गुरुवार, 28 जून 2007

हमें नशे से सावधान रहना चाहिये - एस.सी.बर्ध्दन

हमें नशे से सावधान रहना चाहिये - एस.सी.बर्ध्दन

 

ग्वालियर 27 जून 2007

आज के सामाजिक परिवेश में नशे का सेवन करना अभिशाप है । समाज के युवा वर्ग जिंदगी का आनंद लेने के लिये तथा कुछ लोग टेंशन के नाम पर नशा करते हैं । एक बार आदमी अगर नशे का आदी हो जाये तो वह चाहकर भी नशे के चंगुल से बाहर नहीं निकल पाता है । अत: हमें नशा से सावधान रहना चाहिये ।

       यह बात राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री एस.सी. बर्ध्दन ने आज राजस्व मंडल में अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर आयोजित विभागीय संगोष्ठी में कही । इस अवसर पर राजस्व बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे ।

       राजस्व मंडल के अध्यक्ष एस.सी बर्ध्दन ने नशा निवारण के प्रति सजग रहने का अह्वान करते हुये कहा कि नशे से आनंद न मिलकर शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानी होती है । नशे से कमजोरी, कंपन, बैचेनी, नीद न आना, सिर में दर्द के साथ व्यक्ति में चिड़चिड़ापन आ जाता है और वह कई  घातक बीमारियों का शिकार होने लगता है । उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुये कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर पाता है, समाज में उसकी प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है । नशे की हालत में किसी से भी लडाई-झगडा हो जाता है और दुख की बात यह है कि कभी-कभी नशे की हालत में दुर्घटना होने पर इनकी मृत्यु भी हो जाती है ।

       श्री वर्धन ने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अफीम, स्मेक, हैरोइन, कोकीन, गांजा, भांग, शराब का परित्याग करना है । नशा करने वाला व्यक्ति समझता है कि वह जिंदगी का आनंद ले रहा हैं, लेकिन वास्तव में नशा जिंदगी का आनंद न देकर जिंदगी को मौत के मुंह में धकेल देता है । अत: हमें इस सामाजिक बुराई को जड से नष्ट करना होगा और इसके लिये प्रत्येक व्यक्ति को संकल्प लेना होगा कि वह नशा का नाश करके स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करने में सहयोग करें   

 

 

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