बुधवार, 9 अप्रैल 2008

जुगाड़ : गन्ने के रस के कारोबार में नवाचार

जुगाड़ : गन्ने के रस के कारोबार में नवाचार

ग्वालियर 8 अप्रैल 08 । चम्बल संभाग के श्योपुर नगर में इन दिनों मिठास परोसने वाला जुगाड़ गन्ने के रस के कारोबार में नवाचार बन चुका है । चंडीगढ़ पंजाब से बनकर आयी यह गाड़ी नगर में जन-आकर्षण का केन्द्र बनी है । इस गाड़ी में स्टीयरिंग मारूति का, गियर और पहिये जीप के, अल्टीनेटर मरूति का और इंजन किर्लोस्कर का सिंचाई पम्प है जो न केवल गाड़ी को चलाता है अपितु गन्ने का रस निकलाने वाले चरखी भी उसी से ही चलती है । मिठास परोसने वाला यह जुगाड़ दिन भर शहर को एक सिरे से दूसरे तक नाप लेता है और जगह-जगह रूककर ग्राहकों को ताजा गन्ने का रस भी पिलाता है । जिससे राजेश और उसके पिता राजेन्द्र का रोजगार भी मजे से चल रहा है ।

       जीप और मिनी बस के बीच के आकार वाला यह वाहन दरअसल जुगाड़ है । जिसकी चैसिस जीप से थोड़ी बड़ी है । चैसिस पर एंगल वेल्ड करके उस पर लकड़ी के फट्टे नटबोल्ट से कसकर फर्श और छत तैयार कर दी गई है । फर्श पर वाहन चालक की सीट है। स्टीयरिंग और गन्ने का रस निकालने वाली चरखी अग्र भाग में और आठ हार्सपावर का एयरकूल्ड किर्लोस्कर पम्प पुश्त में लगा है । पम्प से ही गाड़ी और चरखी दोनो ही आवश्यकतानुसार संचालित किये जा सकते हैं । गाड़ी की छत पर डेढ़ से दो क्विंटल गन्ना आसानी से लादा जा सकता है । वाहन चालक के बगल में आइस बॉक्स , गिलास स्टैंण्ड सहित सामग्री रखने व एक व्यक्ति के बैठने का भी स्थान है ।

       श्योपुर में मिठास परोसने वाले जुगाड़ के मालिक राजेश ने बताया कि वह और उसके पिता श्री राजेन्द्र दोनो मिलकर दिन भर में एक क्विंटल गन्ना रोज खपा देते हैं । सुबह से शाम तक गाड़ी में तकरीबन तीन लीटर डीजल लग जाता है तथा गन्ने का रस बेच कर आज कल गर्मी में अच्छी कमाई हो जाती है । अब तो उनकी देखा-देखी उनके ही गांव को दो अन्य व्यक्ति भी पंजाब जाकर मिठास परोसने वाले जुगाड़ ले आये हैं तथा श्योपुर नगर में ही गन्ने के रस बेचने का काम करने लगे हैं ।

 

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