14 अप्रैल से पूरे प्रदेश में ग्राम सभाएं आयोजित होंगी
भोपाल 4 अप्रैल 08 । आगामी 14 अप्रैल से मध्यप्रदेश के हर गांव में ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। सप्ताह भर चलने वाली इन ग्राम सभाओं में स्थानीय मुद्दों के अलावा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक निकाय का दर्जा मिलने की जानकारी, अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वनवासी अधिनियम 2006, रोजगार गारंटी योजना, समन्वित आजीविका परियोजना, समग्र स्वच्छता अभियान के तहत तदर्थ समितियों का गठन, सामुदायिक एवं विकास कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण, जलाभिषेक अभियान, ग्रीष्म काल में पेयजल व्यवस्था, सर्वशिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन आदि विषयों को शामिल किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव, श्री प्रदीप भार्गव ने ग्राम सभाओं के आयोजन के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। ये अधिकारी जिले में आयोजित ग्राम सभाओं का संकलित प्रतिवेदन आयुक्त, पंचायत राज संचालनालय को 30 अप्रैल तक भेजेंगे। जारी आदेश में कहा गया है कि ग्राम सभाओं में लोगों को मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को विस्तृत जानकारी देकर उन्हें इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। इस योजना में नीले राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को तीन रूपये प्रति किलोग्राम की दर से गेंहूँ एवं साढ़े चार रूपये प्रति किलोग्राम की दर से 20 किलोग्राम खाद्यान्न प्रतिमाह उचित मूल्य की दुकान से उपलब्ध कराया जाएगा।
देश में पंचायत राज संस्थाओं को संवैधानिक निकाय का दर्जा प्राप्त हुआ है। सभी कलेक्टरों को इन संस्थाओं के सशक्तिकरण के संबंध में भारत सरकार से प्राप्त प्रारूप चार्टर भी भेजा गया है। ग्राम सभाओं में इस प्रारूप चार्टर का वाचन होगा और प्रतिक्रियायें संकलित की जायेंगी।
ग्राम सभाओं में अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वनवासी अधिनियम 2006 पर भी चर्चा की जाएगी। जिन गांवों में वन अधिकार समिति का गठन नहीं हुआ है वहां समितियों का गठन किया जाएगा। वन अधिकार समितियों की बैठक एवं इन समितियों के निष्कर्षों पर संकल्प पारित करने के लिए तत्संबंधी समस्याओं और सुझावों पर भी विचार किया जाएगा।
ग्राम सभाओ में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रगतिरत कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण किया जायेगा और जहां सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति का गठन नहीं हुआ है, वहां गठन किया जाएगा। इसके अलावा नवीन परिवारों को ग्रामीण परिवार की सूची में शामिल कर ग्राम सभा से अनुमोदन कराया जाएगा। योजना में एक अप्रैल से शामिल 17 जिलों में सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति का गठन किया जाएगा। जिन जिलों में समन्वित आजीविका परियोजना का क्रियान्वयन हो रहा है, ग्राम सभाओं में उनके उद्देश्य और उपलब्धियों का भी वाचन होगा।
समग्र स्व्च्छता एवं स्वजलधारा योजनाओं के तहत जिन-जिन गांवों में तदर्थ समिति का गठन नहीं हुआ है, गठन किया जाएगा। ग्राम सभा क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कराये गए सामुदायिक एवं व्यक्ति मूलक समस्त विकास एवं निर्माण कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण भी किया जाएगा। इसके अलावा जलाभिषेक अभियान कार्ययोजना 2008-09 तथा रणनीति विचार, गर्मी में संभावित पेयजल संकट के त्वरित निराकरण के उपाय, पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष, सर्वशिक्षा अभियान, किचन शेड आदि के तहत कराये गए कार्यों और प्राप्त राशि के उपयोग की समीक्षा की जाएगी।
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