गर्मी के मौसम में लू से बचाव हेतु सावधानियां बरतें चिकित्सा संस्थाओं में पर्याप्त औषधियां उपलब्ध रहें
ग्वालियर 26 अप्रैल 08 । गर्मी के मौसम में लू का प्रकोप एवं अत्याधिक गर्मी में लू (तापघात) की संभवना बढ़ जाती है । ऐसे में लू एवं तेज गर्मी से बचाव हेतु जनसमुदाय को स्वास्थ्य सेवाओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से अधिक से अधिक जानकारी दी जावे । यह भी सुनिश्चित किया जाये कि समस्त चिकित्सक एवं कर्मचारी उनके नियत मुख्यालय पर निवास करें तथा चिकित्सा संस्थायें नियत समय पर खुलें तथा इन संस्थाओं पर पर्याप्त मात्रा में औषधियों की उपलब्धता रहे । उक्त आशय के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अर्चना शिंगवेकर ने जिले के सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को दिये हैं । उन्होंने भेजे गये अपने पत्र में कहा है कि गर्मी के मौसम में लू (तापघात) एवं अत्याधिक गर्मी होने के कारण इसके बचाव हेतु जनसमुदाय को समुचित स्वास्थ्य शिक्षा दी जावे ।
उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग, कान, व सिर को गमछे या तोलिये से ढककर ही धूप में निकलें तथा रंगीन चश्में व छतरी का प्रयोग करें । गर्मी के दिनों में धूप से बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले वस्त्रों का प्रयोग करें । बिना भोजन किये बाहर न निकलें , भोजन करने एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें । गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पियें एवं पेय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें । जहां तक संभव हो ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम या मेहनत न करें । बहुत अधिक भीड़, घुटन भरे कमरों, रेल, बसों आदि की यात्रा भी गर्मी के मौसम में नहीं करें ।
यदि कोई व्यक्ति लू(तापघात) से प्रभावित होता है तो उसे तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लिटादें एवं हवा करें । रोगी को होश में आने की दशा में उसे ठंडा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल,कच्चे आम का पना आदि दें । प्याज का रस अथवा जौ के आटे को भी ताप नियंत्रण हेतु शरीर पर मला जा सकता है ।
रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिये यदि संभव हो तो उसे ठंडे पानी से स्नान कराया जावे या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखकर पूरे शरीर को ढंक दें । इस प्रक्रिया को तब तक दोहरायें जब कि शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है । मरीज ठीक न होने की स्थिति में उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्था में रेफर किया जावे ।
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