सोमवार, 20 फ़रवरी 2017

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा का लाभ हर बीमा धारक को मिले

कमिश्नर श्री रूपला ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में दिए सभी कलेक्टरों को निर्देश


ग्वालियर | 19-फरवरी-2017

ग्वालियर संभाग के कमिश्नर श्री शिवनारायण रूपला ने संभाग के पाँचों जिलों के कलेक्टरों और जिला पंचायत के सीईओ को निर्देश दिए हैं कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में कराए गए बीमा का लाभ बीमा धारकों को मिले। इसकी मॉनीटरिंग कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के सचिव को यह मालूम है कि उनकी पंचायत से कितने लोगों का बीमा हुआ है।
कमिश्नर ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 5 लाख 95 हजार 907 लोगों का बीमा और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में एक लाख 3 हजार 726 लोगों का बीमा हुआ है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 34 और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में केवल 13 दावे ही प्रस्तुत हुए हैं, जो बहुत ही कम प्रतीत होते हैं। सीईओ अपने स्तर से इन दोनों योजनाओं की मॉनीटरिंग कर लें, ताकि सभी दावेदारों को बीमा राशि का भुगतान हो सके।
कमिश्नर श्री रूपला शनिवार को मोतीमहल के मानसभागार में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बैठक में ग्वालियर कलेक्टर डॉ. संजय गोयल, दतिया कलेक्टर श्री मदन कुमार, गुना कलेक्टर श्री राजेश जैन, शिवपुरी जिले से कलेक्टर प्रभारी के रूप में एडीएम नीतू माथुर, अशोकनगर जिले से कलेक्टर प्रभारी के रूप में एडीएम श्री ए के चांदिल सहित पाँचों जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।
जिला बदर एवं एनएसए के प्रकरणों में हो प्रभावी कार्रवाई
    कमिश्नर श्री रूपला ने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाये रखने पर जोर देते हुए कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जिला बदर एवं एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) एवं प्रतिबंधात्मक प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई हो। जिला बदर व्यक्ति जिले के अंदर एवं जिले से लगी अन्य जिलों की सीमाओं में प्रवेश न करें। एनएसए के तहत जिस दिन प्रकरण प्रस्तुत किया जाए, उसी दिन प्रकरण में कार्रवाई भी की जाए। प्रकरण प्रस्तुत करने के पहले कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक प्रकरणों की समीक्षा आवश्यक रूप से कर लें। कानून व्यवस्था के मामले में संयुक्त रूप से घटना स्थल पर पहुँचकर प्रो-एक्शन लेकर कार्रवाई करें। उन्होंने निर्देश दिए कि छोटे-छोटे इश्यू पर कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिये लोगों को समझाईश दें और राहत के प्रकरणों में तुरंत वितरण की कार्रवाई सुनिश्चित करायें।
   उन्होंने पिछले माह गिरे ओला से प्रभावित कृषकों को राहत राशि के प्रकरण तत्काल भिजवाने के भी निर्देश दिए। कमिश्नर ने एनएसए के प्रकरण किसी भी स्थिति में लंबित नहीं रखने के निर्देश देते हुए कहा कि 107, 116 के प्रकरणों में ठोस कारण होने पर ही वाउण्डओव्हर की कार्रवाई की जाए। कमिश्नर ने मौके पर डायवर्सन वसूली पर जोर देते हुए कहा कि इसकी प्रविष्टियाँ नहीं हो रही हैं। ग्वालियर में ही एक करोड़ 47 लाख रूपए का डायवर्सन वसूलना शेष है। उन्होंने कहा कि आरआई से बी-1 बनवाएँ ताकि एसडीएम वसूली के ऑर्डर निकाल सकें। इसी तरह प्रीमियम वसूली पर भी कमिश्नर ने जोर दिया।
समय-सीमा में सेवा उपलब्ध न कराने पर अधिकारियों पर हो अर्थदण्ड की कार्रवाई
    कमिश्नर श्री रूपला ने मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस अधिनियम के तहत निर्धारित समय-सीमा के अंदर ही सेवायें उपलब्ध कराई जाएँ। ऐसे अधिकारी जिनके द्वारा समय-सीमा के अंदर आवेदक को सेवायें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं एवं आवेदन समय-सीमा के बाहर हो गए हैं, उन अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार अर्थदण्ड की कार्रवाई की जाए।
गेहूँ की खरीदी का पंजीयन कॉपरेटिव बैंक से लिंक कराया जाए
    कमिश्नर श्री रूपला ने पाँचों जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए कि गेहूँ खरीदी के लिये शतप्रतिशत किसानों का पंजीयन सुनिश्चित हो जाए। उनके पंजीयन को कॉपरेटव के बैंक खाते से भी लिंक किया जाए, ताकि गेहूँ खरीदी के समय कॉपरेटिव की शतप्रतिशत वसूली हो सके। कमिश्नर के पंजीयन के सत्यापन पर भी विशेष जोर दिया। कमिश्नर ने कहा कि इस वर्ष बम्फर गेहूँ उत्पादन हुआ है। गेहूँ खरीदी की हर व्यवस्था सुनिश्चित हो। खरीदी केन्द्रों पर पर्याप्त वारदाना रहे।
सहरिया आदिवासियों के मकान समूह के रूप में बनाएँ
    श्योपुर जिले में क्लस्टर एप्रोज से बनाई गई कॉलोनियों का प्रजेण्टेशन देते हुए कमिश्नर ने पाँचों जिलों के कलेक्टरों एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए कि सहरिया आदिवासियों के समूह बनाकर सहकारी जमीन का अधिग्रहण करके बेहतर सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी बना सकते हैं। कमिश्नर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजना है। योजना के अनुरूप हितग्राहियों को ग्राम सभा में चयन करके क्लस्टर एप्रोज के रूप में बेहतर कॉलोनी बनाई जा सकती है। श्योपुर जिला इसके लिये एक उदाहरण है।
मजदूरों को कर्मकार मण्डल की योजनाओं का मिले लाभ
    कमिश्नर श्री रूपला ने संभाग के कलेक्टरों को जोर देकर कहा कि वे सभी मजदूरों, हम्मालों को श्रम विभाग की कर्मकार मण्डल की शतप्रतिशत योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचायें। इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें। उन्होंने कहा कि जितना रजिस्ट्रेशन मजदूरों का हुआ है, उतना लाभ उन तक नहीं पहुँच पा रहा है। उन्होंने कहा कि 50 हजार पंजीकृत मजदूरों के लगभग 100 बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलना चाहिए। लेकिन इस अनुपात में लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में 31 मार्च तक ऑनलाईन आवेदन किए जा सकते हैं। उन्होंने महिला मजदूर की प्रसूति सहायता तथा प्रसूति के दौरान अवकाश पर मजदूरी का भुगतान प्रसूति के समय प्रसूता महिला की देखभाल के लिये उनके पति को घर बैठे ही मजदूरी देने सहित अन्य योजनाओं की मॉनीटरिंग करने के निर्देश कलेक्टर को दिए।
रोजगारमूलक योजनाओं में लक्ष्य की प्राप्ति हो
    इस अवसर पर कमिश्नर श्री रूपला ने विभिन्न विभागों की स्वरोजगार योजनाओं में ऋण वितरण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी रोजगारमूलक योजनाओं में शतप्रतिशत लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो। बैठक में स्वास्थ्य योजनाओं, पेंशनधारियों का आधारकार्ड से लिंक कराने, राशनकार्डधारियों को आधार कार्ड से लिंक कराने की भी समीक्षा की गई।
    कमिश्नर श्री रूपला ने राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की समीक्षा करते हुए ग्वालियर जिले की ओडीएफ हुईं ग्राम पंचायतों एवं वार्डों पर कलेक्टर डॉ. गोयल, सीईओ श्री सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री द्विवेदी के प्रति प्रशंसा व्यक्त करते हुए शेष जिलों के कलेक्टरों से कहा कि वे भी शीघ्र अपने जिले की सभी ग्राम पंचायतों एवं शहरी वार्डों का ओडीएफ घोषित कराके इस राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के भागी बनें। उन्होंने अशोकनगर में हुए कार्यों की भी प्रशंसा की। गुना जिले में स्वच्छता पर भारत सरकार द्वारा बनाई जा रही डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म की भी प्रशंसा की गई।
एल-1 स्तर पर समस्या का निराकरण हो
    कमिश्नर श्री रूपला ने मुख्यमंत्री हैल्पलाईन में लंबित समस्या का निदान पर जोर दिया। कमिश्नर ने कहा कि एल-1 पर ही समस्या का निराकरण हो जाना चाहिए। एल-1, एल-2 के अधिकारियों की उदासीनता के कारणों से ही समस्या एल-3, एल-4 तक पहुँच रही है। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर समस्या एल-3 या एल-4 तक पहुँचती है तो अब एल-1, एल-2 के जिम्मेदारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। 

कोई टिप्पणी नहीं: