बुधवार, 29 दिसंबर 2010

एयरसेल की इण्‍टरनेट सेवायें बन्‍द होकर फिर से ठप्‍प हुयीं

एयरसेल की इण्‍टरनेट सेवायें बन्‍द होकर फिर ठप्‍प हुयीं
मुरैना २९ दिसम्‍बर २०१० विश्‍वस्‍त सूत्रों और ग्‍वालियर टाइम्‍स द्वारा स्‍वयं जांचे जाने के बाद यह खबर पुष्‍ट हुयी है कि चम्‍बल अंचल में विगत २१ दिसम्‍बर २०१० के प्रात: ५ बजे से कम्‍पनी एयरसेल की जी पी आर एस युक्‍त इण्‍टरनेट सेवायें पूरी तरह बन्‍द होकर ठप्‍प हो गयीं हैं । इस समाचार के रिलीज किये जाने के वक्‍त तक एयरसेल कंपनी की जी पी आर एस सेवायें २१ दिसम्‍बर से बंद हें ।
कम्‍पनीयों के कस्‍टमर केयर विभागों पर उपभोक्‍ताओं द्वारा औसतन अब तक 4० – 5० शिकायतें दर्ज करायीं जा चुकीं हैं लेकिन कम्‍पनी के कस्‍टमर केयर पर बैठे लोग उपभोक्‍ताओं की शिकायतें दर्ज न करते हुये जबरदस्‍ती सेटिंग्‍स थमाते रहते हैं  इसके बावजूद अंचल में कल से अब तक जी पी आर एस सेवायें शुरू नहीं हो सकीं हैं । 
एयरसेल के उपभोक्‍ता २१ दिसम्‍बर से लगातार पैकेट  डाटा कनेक्‍शन नॉट अवेलेबल की समस्‍या से और कंपनीयो द्वारा शिकायतें दर्ज न किये जाने और सुनवाई न किये जाने की समस्‍या से परेशान हैं ।
अनेक उपभोक्‍ता भारत सरकार के संचार मंत्रालय को लिखित शिकायतें कर रहे हैं यह भी स्‍मरणीय है कि एयरसेल में उपभेक्‍ताओं के बैलेन्स में से पेसे गायब हो जाने की भी शिकायतें हैं । मजे की बात यह भी है कि हमें सबूत मिले हैं कि  ए‍यरसेल कंपनी का कस्‍टमर केयर उपभोक्‍‍ताओं को बहलाने के लिये जाली शिकायत नंबर भी थमा देता है ।

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

छात्रवृति स्वीकृति समीक्षा बैठक आज

छात्रवृति स्वीकृति समीक्षा बैठक आज

ग्वालियर 27 दिसम्बर 10/ अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृति स्वीकृति की समीक्षा बैठक 28 दिसम्बर को दोपहर एक बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष मे रखी गई है।

 

ग्राम जारगा में विधिक साक्षरता शिविर 29 को

ग्राम जारगा में  विधिक साक्षरता शिविर  29 को

ग्वालियर 27 दिसम्बर 2010/ जिले में ग्रामवासियो को कानूनी ज्ञान देने के लिये विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जारी है। इसी श्रृंखला में विधिक साक्षरता शिविर को ग्राम जारगा में 29 दिसम्बर को अपरान्ह 3 बजे से आयोजित होगा।

      शिविर मे कानूनी ज्ञान के अलावा ग्रामीणों को एडस के प्रति जागरूक करने, मानव अधिकारो के प्रति जागरूक कराने एवं स्वास्थ्य सेवा, महिला तथा बच्चों की देख भाल हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी दी जायेगी।

 

आओ बनायें अपना मघ्यप्रदेश अभियान की समीक्षा आज

आओ बनायें अपना मघ्यप्रदेश अभियान की समीक्षा आज

ग्वालियर 27 दिसम्बर 10 / प्रदेश सरकार द्वारा सवर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के मकसद से चलाये जा रहे आओ बनायें अपना मध्यप्रदेश अभियान के तहत जिले में चल रही गतिविधियों की समीक्षा के लिये कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने 28 दिसम्बर को संबधित अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस दिन यह बैठक अपरान्त 5 बजे मोतीमहल स्थित मान सभागार मे आयोजित होगी। बैठक में खासकर जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, हरियाली, स्वच्छता एवं साफ सफाई, नशामुक्ति सबके लिये शिक्षा व सबके लिये स्वास्थय आदि बिन्दुओं की समीक्षा होगी ।

 

योजनाओं की समीक्षा बैठक आज

योजनाओं की समीक्षा बैठक आज

ग्वालियर, 27 दिसम्बर 2010/ जिले में संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक 28 दिसम्बर को अपरान्ह 4.30 बजे मोतीमहल स्थित मान सभाकक्ष में आयोजित की गई है । बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी करेंगे ।

      जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी बैठक के पूर्व 24 दिसम्बर  को जिला पंचायत कार्यालय में अनिवार्य रूप से भिजवाना सुनिश्चित करे ।

      बैठक में मुख्यत: हितग्राही मूलक योजनाओं में मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, म.प्र.भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण योजना,सामाजिक पेंशन योजनाएँ,आम आदमी बीमा,जननी बीमा योजना, हाथ ठेला, साइकिलरिक्शा चालकों एवं हम्मालों के कल्याण के लिए क्रियाविन्त योजनाओं,मुख्यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्याण योजना की समीक्षा की जावेंगी ।

 

जरूरतमंदों को आजीविका देने के लिए रोजगार मेला सराहनीय पहल -महापौर

जरूरमंदों को आजीविका देने के लिए रोजगार मेला सराहनीय पहल  -महापौर

संभागीय हॉट बाजार में लगा जिलास्तरीय रोजगार मेला

ग्वालियर 27 दिसम्बर 2010/ जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न कम्पनियों में प्लेसमेंट मुहैया कराने के मकसद से जिला स्तरीय रोजगार मेला आज यहॉ फूलबाग स्थित संभागीय हाट बाजार मे लगाया गया। प्रदेश सरकार द्वारा स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के मकसद से पारित संकल्पो को पूरा करने के अनुक्रम में जिला प्रशासन द्वारा समन्वित आजीविका कार्यक्रम के तहत लगाये गये रोजगार मेले का शुभारंभ महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने किया। जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमादेवी गुर्जर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। साडा अध्यक्ष श्री जय सिंह कुशवाह, पुलिस महानिरीक्षक चंबल रेंज श्री एस.के. झा, जी.डी.ए. के पूर्व अध्यक्ष श्री जगदीश शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा तथा मेले में प्लेसमेंट देने आई डेढ दर्जन से अधिक कंपनियो के अधिकारीगण एवं रोजगार मेले का लाभ लेने के लिये बडी तादाद में आये जिले के जरूरतमंद युवक-युवतियाँ मौजूद थे।

      रोजगार मेले का शुभारंभ करते हुये महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद युवा पीढी को आजीविका मुहैया कराने के लिये रोजगार मेलों के रूप में सराहनीय पहल की है। इस प्रकार के रोजगार मेले सतत् रूप से आयोजित होने चाहिये। उन्होंने कहा रोजगार मेलों के आयोजन मे नगर निगम से पूर्ण सहयोग मिलेगा।

      साडा अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह ने कहा सम्पूर्ण युवा पीढी को रोजगार के स्थाई साधन मुहैया कराने के लिये अब केवल सरकारी नौकरियां ही पर्याप्त नही है। इसके लिये निजी क्षैत्र का सहयोग भी जरूरी है। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने रोजगार मेलों के रूप में अभिनव पहल की है। उन्होने कहा जिले के जरूरतमंद युवक-युवतियों ने बडी संख्या मे रोजगार मेले में आमद दी है। इससे लोगो का प्रदेश सरकार पर विश्वास उजागर होता है। साथ ही यह भी जाहिर होता है कि जरूरतमंदो को रोजगार से जोडने के सरकार के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं।

      पुलिस महानिरीक्षक चंबल रेंज श्री संजय कुमार झा ने मेले में नौकरी की आस में आये युवक-युवतियों को संबोधित करते हुये कहा कि जिसमें क्षमतायें होती है, वही आगे बढता है। अत: युवा पीढी को अपने कौशल में वृध्दि के लिये सदैव प्रयासरत रहना चाहिये। उन्होंने युवा पीढी का आह्वान  किया कि यथार्थपरक बड़े सपने देंखे और उन्हे साकार करने के लिये कड़ा परिश्रम व उद्यम करें। श्री झा ने कहा कि राज्य सरकार ने रोजगार में के माध्यम से  रोजगार का बेहतर मंच मुहैया कराया है।

      आरंभ में अतिथियों ने भगवान गणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का शुभारंभ किया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने मेले के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

      विदित हो रोजगार मेले में  गिन्नी फलामेंट लिमिटेड मथुरा, बेल्सन इंडिया लिमिटेड गुजरात स्पेक्टम इंडस्ट्रीज पीथमपुर, एस.बी.आई. लाइफ इंश्योरेंस, पेन्थर सिक्योरिटी एण्ड प्राइवेट इन्वेस्टीगेशन गुजरात, जेंट फोर्स सिक्योरिटी सर्विस राजस्थान, शिव शक्ति बायो प्लाण्ट इन्दौर अनंत स्पिनिंग मण्डीदीप, मराल ओवरसीज खरगौन,ग्लोबल एकेडमी सिक्योरिटी मेनेजमेंट भोपाल, भारतीय जीवन बीमा निगम ग्वालियर ,  प्रेम मोटर्स व राजमाता विजयाराजे कम्यूटर एज्यूकेशन ग्वालियर,नर्सिंग होम संध,स्टोन कटिंग क्रेशर संघ ग्वालियर, सूर्या रोशनी लिमिटेड मालनपुर, गणेश टेक्नोलॉजी कंपनी आदि के द्वारा अपने अपने स्टाल विभिन्न पदों की भर्ती के लिये लगाये गये। मेला परिसर में सैना में भर्ती के लिये मार्गदर्शन हेतु भी एक काउंटर लगाया गया था ।

एक ही दिन में कंपनियों को मिले पर्याप्त आवेदन और मेले का हुआ समापन

      जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि रोजगार मेले मे आई विभिन्न कंपनियों को रिक्त पदो के विरूध्द पर्याप्त संख्या में आवेदन प्राप्त हो गये है। इस वजह से पहले दिन ही रोजगार मेले का समापन कर दिया गया है। उन्होने बताया कि जो लोग अपने बायोडाटा प्रस्तुत नही कर पाये है वे 28 दिसम्बर को रोजगार कार्यालय में अपने आवेदन जमा कर सकते है। विदित हो अधिक पदों की पूर्ति को ध्यान में रखकर पहले दो दिवसीय रोजगार मेला रखा गया था। लेकिन सभी रिक्त पदों के अनुपात में एक ही दिन में कंपनियों को पर्याप्त संख्या में आवेदन मिल जाने से दो दिनों तक मेले को जारी रखने का कोई औचित्य नही रह गया है । अत: मेले का पहले ही दिन अर्थात 27 दिसम्बर को समापन कर दिया गया है।

 

एक लाख 73 हजार कृषकों को ऋण पुस्तिकाओं का वितरण

एक लाख 73 हजार कृषकों को ऋण पुस्तिकाओं का वितरण

 

ग्वालियर 27 दिसम्बर 2010/ जिले में एक लाख 73 हजार कृषकों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया गया है।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में एक लाख 87 हजार 946 खातेदार कृषक है। इनमें से एक लाख 73 हजार खातेदार कृषकों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया गया है। शेष रहे 14 हजार 946 खातेदारों को भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं का वितरण किया जा रहा है।

 

जिले में 2637 विवादित एवं अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण

जिले में 2637 विवादित एवं अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण

ग्वालियर 27दिसम्बर 2010/ जिले में राजस्व प्रकरणों का निराकरण तीव्र गति से किया जा रहा है। राजस्व वर्ष के नवम्बर माह के अंत तक जिले में दो हजार 637 विवादित एवं अविवादित प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इनमें दो हजार 448 अविवादित और 189 विवादित नामान्तरण प्रकरण है।

      प्राप्त जानकारी के अनुसार निराकृत हुये दो हजार 448 अविवाहित नामान्तरण प्रकरणों में ग्वालियर तहसील मे एक हजार 64, डबरा तहसील में 725, भितरवार में 400, और चीनोर तहसील में 259 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। निराकृत हुये 189 विवादित नामान्तरण प्रकरणों में ग्वालियर तहसील में 100 डबरा में 56 भितरवार में 28 और चीनोर में 41 प्रकरणों का निराकरण हुआ है।

 

एक लाख 87हजार से अधिक कृषकों को नि:शुल्क खसरा एवं बी.वन की नकलों का वितरण

एक लाख 87हजार से अधिक कृषकों को नि:शुल्क खसरा एवं बी.वन की नकलों का वितरण

ग्वालियर 27दिसम्बर 2010/ जिले में एक लाख 87हजार 946 कृषक खातेदारों को नि:शुल्क खसरा एवं बी.वन की नकलों का नि:शुल्क वितरण किया गया है।

      सर्वाधिक 68हजार 891नि:शुल्क खसरा एवं बी.वन नकलों का वितरण ग्वालियर तहसील में किया गया है। डबरा तहसील में 61हजार 963 और भितरवार तहसील में 57हजार 92 खातेदार कृषकों को नि:शुल्क खसरा एवं बी.वन की नकलों का वितरण किया गया है।

 

जनगणना 2011 को ''यूथ सेंसस'' के नाम से जाना जायेगा

जनगणना 2011 को ''यूथ सेंसस'' के नाम से जाना जायेगा

जनगणना अधिकारियों की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न

ग्वालियर 27 दिसम्बर 10 / भारत की जनगणना 2011 में विश्व की 40 प्रतिशत युवा शक्ति भारत में होने की संभावना है । इसलिये इस जनगणना को '' यूथ सेंसस'' के नाम से जाना जायेगा । इस जनगणना में प्राप्त आंकड़ों के माध्यम से युवा शक्ति का सही आंकलन कर उनके लिये बेहतर व पर्याप्त रोजगार धंघे की तलाश की जायेगी 1 यह जानकारी आज ग्वालियर मे संपन्न भारत की जनगणना 2011 के लिये जनगणना अधिकारियों की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला  में दी गई ।

       चंबल संभाग के आयुक्त श्री एस डी अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य एवं ग्वायिलर संभाग के आयुक्त श्री एस बी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मध्यप्रदेश शासन के गृह सचिव श्री चंद्रहास दुबे, जनगणना कार्य निदेशक श्री सचिन सिन्हा, कलेक्टर ग्वालियर श्री आकाश त्रिपाठी, और संयुक्त संचालक जनगणना श्री एस एल जैन के अलावा ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के प्रमुख जिला जनगणना अधिकारी (कलेक्टर), जिला जनगणना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत , चार्ज अधिकारी और जनसंपर्क अधिकारी मौजूद थे । अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया ।

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एस डी अग्रवाल ने कहा कि जनगणना का कार्य चुनाव की तरह ही महत्वपूर्ण है । जनगणना अधिकारियों को जनगणना के इस महती कार्य को निश्चित समयावधि में पूर्ण करना जरूरी है । उन्होंने कहा कि अब तकनीक और साधनों के  विकास से इस कार्य को तत्परता से अंजाम दिया जा सकता है, जबकि पहले इस कार्य में काफी समय लग जाता था । उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला की सफलता भारत की जनगणना 2011 के कार्य को सम्पूर्णता और गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने पर निर्भर है ।

       अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री एस बी सिंह ने जनगणना की वास्तविकता और समयबध्दता पर विशेष ध्यान देने को कहा । उन्होंने कहा कि जनगणना में एकत्रित आंकड़ों के आधार पर विकास योजनायें बनाने में मदद मिलती है । उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में मकान सूचीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है । आगामी 9 फरवरी से 28 फरवरी तक चलने वाले इस द्वितीय चरण में प्रत्येक घर में जाकर हर व्यक्ति से सम्पर्क कर सामाजिक और आर्थिक जानकारी एकत्रित करने का कार्य भी सम्पूर्ण सजगता व क्षमता के साथ पूरा कराना है।

       गृह सचिव श्री चंद्रहास दुबे ने कहा कि इस जनगणना के माध्यम से नि:शक्तजनों, बाल श्रमिक, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कर्मियों की गणना भी की जायेगी ,। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनगणना के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि कोई भी बेघर व्यक्ति गणना से छूटे नहीं । अनाधिकृत रूप से जंगलों में रहने वालों की भी गणना की जायेगी। इस जनगणना में नि:शक्तता, लिंगानुपात, महिलाओं की कार्य सहभागिता, प्रवास और बेघर परिवार की गणना को संवेदनशील मुद्दों के रूप में शामिल किया गया है । इनकी गणना में सावधानी बरती जाये और देश के विकास के लिये महत्वपूर्ण इस जनगणना कार्य को समय सीमा में पूरा कराया जाये ।

       जनगणना निदेशक श्री सचिन सिन्हा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये बताया कि भारत की जनगणना विश्व की सर्वाधिक बेहतर आंकड़े देने वाली जनगणना है । उन्होंने बताया कि इस जनगणना में मकान एवं परिवार को उपलब्ध सुविधा के साथ ही व्यक्ति के संबंध में सामाजिक और सांस्कृतिक साख्यिकी भी एकत्रित की जोयगी । उन्होंने कहा कि 9 से 28 फरवरी तक चलने वाली जनगणना के द्वितीय चरण में परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी एकत्रित की जायेगी और 28 फरवरी की मध्यरात्रि में बेघर परिवारों की गणना की जायेगी । आगामी 1 से 5 मार्च तक एकत्रित जानकारी का पुनरीक्षण किया जायेगा और 25 मार्च को अंतिम आंकड़े प्रसारित किये जायेंगे । इसके लिये 7 मार्च तक चार्ज स्तर के अनन्तिम आंकड़े निदेशालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य रहेगा । उन्होंने कहा कि जनगणना के लिये दी जाने वाली समस्त जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी और इसका उल्लंघन होने पर संबंधित के विरूध्द जनगणना अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक हजार रूपये के अर्थदंड / तीन वर्ष के कारावास तक की कार्रवाई की जायेगी ।

       प्रारंभ में कलेक्टर ग्वालियर श्री आकाश त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया । उन्होंने बताया कि भारत में जनगणना का कार्य सन् 1872 से शुरू हुआ था । जनगणना 2011 अब तक की 15 वीं और स्वतंत्र भारत की सातवीं जनगणना है ।

       प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रत्यक्ष प्रदर्शन के माध्यम से जनगणना द्वितीय चरण के प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार की रणनीति , बजट प्रावधान और परिवार अनुसूची भरने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया । इस दौरान बताया गया कि भारत की जनगणना 2011 में देश की लगभग 120 करोड़ जनसंख्या की गणना के लिये 24 करोड़ परिवारों से सम्पर्क किया जायेगा। प्रशिक्षण में जनगणना अधिकारियों और चार्ज अधिकारियों के कर्तव्य उल्लेखित किये गये। इस अवसर पर प्रगणक और पर्यवेक्षकों को मानदेय एवं प्रशिक्षण भत्ता का समय सीमा में वितरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। कार्यशाला में बताया गया कि 27 जनवरी से 2 फरवरी तक जनगणना सप्ताह मनाया जायेगा और 9 फरवरी को विशिष्ट व्यक्तियों की गणना के साथ ही जनगणना के द्वितीय चरण का कार्य शुरू हो जायेगा ।

       प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि जनगणना की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नही दी जाती है । साथ ही बीपीएल सर्वे सूची से भी इसका कोई संबंध नहीं है । जनगणना से संबंधित उत्कृष्ठ कार्य करने पर राष्ट्रपति पदक का भी प्रावधान है । इस अवसर पर बताया गया कि जनगणना में लगाई गई डयूटी निरस्त नहीं होगी । डयूटी निरस्ती के लिये मेडीकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर कलेक्टर का अनुमोदन आवश्यक होगा ।

 

ग्‍वालियर चम्‍बल का पर्यटन और म.प्र. पर्यटन पर फिल्‍म

ग्‍वालियर चम्‍बल का पर्यटन और म.प्र. पर्यटन पर फिल्‍म

आजकल टीवी चैनलों पर कार्यक्रमों के बीच एक एड फिल्म नजर आती है। साठ सैकेण्ड की यह फिल्म अजब एमपी की गजब विशेषताओं के किस्से बयां करती है। दरअसल यह मप्र पर्यटन विकास निगम के ताजा कैम्पेन 'अजब मध्यप्रदेश-गजब मध्यप्रदेश' के जरिए पर्यटकों और सैलानियों को लुभाने का हिस्सा है। विज्ञापन की दुनियां में मशहूर पीयूष पांडे ने तैयार किया है। पीयूष पांडे अपनी मौलिक सृजनात्मक क्षमता और प्रयोग धर्मिता के लिए जाने जाते है। एमपी अजब है भी हर किसी को मध्यप्रदेश के गजब होने की कहानी सुनने के लिए बाध्य करती है। मप्र में पर्यटन को प्रमोट करने के लिए तैयार इस एड फिल्म को देखकर लगता है कि एमपी वाकई गजब है। मप्र पर्यटन विकास निगम ने इससे पहले भी देश का दिल्ल देखो एड तैयार कराया था। बाजारीकरण के इस दौर में गुणवत्ता और विश्वसनीयता को भी कसौटी पर खरा उतारना पड़ता है और वह भी तब जबकि गलाकाट स्पर्धा हो। एक से बढ़कर एक में से किसी एक को चुनना वाकई कठिन होता है और इस चुनाव को आसान बनाने के लिए ही मार्केटिंग की जाती है। बाजार और लोगों की मानसिकता को ध्यान में रखते हुए पर्यटन निगम का कैम्पेन जरूरी है। पर्यटकों को देश के इस हृदय प्रदेश में आकर्षित किए जाने के मप्र पर्यटन निगम के इस तरह के प्रयासों का फायदा भी मिला है। ऐतिहासिक धरोहरों, संस्कृति की विविधताओं और पुरा सम्पदाओं की बहुलता के बावजूद मध्यप्रदेश पर्यटकों को आकर्षित करने में अन्य रायों के मुकाबले काफी पीछे है। बेहतर मार्केटिंग से इस दाग को दूर किया जा सकता है। ढेरों पर्यटक स्थलों के बावजूद प्रदेश में ऐसे तमाम पर्यटन स्थल हैं जहां पयटकों की पहुंच नहीं है। अगर पहुंच है तो रहने और खाने सहित बुनियादी सुविधाएं नहीं है। पर्यटन खुद में एक उद्योग है जो बगैर मशक्कत किए रोजगार की संभावनाएं पैदा करता है और रोजगार मुहैया भी कराता है। जरूरत प्रदेश के पर्यटन स्थलों तक पहुंच और भी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की है। ग्वालियर-चम्बल अंचल में समेत प्रदेश के कुछ हिस्सों में पर्यटकों की असुरक्षा भी चिंताजनक पहलु है। पर्यटक बगैर खतरे के घूम-फिर सके, इसकी चिंता की जिम्मेदारी राय सरकार की है।

 

अंग्रेजों के लिए भारतीयों पर दवा परीक्षण - प्रमोद भार्गव

अंग्रेजों के लिए भारतीयों पर दवा परीक्षण

प्रमोद भार्ग

यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मानवीयता और नैतिकता के सभी तकाजों को ताक पर रखकर 869 लाचार व गरीब बाल-गोपालों की देह पर निर्माणाधीन दवाओं का चिकित्सकीय परीक्षण कर उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया गया। मध्यप्रदेश के इन्दौर में ये परीक्षण एक सरकारी अस्पताल में चोरी-छिपे किए गए। इस नाजायज कारोबार को अंजाम अस्पताल के करीब आधा दर्जन चिकित्सा विशेषज्ञों ने दो करोड़ बतौर रिश्वत लेकर योरोपीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों के लिए दिया। हैरानी यहां यह भी है कि ये परीक्षण सर्वाइकल और गुप्तांग कैंसर जैसे रोगों के लिए किए गए, जिनके रोगी भारत में ढूंढने पर भी बमुश्किल मिलते हैं। इन क्लीनिकल ड्रग एवं वेक्सीन ट्रायल का खुलासा पहले तो एक स्वयंसेवी संस्था ने किया बाद में इसे विधायक पारस सखलेचा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जबाव में प्रदेश सरकारके स्वास्थ्य राय मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने विधानसभा पटल पर मंजूर किया कि 869 बच्चों पर दवा का परीक्षण बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों ने इंदौर के महाराजा यशवंतराज चिकित्सालय में किया।

ये परीक्षण इंदौर समेत प्रदेश के कुछ अन्य सरकारी अस्पतालों में बगैर अनुमति के किए गए। जिन 869 बच्चों पर ये परीक्षण किए गए उनमें से 866 पर टीका और तीन बच्चों पर दवा का परीक्षण किया गया। ये सभी परीक्षण विश्व स्वास्थ्य संगठन की बजाय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों ने कराए। ये आंकड़े केवल दो साल के हैं। जबकि प्रदेश में छह साल से आदिवासियों समेत गरीब बच्चों पर दवाओं व टीकों के परीक्षण जारी हैं। परीक्षण के दौरान कुछ बच्चों की मौतें भी हुई हैं। लेकिन इन बच्चों का किसी स्वतंत्र पेनल से शव विच्छेदन नहीं कराया गया। इसलिए यह साफ नहीं हो सका कि मौतें परीक्षण के लिए इस्तेमाल दवाओं के दुष्प्रभाव से ही हुई। दरअसल ऐसी स्थिति में खुद चिकित्सक नही समझ पाते कि प्रयोग में लाई जा रही दवा से मरीज को बचाने के लिए कोन सी दवा दी जाए। इसलिए इन प्रयोगों के दौरान रोगी की स्मरणशक्ति गुम हो जाना, आंखों की रोशनी कम हो जाना और शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता घट जाना आम बात है। दवाओं का ऐसा ही प्रयोग भोपाल गैस दुर्घटना के पीड़ितों पर भी भोपाल मेमोरियल अस्पताल में किया गया था।

इंदौर के अस्पताल में वर्ष 2010 में ही 44 बालक-बालिकाओं पर सर्वाइकल कैंसर और गुप्तांग कैंसर के लिए वी-503 टीका का परीक्षण किया गया। गुप्तरूप से किए जा रहे इन परीक्षणों का खुलासा एक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलाकर इसी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आनंद राय ने किया तो एक जांच समिति गठित कर मामले को दबाने की कोशिश की गई। इस समिति ने लाचारी जताते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया में ऐसा कोई कानून नहीं है कि जिसके जरिए दवाओं के ऐसे परीक्षणों पर रोक लगाई जा सके। इस आधार पर न तो समिति के सुझावों को अमल में लाया जा सका और न ही परीक्षण के लिए दोषी आधा दर्जन चिकित्सकों के विरुध्द कोई कार्यवाही की जा सकी। यहां इस सवाल को गौण कर दिया गया कि चिकित्सकों ने दवा कंपनियों से मोटी रकम तो निजी लाभ के लिए ली, लेकिन संसाधन सरकारी अस्पताल के उपयोग में लिए? क्या अस्पताल के साथ यह धोखाधड़ी नहीं है? प्रयोग में लाए गए बच्चों की जब मौते हुई तो अस्पताल की बदनामी तो हुई ही, आम आदमी का विश्वास भी उठा? इसी भरपाई कौन करेगा?

 

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास पर शिवराज की पहल

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास पर शिवराज की पहल

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास के मुद्दे पर ग्वालियर के जन प्रतिनिधि राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर के तमाम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को एक साथ बैठाकर विमर्श की सराहनीय पहल की है। ग्वालियर से रायसभा सांसद (अब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष) प्रभात झा का सपना भी ऐसा करने का था, लेकिन वे इस दिशा में कारगर पहल नहीं कर सके। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर की खस्ता हाल सड़कों से लेकर एक दर्जन से अधिक लंबित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाले अवरोधों को हटाने का भरोसा दिलाया। एक-दूसरे का मुंह देखने के लिए तैयार नहीं विधायक, महापौर और प्रशासनिक अफसरों के बीच के गिले-शिकवे भी सुने। दरअसल ग्वालियर को इस तरह की पहल की जरुरत बहुत पहले से रही है, लेकिन कभी जन प्रतिनिधियों का सामंती व्यवहार और कभी व्यक्तिगत अहम इस दिशा में बाधक बन गया। लंबे समय तक ग्वालियर का प्रतिनिधित्व करने वाले माधवराव सिंधिया अंत तक राजनीति से ऊपर उठकर विकास का वातावरण नहीं बना सके। यही हाल उनके उत्तराधिकारियों का रहा। फलस्वरुप ग्वालियर, इंदौर, भोपाल के मुकाबले में निरंतर पिछड़ता रहा। अब उम्मीद जागी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहल पर विकास की रफ्तार आगे बढ़ेगी और विकास के नाम पर श्रेय लूटने की होड़ पर ब्रेक लगेगा। आज जरुरत इस बात की है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन विकास की सही अवधारणा को समझे और काम करें। विकास जनता की जरुरतों और उनके जीवन को कष्ट रहित बनाने से जुड़ा होना चाहिए। व्यक्तिगत आकांक्षाएं, महात्वाकांक्षाएं विकास के मूल तत्व को नुकसान पहुंचाती है। महापौर और निगमायुक्त में तालमेल, विधायक और महापौर में तालमेल राजनीतिक स्तर पर भले न हो किंतु विकास के मामले में तालमेल अपरिहार्य भी है और अनिवार्य भी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर विकास का थमा चक्र एक बार फिर चल पड़े तो ग्वालियर की जनता को अराजक यातायात, प्रदूषण, दुर्घटनाओं और पेयजल संकट जैसी समस्याओं से निजात मिल ही जाएगी। हम ग्वालियर की सांसद से भी कहना चाहेंगे कि वे शिवपुरी के बजाय ग्वालियर पर ध्यान केेंद्रित करें तो बेहतर है, क्योंकि शिवपुरी के सांसद शिवपुरी का ध्यान रखने में सक्षम है। भविष्य में इस तरह की नियमित बैठक होती रहें तो निश्चित ही कुछ न कुछ सार्थक परिणाम जरुर निकलेंगे।