रविवार, 24 अगस्त 2008

ग्वालियर में तानसेन संगीत अकादमी की स्थापना होगी, मुख्यमंत्री द्वारा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय , राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और कृषि उपज मंडी का शिलान्यास

ग्वालियर में तानसेन संगीत अकादमी की स्थापना होगी, मुख्यमंत्री द्वारा राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय , राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और कृषि उपज मंडी का शिलान्यास

ग्वालियर 23 अगस्त 08। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय और नवीन कृषि उपज मंडी  की स्थापना का शिलान्यास किया तथा ग्वालियर में तानसेन संगीत अकादमी की स्थापना की घोषणा की । उन्होंने कहा कि ग्वालियर के साथ अभी तक जो ऐतिहासिक अन्याय हुआ है उसकी ब्याज सहित भरपाई की जायेगी ।

       समारोह की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की । इस अवसर पर कृषि एवं सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जलसंसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री अनूप मिश्रा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह, वन एवं राजस्व राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, सांसद श्री प्रभात झा, राज्यवित्त आयोग के अध्यक्ष श्री शीतला सहाय, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री जयभान सिंह पवैया, महापौर श्री विवेक शेजवलकर, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव, जनसंपर्क एवं संस्कृति सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा. विजय सिंह तोमर तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्वालियर की धरती पर आज एक नये इतिहास की रचना की जा रही है । राज्य सरकार द्वारा लिये गये संकल्प के अनुसार ग्वालियर-चंबल की धरती को डकैतों से मुक्त कराया जा चुका है और अब चंबल की घाटी को शांति का टापू बनाने के सतत प्रयास किये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि ग्वालियर के विकास के साथ जो अन्याय हुआ है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जा रही है । गालव ऋषि की इस तपोभूमि पर औद्योगीकरण की एक नई धारा प्रवाहित की जा रही है और पिछले दिनों यहां हुई इन्वेस्टर्स मीट में 88 हजार करोड़ रूपये के निवेश हुये है । अब इस धरती पर इतने कल-कारखाने खोले जायेंगे जिससे क्षेत्र के सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार के असीमित नये अवसर मिलेंगे । उन्होंने कहा कि आगामी 26 अगस्त को ग्वालियर अंचल में इस्पात कारखाना का भी शिलान्यास होने जा रहा है । उन्होंने कहा कि यहां नये उद्योगों को तो शुरू करायेंगे ही साथ ही पुराने बंद कारखानों को भी प्रारंभ कराने के प्रयास किये जायेंगे । हर्षित तक्षशिला को भी फिर से शुरू कराया जायेगा ।

       मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिये राज्य सरकार ने घाटे की खेती को फायदे के धंधे में बदलने का संकल्प लिया है और इसके लिये कृषि लागत में कमी और उत्पादन मूल्य में वृध्दि के कई निर्णय लिये गये हैं । यहां स्थापित होने जा रहा यह कृषि विश्वविद्यालय भी इस क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करेगा । उन्होंने कहा कि जबलपुर में पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही प्रदेश में उद्यानिकी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का भी निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है । प्रदेश में वर्षो से अधूरी पड़ी सिंचाई योजनाओं को पूरा कराने के प्रयास किये जा रहे हैं । मुरैना जिले की ऐसाह उद्वहन सिंचाई योजना की बाधाओं को भी दूर करने के प्रयास हो रहे हैं ।

       अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की कल्पना को साकार रूप दिया जा रहा है । प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र बुंदेल खंड में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिये मेडीकल कालेज की स्थापना हेतु 150 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है और विन्घ्य क्षेत्र में पशुचिकित्सा महाविद्यालय शुरू किया गया है । उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय भी प्रारंभ किया गया है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधोसंरचना के विकास पर तेजी से कार्य चल रहा है । सड़कों के विकास, औद्योगीकरण को गति देने के साथ ही गरीबों और महिलाओं के उत्थान की दिशा में बेहतर और अनुकरणीय प्रयास किये जा रहे है ।

       कृषि मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि आज का दिन इस अंचल के लिये ऐतिहासिक दिन है, जब यहां दो विश्वविद्यालयों की एक साथ स्थापना हो रही है । कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से इस क्षेत्र में कृषि रकबे और उत्पादकता में वृध्दि के प्रयास होंगे और कृषि आधारित उद्योगों के माध्यम से बेरोजगारी दूर करने में भी यह विश्वविद्यालय मील का पत्थर बनेगा । उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से चंबल अंचल के करीब 3 लाख हेक्टर बीहड़ क्षेत्र के विकास के भी प्रयास होंगे ।

       जलसंसाधन मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर के तत्कालीन महाराजा जीवाजी राव सिंधिया ने इस क्षेत्र में कृषि विकास के लिए कृषि महाविद्यालय की स्थापना की थी और आज  श्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना कर क्षेत्र के कृषि विकास को नये आयाम दिये है। उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय के लिए 54 करोड़ 80 लाख रूपये और संगीत विश्वविद्यालय के लिये 5 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है और जमीन भी उपलब्ध कराई गई है । ग्वालियर में एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल के लिये भी बजट में प्रावधान कर दिया गया है और शीघ्र ही इसका भी शिलान्यास किया जायेगा।

       प्रदेश के संस्कृति सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि संगीत और कला आत्मा का मधु है और आज ग्वालियर में इस संगीत विश्विद्यालय की स्थापना से प्रदेश के सांस्कृतिक परिदृश्य में जो अभाव था उसकी पूर्ति हो रही है । उन्होंने कहा कि संगीत अनुशासित जीवन देता है । उन्होंने कहा कि ग्वालियर के तत्कालीन महाराजा मानसिंह तोमर ने देश में पहला संगीत महाविद्यालय यहां स्थापित किया था और अकबर के 36 दरबारी गायकों में से 15 ग्वालियर के थे । इसलिये राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्विद्यालय की स्थापना के लिये ग्वालियर से उपयुक्त और कोई जगह हो ही नहीं सकती ।

       कृषि विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा. विजय सिंह तोमर ने कहा कि यह विश्वविद्यालय क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये नवीन कृषि अनुसंधान और शिक्षा के जरिये कृषि विकास में नये आयाम जोड़ने का कार्य करेगा ।

       अंत में सभी की उपस्थिति के प्रति उप संचालक मंडी श्री अनिल खरे ने आभार व्यक्त किया।

 

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