जनगणना 2011 को ''यूथ सेंसस'' के नाम से जाना जायेगा
जनगणना अधिकारियों की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न
ग्वालियर 27 दिसम्बर 10 / भारत की जनगणना 2011 में विश्व की 40 प्रतिशत युवा शक्ति भारत में होने की संभावना है । इसलिये इस जनगणना को '' यूथ सेंसस'' के नाम से जाना जायेगा । इस जनगणना में प्राप्त आंकड़ों के माध्यम से युवा शक्ति का सही आंकलन कर उनके लिये बेहतर व पर्याप्त रोजगार धंघे की तलाश की जायेगी 1 यह जानकारी आज ग्वालियर मे संपन्न भारत की जनगणना 2011 के लिये जनगणना अधिकारियों की संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में दी गई ।
चंबल संभाग के आयुक्त श्री एस डी अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य एवं ग्वायिलर संभाग के आयुक्त श्री एस बी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मध्यप्रदेश शासन के गृह सचिव श्री चंद्रहास दुबे, जनगणना कार्य निदेशक श्री सचिन सिन्हा, कलेक्टर ग्वालियर श्री आकाश त्रिपाठी, और संयुक्त संचालक जनगणना श्री एस एल जैन के अलावा ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के प्रमुख जिला जनगणना अधिकारी (कलेक्टर), जिला जनगणना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत , चार्ज अधिकारी और जनसंपर्क अधिकारी मौजूद थे । अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री एस डी अग्रवाल ने कहा कि जनगणना का कार्य चुनाव की तरह ही महत्वपूर्ण है । जनगणना अधिकारियों को जनगणना के इस महती कार्य को निश्चित समयावधि में पूर्ण करना जरूरी है । उन्होंने कहा कि अब तकनीक और साधनों के विकास से इस कार्य को तत्परता से अंजाम दिया जा सकता है, जबकि पहले इस कार्य में काफी समय लग जाता था । उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला की सफलता भारत की जनगणना 2011 के कार्य को सम्पूर्णता और गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने पर निर्भर है ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री एस बी सिंह ने जनगणना की वास्तविकता और समयबध्दता पर विशेष ध्यान देने को कहा । उन्होंने कहा कि जनगणना में एकत्रित आंकड़ों के आधार पर विकास योजनायें बनाने में मदद मिलती है । उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में मकान सूचीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है । आगामी 9 फरवरी से 28 फरवरी तक चलने वाले इस द्वितीय चरण में प्रत्येक घर में जाकर हर व्यक्ति से सम्पर्क कर सामाजिक और आर्थिक जानकारी एकत्रित करने का कार्य भी सम्पूर्ण सजगता व क्षमता के साथ पूरा कराना है।
गृह सचिव श्री चंद्रहास दुबे ने कहा कि इस जनगणना के माध्यम से नि:शक्तजनों, बाल श्रमिक, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला कर्मियों की गणना भी की जायेगी ,। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनगणना के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि कोई भी बेघर व्यक्ति गणना से छूटे नहीं । अनाधिकृत रूप से जंगलों में रहने वालों की भी गणना की जायेगी। इस जनगणना में नि:शक्तता, लिंगानुपात, महिलाओं की कार्य सहभागिता, प्रवास और बेघर परिवार की गणना को संवेदनशील मुद्दों के रूप में शामिल किया गया है । इनकी गणना में सावधानी बरती जाये और देश के विकास के लिये महत्वपूर्ण इस जनगणना कार्य को समय सीमा में पूरा कराया जाये ।
जनगणना निदेशक श्री सचिन सिन्हा ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये बताया कि भारत की जनगणना विश्व की सर्वाधिक बेहतर आंकड़े देने वाली जनगणना है । उन्होंने बताया कि इस जनगणना में मकान एवं परिवार को उपलब्ध सुविधा के साथ ही व्यक्ति के संबंध में सामाजिक और सांस्कृतिक साख्यिकी भी एकत्रित की जोयगी । उन्होंने कहा कि 9 से 28 फरवरी तक चलने वाली जनगणना के द्वितीय चरण में परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी एकत्रित की जायेगी और 28 फरवरी की मध्यरात्रि में बेघर परिवारों की गणना की जायेगी । आगामी 1 से 5 मार्च तक एकत्रित जानकारी का पुनरीक्षण किया जायेगा और 25 मार्च को अंतिम आंकड़े प्रसारित किये जायेंगे । इसके लिये 7 मार्च तक चार्ज स्तर के अनन्तिम आंकड़े निदेशालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य रहेगा । उन्होंने कहा कि जनगणना के लिये दी जाने वाली समस्त जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी और इसका उल्लंघन होने पर संबंधित के विरूध्द जनगणना अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक हजार रूपये के अर्थदंड / तीन वर्ष के कारावास तक की कार्रवाई की जायेगी ।
प्रारंभ में कलेक्टर ग्वालियर श्री आकाश त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया । उन्होंने बताया कि भारत में जनगणना का कार्य सन् 1872 से शुरू हुआ था । जनगणना 2011 अब तक की 15 वीं और स्वतंत्र भारत की सातवीं जनगणना है ।
प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रत्यक्ष प्रदर्शन के माध्यम से जनगणना द्वितीय चरण के प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार की रणनीति , बजट प्रावधान और परिवार अनुसूची भरने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया । इस दौरान बताया गया कि भारत की जनगणना 2011 में देश की लगभग 120 करोड़ जनसंख्या की गणना के लिये 24 करोड़ परिवारों से सम्पर्क किया जायेगा। प्रशिक्षण में जनगणना अधिकारियों और चार्ज अधिकारियों के कर्तव्य उल्लेखित किये गये। इस अवसर पर प्रगणक और पर्यवेक्षकों को मानदेय एवं प्रशिक्षण भत्ता का समय सीमा में वितरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। कार्यशाला में बताया गया कि 27 जनवरी से 2 फरवरी तक जनगणना सप्ताह मनाया जायेगा और 9 फरवरी को विशिष्ट व्यक्तियों की गणना के साथ ही जनगणना के द्वितीय चरण का कार्य शुरू हो जायेगा ।
प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि जनगणना की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत नही दी जाती है । साथ ही बीपीएल सर्वे सूची से भी इसका कोई संबंध नहीं है । जनगणना से संबंधित उत्कृष्ठ कार्य करने पर राष्ट्रपति पदक का भी प्रावधान है । इस अवसर पर बताया गया कि जनगणना में लगाई गई डयूटी निरस्त नहीं होगी । डयूटी निरस्ती के लिये मेडीकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर कलेक्टर का अनुमोदन आवश्यक होगा ।
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