शनिवार, 5 जून 2010

गुना जिले के ग्राम गोल्याहेड़ा के निवासियों ने बिजली बचत का संदेश दिया

गुना जिले के ग्राम गोल्याहेड़ा के निवासियों ने बिजली बचत का संदेश दिया

ग्वालियर 04 जून 10। ग्वालियर संभाग के लोग अब बिजली बचत के महत्व को समझ रहे हैं। संभाग के गुना जिले के ग्राम गोल्हाहेड़ा के लोगों ने बिजली के महत्व को समझकर घर-घर में बचत करने का संकल्प लेकर सभी को बिजली बचत का संदेश दिया है। ग्रामवासियों ने जन अभियान परिषद की समझाईश पर कम वोल्टेज वाली सीएफएल. को अपनाकर ज्यादा बिजली खपत करने वाले बल्वों से नाता तोड़ दिया है। ग्राम गोल्याहेड़ा के सभी 102 परिवारों के घरों में अब सीएफएल. की दूधिया रोशनी जगमग करती है। घर में काम करने वाली महिलाओं के साथ बच्चों को अब दूधिया रोशनी में अपना काम करने में एक अलग प्रकार की सुखद अनुभूति का अहसास होता है।

       गुना जिला मुख्यालय से करीब 55 किलो मीटर दूर विकासखण्ड चांचौड़ा का ग्राम गोल्याहेड़ा जिले का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां ग्रामीण शतप्रतिशत सीएफएल. का प्रयोग कर रहे हैं। गत दो माह पूर्व मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की जिला इकाई गुना ने ऊर्जा बचत की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ग्राम गोल्याहेड़ा को चुनते हुए अपने प्रयास प्रारंभ किये। गांव में ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति का गठन किया गया। इस समिति में ग्रामीणों को शामिल किया जाकर घर घर ऊर्जा बचत की समझाईश दी गई। समिति ने गांव के प्रत्येक घर में जाकर यह सर्वे किया कि किस घर में विद्युत के कौन से उपकरण उपयोग में लिये जा रहे हैं। सर्वे में यह सामने आया कि गांव के 102  घरों में 100 वाट के 175 बल्ब, 60 वाट के 37 बल्ब, 40 वाट के 7 बल्ब, 15 वाट के 27 बल्ब और 40 वाट की 7 टयूबलाइटें लगी हुईं हैं। अब इनके स्थान पर सिर्फ सीएफएल. का प्रयोग ग्रामीण कर रहे हैं। पहले पूरे गांव में 21 हजार वाट का उपयोग ग्रामीणजन कर रहे थे जो सीएफएल. के उपयोग से घटकर मात्र 03 हजार वाट रह गया है। यानि शुध्द रूप में 18 हजार वाट की बचत गांव वालों ने कर ली है।

       जिला प्रशासन और जन अभियान परिषद के प्रयासों से लगातार दो माह तक ग्रामीणों के बीच विद्युत बचत के लिये जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके सफल परिणामस्वरूप आज गांव के सभी घरों में सीएफएल. को अपनाया जा चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिह चौहान द्वारा विद्युत बचत के लिये प्रांत व्यापी जन जागरण अभियान चलाया गया है। इसीक्रम में जन अभियान परिषद भी गुना जिले के गांव में अभियान चला रही हैं। शतप्रतिशत सीएफएल. का उपयोग करने वाले जिले के पहले गांव गोल्याहेड़ा में ग्रामीणों द्वारा लाये गये परिवर्तन को देखने जिले के प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी गांव में पहुँच रहे हैं।

       गांव के सरपंच रामभरोसा मीना ने कहा कि हम सभी गांव वालों के लिये यह गर्व का विषय है कि हमने ऊर्जा बचत की दिशा में पहला कदम उठाया है। इस बड़े कार्य में गांव के प्रत्येक व्यक्ति ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। राधेकृष्ण कुशवाह ने बताया कि ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति ने हमारे गांव को न केवल ऊर्जा बचत की दिशा में बल्कि स्वच्छता एवं आपसी भाई चारे के लिये भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक अन्य ग्रामीण सुरेश पेंढ़ारकर ने बताया कि घर घर में सीएफएल. की दूधिया रोशनी न सिर्फ आखों को सुकून पहुँचाती हे बल्कि बिजली के देयक भी अब कम आने लगेंगे।

ग्राम बनवीरखेड़ी ने भी पाया नया मुकाम

       ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में गुना जिले के ही आरोन विकासखण्ड के ग्राम बनवीरखेड़ी ने भी एक नया मुकाम हासिल कर जिले के अन्य ग्रामों के लिये अनुकरणीय कार्य किया है। जिले के विकासखण्ड चांचोड़ा के ग्राम गोल्याहेड़ा की अनुकरणीय पहल को अपनाते हुए बनवीरखेड़ी के ग्रामीणों ने भी बिजली बचत की ओर अपने कदम बढ़ाये हैं। बिजली बचत के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर शासकीय कार्यालयों में सीएफएल. के उपयोग को तो बढ़ावा मिला ही है, साथ ही ग्रामीणों में भी विद्युत बचत के प्रति जागरूकता आई है। ग्राम बनवीरखेड़ी में गठित प्रस्फुटन समिति ने ऊर्जा संरक्षण की दिशा में एक अनोखी पहल करते हुए अपने सम्पूर्ण गांव को विगत दो माह से  सीएफएल. गांव बना डाला। इसके अन्तर्गत गांव के प्रत्येक घर में बल्ब एवं टयूब लाइट के स्थान पर सीएफएल. लगाने का आव्हान किया गया और ग्रामीणों को सीएफएल. की उपयोगिता भी बताई गई। ग्राम बनवीरखेड़ी में कुल घरों की संख्या 150 है, जिनमें 1045 लोग निवास करते हैं। इन घरों में पहले 100 वाट के 364 बल्ब, 200 वाट के 11 बल्ब, 40 वाट की 7 टयूबलाईटें लगाई हुई थीं। इन उपकरणों से प्रतिदिन करीब 38,880 वाट की खपत थी, जो अब सीएफएल. के लग जाने से घटकर 4230 वाट रह गई है। इससे प्रदेश में ऊर्जा बचत की दिशा में उल्लेखनीय योगदान हो सकेगा।

 

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