियर 24 मार्च 08 । ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान भी शासकीय एवं शासकीय अनुदान प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण यथावत जारी रहेगा । इस आशय की जानकारी मध्यान्ह भोजन की जिला स्तरीय दिशा दर्शी एवं अनुश्रवण की समिति की बैठक में दी गई । उल्लेखनीय है कि सरकार ने सूखा प्रभावित जिलों में गर्मी की छुट्टियों में भी मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया है । जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज यहां राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान मे संपन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, जिला पंचायत के सदस्य श्री लक्ष्मण सिंह सोलंकी व समिति के अन्य सदस्यगण एवं जिले की समस्त जनपद पंचायतों के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों समेत अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे ।

       जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को हिदायत दी कि सभी शालाओं में ग्रीष्मऋतु के दौरान सुव्यवस्थित ढंग से मध्यान्ह भोजन वितरण के लिये प्रभावी व्यवस्था करें । इसके लिये स्कूलवार एक शिक्षक की डयूटी लगायें और स्व-सहायता समूहों को खाद्यान्न व राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करायें । स्कूली बच्चों को स्वच्छता, जल संरक्षण आदि रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने पर भी बल दिया गया ।

       जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बैठक में जनकारी दी कि जिले में सरकार की मंशा के अनुरूप मध्यान्ह भोजन वितरण का दायित्व स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है । जिले की एक हजार 476 प्राथमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण हो रहा है । जिनमें 77 अनुदान प्राप्त शालायें व 18 मदरसे शामिल हैं । इसी प्रकार 573 माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण हो रहा है, जिनमें 38 अनुदान प्राप्त शालायें शामिल हैं । बैठक में किचिन शेड निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की गई ।

शालाओं में पेयजल के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश

       जिला कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने बैठक में निर्देश दिये कि ग्रीष्मऋतु में सुचारू रूप से मध्यान्ह भोजन संचालित कराने के लिये पेयजल की पुख्ता व्यवस्था करें । आवश्यक हो तो परिवहन के जरिये भी स्कूलों में पेयजल मुहैया कराया जाये।

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