मंगलवार, 29 जून 2010

हर जिले में किसान भवन एवं कृषि प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना होगी - कृषि मंत्री डॉ. कुसमारिया

हर जिले में किसान भवन एवं कृषि प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना होगी - कृषि मंत्री डॉ. कुसमारिया

ग्वालियर 23 जून 10 किसानों से कृषि लागत का बोझ कम करने के लिये प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है, इसीलिये सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में हर जिले में किसान भवन एवं कृषि प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इन केन्द्रों के माध्यम से कृषि विशेषज्ञ एवं ऐसे किसान अन्य कृषकों को जैविक खेती के गुर बतायेंगे, जो पूर्व से सफलतापूवर्क जैविक खेती कर रहे हैं। यह बात किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया ने आज ग्वालियर में कृषि विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में कही। मुरार सर्किट हाउस पर आयोजित हुई बैठक में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के संयुक्त संचालक कृषि क्रमश: श्री जाटव श्री शर्मा समेत दोनों संभागों के सभी जिलों के किसान एवं कृषि कल्याण विभाग के उप संचालक तथा उप संचालक मण्डी श्री विजय अग्रवाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

       किसान कल्याण एवं कृषि विकासमंत्री डॉ. कुसमारिया ने कहा कि खेती को फायदे का धन्धा बनाने के लिये जन और जमीन दोनों की सेहत सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग से जहां खेतों की उत्पादकता घट रही है वहीं किसानों पर अधिक आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। अत: कृषि अधिकारी अपने-अपने जिले में जैविक खेती को विशेष प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों का यह भ्रम तोड़ने का प्रयास करे कि जैविक खाद उत्पादन में अधिक समय और अधिक लागत आती है। इसके लिये जागरूक किसानों के माध्यम से अन्य किसानों को जैविक खेती के लिये प्रेरित करायें। किसान कल्याण मंत्री ने बैठक में दोनों संभाग के सभी जिलों में खरीफ फसल के लिये की गई कृषि आदान व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने सभी कृषि अधिकारियों को हिदायत दी कि किसानों को खाद व बीज के लिये इधर-उधर भटकना न पड़े इसके लिये पहले से ही माकूल बन्दोवस्त रखे जायें। कृषि मंत्री ने मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किसानों को उचित सलाह देने की हिदायत भी बैठक में दी।

कृषि विश्व विद्यालय का जायजा भी लिया

किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया ने ग्वालियर प्रवास के दौरान राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय का जायजा भी लिया। विश्व  विद्यालय के कुलपति डॉ विजय सिंह तोमर सहित अन्य संबंधित अधिकारी उनके साथ थे। इस दौरान उन्होंनें विश्व विद्यालय परिसर मे स्थित कृषि फॉर्म में आधुनिक कृषि तकनीक से उपजाई गई सोयाबीन की खेती का अवलोकन किया। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु में अधिक तापमान के बीच सोयाबीन की अच्छी फसल लेने के लिये विश्व विद्यालय के कुलपति का धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के बीज और खेती का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि प्रदेश के किसान इससे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कृषि विश्व विद्यालय परिसर में स्थापित कैंचुआ खाद उत्पादन इकाई का जायजा लिया  और 20 से 25 दिन में अच्छी गुणवत्ता का कैंचुआ खाद उत्पादन देने वाली इस तकनीक से प्रदेश के किसानों को लाभान्वित कराने के लिये विश्व विद्यालय प्रबंधन से कहा।

       किसान कल्याण मंत्री ने विश्व विद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों व प्राध्यापकों की बैठक ली और विगत वर्षों में विश्व विद्यालय में हुए कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि वे स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अनुसंधान करें और उन्नत खेती के ऐसे तरीके विकसित करें जो कम लागत में अधिक उत्पादन दे सकें।

 

हैलो खरीफ की क्या तैयारी है.

 

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय के भ्रमण पर आये किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया ने यहां स्थापित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम का परीक्षण भी किया। उन्होंने इस सिस्टम से कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन के कृषि वैज्ञानिकों से चर्चा कर वहां खरीफ की तैयारी वर्षा की स्थिति की जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. वाय एम. कूल ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से प्रदेश के 19 कृषि विज्ञान केन्द्र सीधे जुड़े हैं। इस सिस्टम के माध्यम से लेपटॉप के जरिये किसानों के खेतों से भी सीधा संपर्क किया जा सकता है।

 

 

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