शनिवार, 25 दिसंबर 2010

राजस्व अधिकारी अपने को नजूल की बारीकियों से पारंगत करें--डॉ संदीप खन्ना

राजस्व अधिकारी अपने को नजूल की बारीकियों से पारंगत करें--डॉ संदीप खन्ना

नजूल प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में पूर्व अपर मुख्य सचिव का व्याख्यान

 ग्वालियर 24 दिसम्बर 10/ राज्य की आवास तथा बसाहट नीति के अनुरूप आवासहीनों की समस्याओं के समाधान में राजस्व अधिकारी महती भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन इसके लिये उन्हें नजूल जमीन से जुड़ी सभी बारीकियों से अपने आपको पारंगत करना होगा। प्रदेश के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ संदीप खन्ना ने इस आशय के विचार आज यहॉ नजूल प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में '' नगरीय क्षेत्रों में भू- प्रबंधन की आवश्यकता एवं राजस्व अधिकारियों की कार्यक्षमता का विकास '' विषय पर व्याख्यान देते हुये व्यक्त किये।

      सिटी सेंटर स्थित राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित हुये, नजूल प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम में भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त विभाग के आयुक्त श्री मुक्तेश वार्ष्णेय, संयुक्त आयुक्त श्री उपेन्द्र नाथ शर्मा व श्री मूलचन्द वर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी व नजूल प्रशिक्षण में शामिल राजस्व अधिकारी मौजूद थे। 

      सेवानिवृत अपर मुख्य सचिव डॉ खन्ना ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के मकसद से विधानसभा में पारित 70 संकल्पों में भी शहरों के डेवलपमेंट प्लान और अधों संरचना बोर्ड का जिक्र प्रमुखता से किया गया है। उन्होंने कहा इसमें राजस्व अधिकारियों की अहम् भूमिका होना स्वाभाविक है। नगरीय क्षेत्रों को झुग्गी मुक्त बनाने और छोटे शहरों में सुनियोजित विकास को मूर्त रूप देने के लिये राजस्व अधिकारी अपने में नजूल संबंधी क्षमता बढायें। डॉ खन्ना ने यह भी कहा कि नजूल अधिकारियों से विशिष्ट वर्गो मसलन नि:शक्त जन, वृध्दजन, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति, महिलाओं व बच्चों के साथ संवेदनशीलता का व्यवहार करने की विशेष अपेक्षा होती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में भी ऐसे धारकों को लीज पर भूमि देने का प्रावधान है।

      सेवा निवृत अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि नजूल अधिकारियों को अपने दायित्वो का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करना चाहिये। वर्तमान दौर में यदि कुछ भी गलत होता है तो उसे जनता की नजरों से छुपाया नहीं जा सकता। उन्होने कहा कि वर्तंमान में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति वांछित जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही मीडिया भी काफी सशक्त है, जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रखती है।

      आयुक्त भू-अभिलेख श्री मुक्तेश वार्ष्णेय ने कहा कि प्रदेश के सभी नगरों में नजूल कार्रवाही को गति देने के लिये राजस्व अमले को प्रशिक्षित कराया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान ग्वालियर में प्रदेश के सभी जिलों में पदस्थ राजस्व अमले को विभिन्न सत्रों में यह प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।

      आज सम्पन्न हुये नजूल प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में पूर्व अपर मुख्य सचिव डॉ संदीप खन्ना ने प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके राजस्व अधिकारियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये।

 

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