किसी की मदद करने की पहल हमेशा मनुष्य को करते रहना चाहिए। किसी का काम
भले ही न हो पाए, परंतु उससे अच्छे से बात कर लेने से भी सामने वाले को
संतोष मिलता है। सकारात्मक सोचने वाला व्यक्ति जीवन में कभी परेशान नहीं
रहता है। यह बात अपर कलेक्टर एवं आनंदम के नोडल अधिकारी श्री शिवराज वर्मा
ने आज वन विभाग में आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों और
कर्मचारियों से कही।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक श्रीमती कंचन देवी, मुख्य वन संरक्षक कूनो अभ्यारण्य श्री पंकज अग्रवाल, वन संरक्षक श्री विक्रम सिंह परिहार और आनंदम सहयोगी डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
अल्पविराम कार्यक्रम में नोडल अधिकारी श्री शिवराज वर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आनंद मंत्रालय का गठन इसी उद्देश्य से किया है कि लोगों में सकारात्मक भावना विकसित हो और लोग प्रसन्नचित रहें। उन्होंने कहा कि हम अपने रोजमर्रा के कार्यों में भी थोड़े से प्रयास से प्रसन्न रह सकते हैं। इसके लिये हमें अपनी सोच को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। अल्पविराम कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिले में जनसंपर्क विभाग, कलेक्ट्रेट और अब वन विभाग में अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित हुआ है।
मुख्य वन संरक्षक श्रीमती कंचन देवी ने कहा कि शासकीय कार्यों में सकारात्मक रहने से संवेदनशीलता और दक्षता आती है। प्रदेश में आनंद मंत्रालय का गठन बहुत ही अच्छा प्रयास है। इसके माध्यम से शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों में आपसी तालमेल और सामंजस्य बढ़ेगा। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम का सभी अधिकारी-कर्मचारी लाभ उठायेंगे और इसे अपने जीवन में भी अमल में लायेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
मुख्य वन संरक्षक कूनो अभ्यारण्य श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि लोगों का सहयोग करने से जो खुशी मिलती है वह और किसी कार्य से नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग शासकीय अधिकारियों के पास अपने काम की अपेक्षा लेकर आते हैं। हम सबको उनके साथ सकारात्मक व्यवहार अपनाते हुए यथासंभव मदद करना चाहिए। प्रदेश में आनंद मंत्रालय के तहत लोगों की मदद करने के कई तरीके बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को आवश्यक वस्तुएँ, दवायें उपलब्ध कराने के लिये भी जिला प्रशासन द्वारा अनूठी और सराहनीय पहल की गई है। हम सबको इनमें अपनी सक्रिय भागीदारी का निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आनंदम सहयोगी डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा ने अल्पविराम कार्यक्रम का संचालन किया तथा अल्पविराम कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर दो प्रेरणादायी लघु फिल्में भी दिखाई गईं। अल्पविराम कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपने जीवन की अनछुई कहानियों को बयां किया।
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक श्रीमती कंचन देवी, मुख्य वन संरक्षक कूनो अभ्यारण्य श्री पंकज अग्रवाल, वन संरक्षक श्री विक्रम सिंह परिहार और आनंदम सहयोगी डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
अल्पविराम कार्यक्रम में नोडल अधिकारी श्री शिवराज वर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आनंद मंत्रालय का गठन इसी उद्देश्य से किया है कि लोगों में सकारात्मक भावना विकसित हो और लोग प्रसन्नचित रहें। उन्होंने कहा कि हम अपने रोजमर्रा के कार्यों में भी थोड़े से प्रयास से प्रसन्न रह सकते हैं। इसके लिये हमें अपनी सोच को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। अल्पविराम कार्यक्रम का उद्देश्य भी यही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर जिले में जनसंपर्क विभाग, कलेक्ट्रेट और अब वन विभाग में अल्पविराम कार्यक्रम आयोजित हुआ है।
मुख्य वन संरक्षक श्रीमती कंचन देवी ने कहा कि शासकीय कार्यों में सकारात्मक रहने से संवेदनशीलता और दक्षता आती है। प्रदेश में आनंद मंत्रालय का गठन बहुत ही अच्छा प्रयास है। इसके माध्यम से शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों में आपसी तालमेल और सामंजस्य बढ़ेगा। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित अल्पविराम कार्यक्रम का सभी अधिकारी-कर्मचारी लाभ उठायेंगे और इसे अपने जीवन में भी अमल में लायेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
मुख्य वन संरक्षक कूनो अभ्यारण्य श्री पंकज अग्रवाल ने कहा कि लोगों का सहयोग करने से जो खुशी मिलती है वह और किसी कार्य से नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग शासकीय अधिकारियों के पास अपने काम की अपेक्षा लेकर आते हैं। हम सबको उनके साथ सकारात्मक व्यवहार अपनाते हुए यथासंभव मदद करना चाहिए। प्रदेश में आनंद मंत्रालय के तहत लोगों की मदद करने के कई तरीके बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को आवश्यक वस्तुएँ, दवायें उपलब्ध कराने के लिये भी जिला प्रशासन द्वारा अनूठी और सराहनीय पहल की गई है। हम सबको इनमें अपनी सक्रिय भागीदारी का निर्वहन करना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आनंदम सहयोगी डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा ने अल्पविराम कार्यक्रम का संचालन किया तथा अल्पविराम कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर दो प्रेरणादायी लघु फिल्में भी दिखाई गईं। अल्पविराम कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपने जीवन की अनछुई कहानियों को बयां किया।
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