मंगलवार, 17 अगस्त 2010

संयुक्त प्रयास से ही सर्वांगीण विकास का लक्ष्य हासिल होगा संसदीय कार्यमंत्री डॉ. मिश्र द्वारा मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन

संयुक्त प्रयास से ही सर्वांगीण विकास का लक्ष्य हासिल होगा संसदीय कार्यमंत्री डॉ. मिश्र द्वारा मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन

ग्वालियर 16 अगस्त 10/ स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में एस एफ. ग्राउण्ड पर आयोजित हुए जिले के मुख्य समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने प्रदेश की जनता के नाम मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि हमने प्रदेश के स्थापना दिवस एक नवम्बर 2009 से आओ बनायें अपना मध्यप्रदेश अभियान शुरू किया है। यह अपने प्रदेश के लोगों में विकास की सामूहिक जागृति  पैदा करने का प्रयास है। मेरी मान्यता है कि सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से ही सर्वांगीण विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। 

       राज्य सरकार के प्रयासों से अब मध्यप्रदेश की पहचान विकासशील प्रदेश के रूप में बनी है। यह हमारे कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि इस वर्ष प्रदेश की आर्थिक विकास दर 8.67 प्रतिशत रही जो राष्ट्रीय विकास दर 6.7 प्रतिशत से ज्यादा है। अब इसे प्रतिवर्ष 9 से 10 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। नदियों और अन्य स्त्रोतों के जल के वैज्ञानिक आधार पर दोहन की योजना बनाई जा रही है। आगामी चार वर्ष में सिंचाई की स्थापित क्षमता में साढ़े सात लाख हैक्टेयर की वृध्दि करने का लक्ष्य है।

       प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के प्रयास जारी हैं। पिछले छह साल में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता में 3162 मेगावाट की अभूतपूर्व वृध्दि के बाद अब वर्ष 2013 तक वर्तमान क्षमता में 5000 मेगावाट की वृध्दि का लक्ष्य रखा गया है। सभी नगरों और गांवों में 24 घण्टे बिजली की उपलब्धता और कृषि कार्यों के लिये न्यूनतम 8 घण्टे बिजली देने के लिये फीडल विभक्तीकरण का प्रदेशव्यापी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। दिसम्बर 2012 तक इस काम को पूरा किये जाने का लक्ष्य है।

       प्रदेश के राजगढ़ जिले में देश का प्रथम और ऊर्जा पार्क स्थापित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के सुधार के लिये मुख्यमंत्री पेजयल योजना लागू की गई है। इस वर्ष प्रत्येक ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के पांच ग्रामों में स्पाट सोर्स स्थापित किये जायेंगे। एक हजार हैंडपंप मैकेनिक मानदेय के आधार पर नियुक्त किये जा रहे हैं। पेयजल प्रदाय के लिये 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मापदण्ड को बढ़ाकर 55 लीटर तथा पेयजल स्त्रोत की दूरी का मानदण्ड 1.6 किमी. से घटाकर 500 मीटर किया गया है। आवास की समस्या को हल करने के लिये मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन स्थापित किया जायेगा। वर्ष 2013 तक प्रदेश के सभी ग्रामों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सड़क योजना लागू की गई है। नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिये अधोसंरचना बोर्ड का गठन किया जा रहा है। प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों में सृजित रोजगार में 50 प्रतिशत रोजगार प्रदेशवासियों को उपलब्ध करवाना अनिवार्य किया गया है।

       आई टी आई. की सीट संख्या को बढ़ाकर एक लाख किया जायेगा। इससे युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा मिलने के साथ ही खेतिहर और निर्माण मजदूर, शहरी घरेलू कामकाजी बहनें, कोटवार, कारीगर, मंडी हम्माल, तुलावटी, साईकिल रिक्शा और हाथठेला चालक जैसे जरूरतमंद वर्गों के कल्याण की योजनायें बनाकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है। गरीबों को स्थल पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये मेलों का आयोजन किया जायेगा।

       अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के अंतर्गत अब तक एक लाख 24 हजार अधिकार पत्र मान्य कर मध्यप्रदेश देश में अग्रणी बना हुआ है। अगले तीन साल में सभी जिलों में पिछड़े  वर्गों के लिये 100 सीटर पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास स्थापित किये जायेंगे। प्रदेश में संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी, पोषण पुनर्वास  केन्द्रों तथा नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाईयों की स्थापना की सर्वत्र सराहना हो रही है। शिशु और मातृ मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इस उद्देश्य से प्रदेश में यह वर्ष परिवार नियोजन वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। राज्य सरकार कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिये प्रतिबध्द है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिये अटल बाल आरोग्य और पोषण मिशन गठित करने का निर्णय लिया गया है।

       महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रदेश में आरंभ की गई योजनाओं को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है। हमने जनसंख्या वृध्दि के अनुपात में  पुलिस बल में वृध्दि का फैसला लिया है। इस साल 1500 पद स्वीकृत किये गये हैं। प्रदेश की औद्यौगिक इकाईयों की सुरक्षा के लिये राज्य औद्यौगिक सुरक्षा बल भी गठित किया जा रहा है। सरकार हर नागरिक के वैद्यानिक अधिकारों के संरक्षण के लिये प्रतिबध्द हैं। पहली बार सभी स्तर के शासकीय सेवकों के लिये अचल सम्पत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर उसे ऑन लाइन भी किया गया है। जवाबदेह और संवेदनशील प्रशासन स्थापित करने की दिशा में लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम महत्वपूर्ण कदम हैं। लोक सेवा प्रबंधन विभाग स्थापित किया जायेगा।

 

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