रविवार, 31 जनवरी 2010

शासन द्वारा संधारित मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त कराने की मुहिम शुरू

शासन द्वारा संधारित मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त कराने की मुहिम शुरू

एक पखवाड़े में मंदिरों व उनसे जुड़ी जमीन का सीमांकन करने के कलेक्टर ने दिये निर्देश

ग्वालियर 27 जनवरी 10। शासन द्वारा संधारित नगर के मंदिरों एवं उनसे जुड़ी परिसंपत्ति व जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये जिला प्रशासन ने विशेष मुहिम शुरू की है। कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जिले के तीनों अपर कलेक्टर समेत जिला प्रशासन के दस वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पृथक, पृथक दल गठित कर नगर में स्थित छोटे बड़े करीबन 100 मंदिरों का सत्यापन कराया है। इन दलों द्वारा प्रस्तुत की गईं रिपोर्ट की कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने आज विस्तार से समीक्षा की। यहां कलेक्ट्रेट में सम्पन्न हुई बैठक में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री आर के. जैन व श्री वेद प्रकाश, अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा, सहायक कलेक्टर सुश्री छवि भारद्वाज, अनुविभागीय अधिकारी श्री आदित्य सिंह तोमर, नजूल अधिकारी श्री राजेश बाथम, संयुक्त कलेक्टर श्री शरद श्रोत्रिय व डिप्टी कलेक्टर श्री अनिल व्यास व श्रीमती उमा करारे तथा संबंधित तहसीलदार व अधीक्षक भू-अभिलेख मौजूद थे।

      कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि शासन द्वारा संधारित नगर के सभी मंदिरों व उनसे जुड़ी जमीन का सीमांकन 15 दिवस के भीतर पूर्ण करायें। उन्होंने यह जल्द से जल्द करने के लिये जिले में पदस्थ अधीक्षक भू-अभिलेखों की मदद लेने को कहा है। श्री त्रिपाठी ने संबंधित अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि नगर के मंदिरों व उनकी परिसंपत्तियों पर काबिज लोगों को इस आशय का नोटिस जारी करें कि वे किस अधिकार से सरकारी मंदिरों पर काबिज हैं। उन्होंने कहा कि जिन मंदिरों व उनसे जुड़ी जमीन के संबंध में सत्यापन के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकारी परिसंपत्ति है और उस पर अतिक्रमण कर लिया गया है, तो उसे अभियान चलाकर त्वरित गति से हटवाया जावे।

      नगर के सभी सरकारी मंदिरों में विधिवत रूप से पुजारी नियुक्त करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने यह भी कहा है कि जिन मंदिरों में जमीन उपलब्ध है उनको सूचीबध्द करें, ताकि पूर्व से स्वीकृत स्कूल भवनों का वहां निर्माण किया जा सके और नगर में स्कूल भवनों के लिये जमीन उपलब्ध न होने की समस्या से निजात मिल सके। कलेक्टर ने सरकारी मंदिरों को शासकीय भू-दस्तावेजों में दर्ज कराने के निर्देश भी दिये। श्री त्रिपाठी ने बैठक में साफतौर पर कहा कि मंदिरों की जमीन के सत्यापन के दौरान शासन के हितों की उपेक्षा कदापि नहीं होना चाहिये।

 

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