सोमवार, 23 जुलाई 2007

जिले में संस्थागत प्रसवों की संख्या बढी

जिले में संस्थागत प्रसवों की संख्या बढी

जून में 5935 महिलाओं को संस्थागत प्रसव पर मिली 72.23 लाख की मदद

ग्वालियर 23 जून 2007

       ग्वालियर जिले में संस्थागत प्रसवों की संख्या लगातार बढ़ रही है । दूरदराज तथा पर्वतीय व वंनाचल क्षेत्र में बसे गांवों की गर्भवती महिलायें भी अब घर पर ही प्रसव के बजाय अस्पताल में प्रसव के लिये आने लगी हैं । मौजूदा वर्ष में जून माह के अंत तक 5 हजार 935 महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने पर जननी सुरक्षा योजना के तहत लगभग 72 लाख 23 हजार रूपये की आर्थिक मदद प्रोत्साहन स्वरूप उपलब्ध कराई गई है । साथ ही संस्थागत प्रसव को बढावा देने में प्रेरक की भूमिका निभाने वाली आशा तथा उनके समतुल्य कार्यकर्ताओं सहित कुल 2 हजार 987 प्रेरकों को करीबन 6 लाख 80 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई गई है ।

       गौरतलब है कि शिशु और उसकी मां दोनो स्वस्थ और सुरक्षित रहें इसके लिये प्रदेश सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है । सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने के लिये एक ओर जहां जननी सुरक्षा एवं जननी एक्सप्रेस जैसी महात्वाकांक्षी योजनायें शुरू की हैं वहीं दूसरी ओर सीमॉक व बीमॉक जैसी संस्थायें सुरक्षित प्रसव के लिये विकसित की हैं ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने बताया कि शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव कराने पर जननी सुरक्षा योजना से लाभान्वित कराई गई कुल महिलाओं में अनुसूचित जाति की एक हजार 664 व अनुसूचित जनजाति की 246 महिलायें शामिल हैं । योजना से गरीबी रेखा के नीचे जिन्दगी बसर कर रहीं 175 महिलाओं को भी लाभान्वित कराया गया है । जननी सुरक्षा योजना के तहत पंजीकृत हुये कुल प्रकरणों में 3 हजार 347 प्रकरण ग्रामीण अंचल के तथा 2 हजार 559 प्रकरण शहरी अंचल के हैं । 

उन्नीस सौ कि.मी. की दूरी तय कर 137 गर्भवती माताओं को पहुंचाया अस्पताल

       जिले के सुदूर ग्रामीण अंचल की गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिये शासकीय अस्पताल जाना अब काफी आसान हो गया है । यह सब प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई जननी एक्सप्रेस योजना से संभव हुआ है । गत जून माह में जननी एक्सप्रेस ने लगभग 1900 किलोमीटर की दूरी तय कर जिले के दूरदराज के क्षेत्रों से 137 गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिये शासकीय अस्पताल तक पहुंचाया है । गौरतलब है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के मकसद से शुरू की गई जननी एक्सप्रेस योजना के तहत ग्वालियर जिले के प्रत्येक विकासखंड के लिये एक-एक मोबाइल वाहन उपलब्ध कराया गया है, जो ए.एन.एम. या आंगनबाडी कार्यकर्ता अथवा गर्भवती माता के बुलावे पर आ पहुंचती है। उल्लेखनीय है कि गत 18 जून को जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयंत मलैया ने पुरानी छावनी में जननी एक्सप्रेस योजना का शुभारंभ किया था ।

 

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