सोमवार, 25 अगस्त 2008

आदिवासी हितग्राहिओं को स्वरोजगार देने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित

आदिवासी हितग्राहिओं को स्वरोजगार देने के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित

ग्वालियर 24 अगस्त 08। सरकार द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न स्वरोजगार मूलक योजनाओं के तहत अत्यंत कम दर पर ऋण प्रदान करने करने के लिए अनुसूचित जन जाति के हितग्राहियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं।

       जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला सशक्तिकरण योजना के तहत छोटे व्यवसाय, कृषि उत्पादकता बढ़ाओ योजना, डेयरी फार्मिंग आदि के तहत आदिवासी हितग्राहियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए जिले को लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उक्त योजनाओं के तहत आदिवासी हितग्राहिओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए न्यूनतम व्याज दर अर्थात चार प्रतिशत से लेकर छ: प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजनाओं की इकाई लागत 50 हजार से लेकर एक लाख रूपये तक होती है। योजनाओं का लाभ-प्राप्त करने के लिए आदिवासी आवेदक को मध्यप्रदेश का मूलनिवासी होना चाहिए। महिला सशक्तिकरण योजना के लिए उन्हीं ग्राम के आवेदकों के आवेदन पत्र मान्य किये जायेंगे जहां छात्रावास व आश्रम संचालित हैं। कृषि उत्पादकता बढ़ाओ योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास स्वयं की पाँच एकड़ कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है। विस्तृत जानकारी के लिए खेड़ापति कॉलोनी स्थित जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि तीन सितम्बर 2008 रखी गई हैं।

 

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