मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास पर शिवराज की पहल

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास पर शिवराज की पहल

ग्वालियर के सर्वांगीण विकास के मुद्दे पर ग्वालियर के जन प्रतिनिधि राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर के तमाम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को एक साथ बैठाकर विमर्श की सराहनीय पहल की है। ग्वालियर से रायसभा सांसद (अब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष) प्रभात झा का सपना भी ऐसा करने का था, लेकिन वे इस दिशा में कारगर पहल नहीं कर सके। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर की खस्ता हाल सड़कों से लेकर एक दर्जन से अधिक लंबित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाले अवरोधों को हटाने का भरोसा दिलाया। एक-दूसरे का मुंह देखने के लिए तैयार नहीं विधायक, महापौर और प्रशासनिक अफसरों के बीच के गिले-शिकवे भी सुने। दरअसल ग्वालियर को इस तरह की पहल की जरुरत बहुत पहले से रही है, लेकिन कभी जन प्रतिनिधियों का सामंती व्यवहार और कभी व्यक्तिगत अहम इस दिशा में बाधक बन गया। लंबे समय तक ग्वालियर का प्रतिनिधित्व करने वाले माधवराव सिंधिया अंत तक राजनीति से ऊपर उठकर विकास का वातावरण नहीं बना सके। यही हाल उनके उत्तराधिकारियों का रहा। फलस्वरुप ग्वालियर, इंदौर, भोपाल के मुकाबले में निरंतर पिछड़ता रहा। अब उम्मीद जागी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहल पर विकास की रफ्तार आगे बढ़ेगी और विकास के नाम पर श्रेय लूटने की होड़ पर ब्रेक लगेगा। आज जरुरत इस बात की है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन विकास की सही अवधारणा को समझे और काम करें। विकास जनता की जरुरतों और उनके जीवन को कष्ट रहित बनाने से जुड़ा होना चाहिए। व्यक्तिगत आकांक्षाएं, महात्वाकांक्षाएं विकास के मूल तत्व को नुकसान पहुंचाती है। महापौर और निगमायुक्त में तालमेल, विधायक और महापौर में तालमेल राजनीतिक स्तर पर भले न हो किंतु विकास के मामले में तालमेल अपरिहार्य भी है और अनिवार्य भी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर विकास का थमा चक्र एक बार फिर चल पड़े तो ग्वालियर की जनता को अराजक यातायात, प्रदूषण, दुर्घटनाओं और पेयजल संकट जैसी समस्याओं से निजात मिल ही जाएगी। हम ग्वालियर की सांसद से भी कहना चाहेंगे कि वे शिवपुरी के बजाय ग्वालियर पर ध्यान केेंद्रित करें तो बेहतर है, क्योंकि शिवपुरी के सांसद शिवपुरी का ध्यान रखने में सक्षम है। भविष्य में इस तरह की नियमित बैठक होती रहें तो निश्चित ही कुछ न कुछ सार्थक परिणाम जरुर निकलेंगे।

 

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