म.प्र. में मुख्यमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री सड़क योजना शुरू होगी, नागरिक प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने का संकल्प लें, मुख्यमंत्री ने घोषणाओं की झड़ी लगाई
सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से ही हासिल होगा सर्वांगीण विकास का लक्ष्य, मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्वतंत्रता दिवस संदेश
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेशवासियों से प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने का संकल्प लेने का आव्हान किया है। ऐसा प्रदेश जहाँ हर नागरिक अपने कर्मक्षेत्र में कर्त्तव्यों का इमानदारी से पालन करे और सरकार और समाज की सामूहिक शक्ति-विकास और सब लोगों के कल्याण को समर्पित हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज प्रात: भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड पर स्वतंत्रता की 63वीं वर्षगांठ पर आयोजित राज्य-स्तरीय समारोह में प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश नागरिकों को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी का कानूनी अधिकार देने वाला देश का पहला प्रदेश है। इस संबंध में बने अधिनियम पर प्रभावी अमल के लिये अब सरकार में नया 'लोकसेवा प्रबंधन' विभाग स्थापित किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने नागरिकों को आय और जाति प्रमाण-पत्र, खसरा नकल, राशनकार्ड आदि को निर्धारित समय-सीमा में प्रदाय न करने पर लोकसेवकों को दंडित करने का प्रावधान कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को विकसित और समृद्ध बनाने के लिये सात प्राथमिकताएं-खेती को लाभ का धंधा बनाना, अधोसंरचना विकास, निवेश वृद्धि, शिक्षा और स्वास्थ्य, महिलाओं और कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण, कानून-व्यवस्था और सुशासन निर्धारित की हैं। इसी तरह स्वर्णिम मध्यप्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिये विधानसभा के विशेष सत्र में विधायकों के अनुभवों के आधार पर पारित प्रदेश के निर्माण के 70 सूत्री संकल्प की पूर्ति के लिये नये कार्यक्रमों और योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से प्रदेश विकासशील प्रदेश बन गया है। यह कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि इस वर्ष प्रदेश की आर्थिक विकास दर 8.67 प्रतिशत रही जो राष्ट्रीय विकास दर 6.7 प्रतिशत से ज्यादा है। अब इसे प्रतिवर्ष 9 से 10 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कृषि को प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ बताते हुए उसे लाभ का धंधा बनाने के लिये देश में सबसे पहले सहकारी कृषि ऋणों की ब्याज दर को तीन प्रतिशत करने का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि गेहूं और चावल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ हम किसानों को बोनस देने और परंपरागत खेती के अतिरिक्त जैविक खेती, औषधीय, फूलों और सब्जियों के उत्पादन के साथ खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन दे रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि तीन सालों में उद्यानिकी फसलों के रकबे में 5 लाख हैक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कोदो-कुटकी के उत्पादन को बढ़ाने और उसके विपणन को बेहतर करने के प्रयास करने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि अब सीधे उनके खातों में जमा करने के साथ ही सभी पात्र किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे हैं। वैज्ञानिक कृषि के लिये मृदा स्वास्थ्य पत्रक तैयार करने और राज्य की भण्डारण क्षमता में वृद्धि तथा विपणन व्यवस्था सुदृढ़ कर प्रदेश को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चिन्हित विकासखण्डों में चलित पशु औषधालयों को पाली-क्लीनिक का स्वरूप दिया जा रहा है। दुग्ध समितियों के विस्तार के साथ नये मिल्क रूट भी विकसित किये जायेंगे। उन्होंने मधुआरों को तीन प्रतिशत की दर पर सुलभ ऋण उपलब्ध कराने के लिये क्रेडिट कार्ड देने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आगामी चार वर्ष में सिंचाई क्षमता में 7.5 लाख हैक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने स्थापित सिंचाई क्षमता के समुचित उपयोग के लिये कमाण्ड एरिया डेव्हलपमेंट प्रोग्राम सहित सभी उपाय किये जाने की जानकारी दी।
श्री चौहान ने कहा कि वनों के संरक्षण के साथ ही हरियाली महोत्सव के जरिये वन संपदा में बढ़ोत्तरी के प्रयास जारी हैं। इस वर्ष बांस के 5 करोड़ पौधे रोपे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वनों से रोजगार को बढ़ावा देने के लिये वनों में टसर और लाख का उत्पादन तथा चारागाह का विकास भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के तेज प्रयास जारी है और पिछले छह साल में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता में 3162 मेगावाट की अभूतपूर्व वृद्धि के बाद अब वर्ष 2013 तक वर्तमान क्षमता में 5000 मेगावाट की वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने सभी नगरों और गांवों में 24 घंटे बिजली और कृषि कार्यों के लिये न्यूनतम 8 घंटे बिजली देने के लिये फीडर विभक्तीकरण का प्रदेशव्यापी कार्यक्रम शुरू कर उसे 2012 तक पूरा किये जाने के लक्ष्य की जानकारी भी दी।
श्री चौहान ने बताया कि बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिये ऊर्जा उत्पादन के नये और गैर-परंपरागत साधनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की स्थापना की गई है। प्रदेश के राजगढ़ जिले में देश का प्रथम सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किया जा रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के सुधार के लिये मुख्यमंत्री पेयजल योजना लागू की गई है। श्री चौहान ने कहा कि हर ग्राम के विकास की योजना बनेगी। अगले तीन साल में भवनविहीन ग्राम पंचायतों के भवन बनाने के साथ ही ग्रामीण आवास की समस्या को हल करने के लिये मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन स्थापित किया जायेगा। इसी तरह पुनर्वास नीति का पुनरीक्षण कर किसानों के हित भी संरक्षित किये जायेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि पिछले छह वर्षों में 60 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कें बनाने के बाद अब संभाग मुख्यालयों को 4 लेन और जिला मुख्यालयों को 2 लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने वर्ष 2013 तक प्रदेश के सभी ग्रामों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सड़क योजना लागू करने की जानकारी दी।
श्री चौहान ने अपने संदेश में कहा कि प्रदेश के सभी नगरों की विकास योजना बनाने के साथ ही नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिये अधोसंरचना बोर्ड गठित होगा। शहरी गरीबों के लिये लगभग 60 हजार आवास बन रहे हैं। इंदौर में नर्मदा जल प्रदाय का तृतीय चरण पूरा हो गया है। सभी नगरीय निकायों को फायर ब्रिगेड की सुविधा भी जल्दी ही उपलब्ध होगी और भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन का सर्वे होगा।
श्री चौहान ने कहा कि उद्योग हितैषी नयी उद्योग संवर्धन नीति का प्रारूप जारी हो चुका है। वर्तमान में 46 हजार करोड़ की लागत की विभिन्न परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। दिल्ली-मुम्बई कारिडोर के अतिरिक्त भोपाल-इंदौर, भोपाल-बीना, जबलपुर-कटनी-सिंगरौली औद्योगिक कारिडोर के योजनाबद्ध विकास के प्रयास भी जारी हैं। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में 50 प्रतिशत रोजगार प्रदेशवासियों को उपलब्ध करवाना अनिवार्य किया गया है। रोजगार मेलों से भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आई.टी.आई. की संख्या में वृद्धि के साथ ही उनमें वर्तमान जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे तथा आई.टी.आई. की सीट संख्या को बढ़ाकर एक लाख किया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि कारीगरों की कौशल उन्नयन नीति इसी साल से लागू कर प्रतिवर्ष 5 से 10 हजार श्रमिकों को लाभान्वित किया जायेगा। प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद गठित की गई है।
श्री चौहान ने कहा कि जरूरतमंद वर्गों के कल्याण की योजनाओं के लिये एक समेकित रणनीति तैयार की जा रही है। उन्होंने गरीबों को स्थल पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये गरीब मेलों का आयोजन करने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सामान्य निर्धन वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति के साथ ही नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
श्री चौहान ने कहा कि अब तक एक लाख 24 हजार वन निवासी अधिकार-पत्र मान्य कर मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी बना हुआ है। कपिलधारा योजना से लाभान्वित इन वर्गों के किसानों को सिंचाई के लिये डीजल-विद्युत पंप उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों की तर्ज पर अब 35 अनुसूचित जाति बहुल विकासखंडों में भी चलित चिकत्सालय योजना लागू होगी। उन्होंने विशेष भर्ती अभियान में प्रदेश में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 हजार से अधिक बैकलॉग पदों की पूर्ति की जानकारी भी दी।
श्री चौहान ने कहा कि पिछड़े वर्गों की शिक्षा संबंधी योजनाओं का विस्तार करने के साथ ही अब अगले तीन साल में सभी जिलों में पिछड़े वर्गों के लिये 100 सीटर पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को भी प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति का लाभ मिलने की जानकारी दी।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी, पोषण पुनर्वास केन्द्रों तथा नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाइयों की स्थापना की सर्वत्र सराहना हो रही है। शिशु और मातृ मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है। सागर में नया चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के बाद अब जबलपुर में चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा। उन्होंने चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता में निरंतर सुधार की बात भी कही।
श्री चौहान ने आमजन के जीवन स्तर में तेजी से सुधार तथा सभी को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा देने के लिये जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण को जरूरी मानते हुए उसे जनजागृति से ही संभव बताया। श्री चौहान ने कहा कि इस उद्देश्य से प्रदेश में यह वर्ष परिवार नियोजन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिये अटल बाल आरोग्य और पोषण मिशन गठित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी स्थापित किया जा चुका है।
श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की प्रदेश की योजनाओं को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना से छह लाख से ज्यादा बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि निर्धन परिवारों की बेटियों के लिये वरदान साबित हुई कन्यादान योजना की हितलाभ राशि 7500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये की गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में आधे पद महिलाओं के लिये आरक्षित करने के फैसले के बाद आज 50 प्रतिशत से अधिक बहनें निर्वाचित होकर अपनी पंचायत और नगर के विकास में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा सुविधाओं को सब तक पहुँचाने का काम प्रगति पर है। 'स्कूल चले हम' अभियान को निरंतरता देने के साथ ही करीब एक करोड़ 10 लाख विद्यार्थियों को जुलाई 2010 तक नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी गई हैं। इस साल लगभग 2 लाख बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिलें दी जा रही हैं। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लोकव्यापीकरण के बाद अब आवश्यकतानुसार प्रत्येक पांच किलोमीटर के दायरे में हाई स्कूल की स्थापना का लक्ष्य है। छात्र संख्या के मान से प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
श्री चौहान ने प्रदेश के खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंचायत तक खेल सुविधाओं के विस्तार के साथ ही राज्य खेल प्राधिकरण स्थापित किया जायेगा। श्री चौहान कहा कि प्रदेश को पर्यटकों के सर्वाधिक आकर्षण वाला प्रदेश बनाने का काम जारी रहेगा।
श्री चौहान ने कहा कि राम वन-गमन और नर्मदा परिक्रमा पथ के विकास का काम भी प्रगति पर है। प्रदेश के विभिन्न अंचलों की बोलियों के विकास और संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीर्थ एवं मेला विकास प्राधिकरण गठित करने के अलावा उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारियों के लिये इसी वर्ष बजट प्रावधान किया जायेगा। श्री चौहान ने राजा भोज के राज्यारोहण के 1000 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वृहद आयोजन करने की बात भी कही।
श्री चौहान ने कहा कि गैस पीड़ितों के समग्र कल्याण के प्रति राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और उनके चिकित्सा, आर्थिक एवं सामाजिक पुनर्वास के कार्यों में और गति लाई जा रही है। गैस पीड़ित विधवा बहनों को आजीवन 500 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि गैस त्रासदी के लिये उत्तरदायी व्यक्तियों को कड़ी सजा दिलाने के लिये सभी आवश्यक विधि-मान्य कदम उठाये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समाज के सहयोग से सरकार प्रदेश में शांति बनाए रखने में सफल रही है। प्रदेश में नक्सलवाद एवं आतंकवादी गतिविधियों से प्रदेश को मुक्त रखने, सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त करने और दस्यु उन्मूलन की प्रभावी कार्यवाही की गयी है।
श्री चौहान ने कहा कि सरकार हर नागरिक के वैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध है। भू-माफियाओं, अवैध वन कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, बिजली चोरी, बाहुबलियों एवं संगठित अपराध के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही का अभियान जारी है और रहेगा। जनसंख्या के अनुपात में पुलिस बल में वृद्धि के फैसले के साथ ही प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिये राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल भी गठित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान ऑन लाइन, समाधान एक दिन, लोक कल्याण शिविर, परख, जन सुनवाई जैसे कार्यक्रमों से जन समस्याओं का प्रभावी निराकरण हुआ है। श्री चौहान ने बताया कि पहली बार सभी स्तर के शासकीय सेवकों के लिये अचल सम्पत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर उसे ऑन लाइन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की कि प्रदेश में प्रजा और तंत्र के रिश्तों को मजबूती तथा लोगों की तरक्की और खुशहाली के कामों को निरंतरता मिली है। उन्होंने कहा कि हम जनता की सामूहिक शक्ति को प्रदेश के विकास में लगाने और सरकार के साथ समाज को साथ लेकर समृद्ध मध्यप्रदेश बनाने की कोशिश जारी रखेंगे।
श्री चौहान ने 'आओ बनायें अपना मध्यप्रदेश' अभियान को प्रदेश के लोगों में विकास की सामूहिक जागृति पैदा करने का प्रयास बताया। अभियान के जरिये पानी रोकने, बिजली का अपव्यय बंद करने, स्वच्छता रखने, नशामुक्ति, पेड़ लगाने, सभी बच्चों को स्कूल भेजने, परिवार नियोजन, आंगनवाड़ी के नियमित संचालन और टीकाकरण जैसे जनहितैषी कार्यों से लोगों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने अभियान को मिले प्रदेशवासियों के सक्रिय सहयोग को सरकार के साथ समाज के जुड़ाव का रूप बताते हुए कहा कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से ही सर्वांगीण विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हमारा गांव, हमारा नगर बनेगा तो प्रदेश बनेगा।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आजादी के संग्राम के वीर सपूतों को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ सिर्फ गुलामी से मुक्ति नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और नैतिक विकास के रास्ते पर निर्बाध आगे बढ़ते रहना है। उन्होंने कहा कि हमें जनता का, जनता के लिये, जनता के द्वारा शासन की अवधारणा को मूर्त रूप देने के निरंतर प्रयत्न करते रहना होगा।
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