प्रेरणा योजना के तहत वर्ष 2045 तक जनसंख्या वृध्दि को नियंत्रित करने का लक्ष्य
ग्वालियर 04 जून 10। जनसंख्या की बढ़ती दर को नियंत्रित कर स्थिर करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई प्रेरणा योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की वालिकाओं का विवाह 19 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर सरकार द्वारा पांच हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जावेगी। इस योजना के माध्यम से आमजन को प्रेरित कर सन 2045 तक देश की जनसंख्या की बढ़ती दर को नियंत्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा गठित जनसंख्या स्थिरीकरण का उद्देश्य प्रदेश में आर्थिक विकास, सामाजिक विकास एवं पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप ही जनसंख्या नियंत्रण को बनाये रखने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रेरणा योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं का विवाह उनके वयस्क होने के बाद किया जावे। ऐसा होने पर सरकार द्वारा 5 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जायेंगे तथा नव दम्पति की प्रथम संतान विवाह के कम से कम दो वर्ष की अवधि के बाद होना चाहिये। ऐसा होने पर लड़का होने पर पांच हजार रूपये तथा लड़की पैदा होने पर सात हजार रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जावेगी।
द्वितीय संतान प्रथम संतान के जन्म से तीन वर्ष पश्चात होने पर लड़के के जन्म पर पुन: 5 हजार तथा लड़की के जन्म पर 7 हजार रूपये की राशि दी जावेगी, इसके लिये यह भी आवश्यक है कि द्वितीय संतान के जन्म के एक वर्ष के अंदर नवदम्पति परिवार नियोजन अपना लेवें।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवश्यक है कि नव दम्पति के पास बी पी एल. कार्ड, विवाह पंजीयन कार्ड, महिला की जन्म तिथि के प्रमाण पत्र, संतानों के जन्म के संबध में चिकित्सकों का प्रमाण पत्र तथा परिवार नियोजन आपरेशन करा लेने पर उसका प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिये नजदीकी शासकीय चिकित्सालय और शासकीय चिकित्सक से संपर्क किया जा सकता है।
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