बुधवार, 27 जून 2007

नशे की लत को समाज में स्टेटस सिम्बल न बनने दें - डा. कोमल सिंह

नशे की लत को समाज में स्टेटस सिम्बल न बनने दें - डा. कोमल सिंह

'' नशीले पदार्थ से समाज में घुलता जहर '' पर परिचर्च सम्‍पन्‍न

ग्वालियर 26 जून 2007

       मादक पदार्थों का सेवन समाजिक बुराई तो है ही, साथ ही यह राष्ट्र की युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट कर देता है । समाज के प्रत्येक वर्ग को मिल- जुलकर प्रयास करना होगा कि नशे की लत समाज में स्टेटस सिम्बल न बनने पाये । इसके लिए जरूरी है कि मादक पदार्थों के खिलाफ निरन्तर चलने वाला अभियान शुरू हो ।

       ग्वालियर- चम्बल संभाग के कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने उक्त विचार मादक पदार्थों के दुरूपयोग के विरूध्द अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किये । कार्यक्रम की अध्यक्षता मानसिक आरोग्य शाला ग्वालियर के संचालक प्रो. रामगुलाम राजदान ने की । इस अवसर पर उपायुक्त नारकोटिक्स श्री राजेश पाण्डे, डीन मेडिकल कॉलेज डा. शैला सप्रे, आई.एम.ए.ग्वालियर. के अध्यक्ष डा. मुकुल तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष डा. अशोक मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे ।

       डा.कोमल सिंह ने कहा कि नशा किसी भी दशा में मानव जीवन के लिए उपयुक्त नहीं है । राष्ट्र की युवा पीढ़ी को इससे बचाने का सुरक्षा कवच समाज को तैयार करना होगा । मादक पदार्थों के सेवन से परिवारों के विघटन की घटनायें भी अकसर सामने आती हैं, इसके साथ ही निर्धन परिवारों में नशे की पृवृत्ति उन्हें और गरीबी के ओर ले जाती है, कमिश्नर ने कहा कि अनेक क्षेत्रों में यह गलत अवधारणा जन्म ले रही है । कि नशा करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है । इस अवधारणा को तोड़ने के लिए भी जनजागरण अभियान चलाना होगा । नशा एक ऐसी समस्या है, जो परिवार और सामाज को आर्थिक एवं समाजिक रूप से कमजोर कर देती है ।

उपायुक्त नारकोटिक्स श्री राजेश पाण्डे ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन एक सामाजिक बुराई है । मादक पदार्थ जैसे अफीम, गांजा, चरस, ब्राउन शुगर, एटीएस., एलएसडी इत्यादि के सेवन से मन एवं स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । यह पदार्थ लत लगाने वाले होते हैं । अत: इनके सेवन से बचें । इन पदार्थों से बच्चों को दूर रखना भी हम सबकी जिम्मेदारी है ।

       मादक पदार्थों को खरीदाना , बेचना, रखना , लाना , ले जाना गैर कानूनी है, यदि कोई ऐसा करता है तो एनडीपीएस अधिनियम 1985 के अन्तर्गत उसके लिए कठोर दण्ड का प्रावधान है । श्री पाण्डे ने सभी का आव्हान किया कि वे मादक पदार्थों के अवैध व्यवसाय में लिप्त व्यक्तियों की सूचना केन्द्रीय नारकोटिक्स विभाग को दें ।

       परिचर्चा में डीन डा. शैला सप्रे ने बताया कि यदि गर्भावस्था में कोई महिला नशे का सेवन करती है, तो उसका असर गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है । उन्होंने नशे के खिलाफ चलाये जाने वाले जनजागरण अभियान में ग्वालियर को नशामुक्त करने की अपील की । इस मौके पर मेडिकल कॉलेज सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थी और समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । संचालन डा. सुभाष चन्द्र उपाध्याय ने किया ।

प्रतियोगियों को पुरस्कार वितरण

       मादक पदार्थों के दुरूपयोग के विरूध्द अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई । प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्य अतिथि कमिश्नर डा. कोमल सिंह ने पुरस्कार वितरित किये । प्रथम पुरस्कार कु. मोनू बाला चौहान, द्वितीय पुरस्कार कु. नीलम और तृतीय पुरस्कार कु. शुभा को प्राप्त हुआ । इसके अतिरिक्त अविन, रजनी, सोनिया, जस्टिम और मेनिला को सांत्वना पुरस्कार दिये गये ।

 

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