शनिवार, 23 जनवरी 2010

अब बन्दी करते हैं परिवारजनों से दूरभाष पर बात

अब बन्दी करते हैं परिवारजनों से दूरभाष पर बात

तानसेन बैण्ड पार्टी गणतन्त्र दिवस की कर रही है तैयारी

ग्वालियर 22 जनवरी 10। केन्द्रीय जेल ग्वालियर में एक पारदर्शी दूरभाष बूथ जिस पर मोटे अक्षरों में घर की यादें लिखा है आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। फिर जब उस बूथ में कोई बंदी हाथ में टेलीफोन का चोगा पकड़े बतियाता दिखे तो.......।

      हमारी इस जिज्ञासा को शांत करते हुए पुलिस अधीक्षक केन्द्रीय जेल ग्वालियर श्री हरेन्द्र सिंह ने बताया कि अब दस अथवा दस साल से अधिक सजा वाले अपराधियों को दूरभाष पर अपने परिवारजनों से चर्चा की सुविधा दे दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि अब 50 किलोमीटर या उससे दूर निवास करने वाले बंदी के परिवारजन उससे दूरभाष पर संपर्क कर सकते हैं। जेल अधीक्षक ने बताया कि इस बूथ में केवल इनकमिंग सुविधा वाला फोन लगाया गया है। जब ऐसे किसी बंदी के परिवारजनों का फोन आता है तो उस बंदी को बुलवाकर बात करवा दी जाती है। बंदी के परिवारजन सप्ताह में मात्र दो बार ही बंदी से बात कर सकते हैं। जेल अपराध करने वाले बंदियों को इस सुविधा से वंचित किया जा सकता है। साथ ही अब लंबी सजा काट रहे बंदियों को साल में 60 दिवस पे-रोल पर छोड़ने की भी सुविधा है।

      साल में चार बार तीन-तीन महीनों पर अच्छे रिकार्ड वाले बंदियों को पुलिस महानिरीक्षक जेल द्वारा 15-15 दिन के लिये पे-रोल पर छोड़ा जाता है। जेल अधीक्षक श्री सिंह ने बताया कि इन प्रयासों से बंदियों के व्यवहार में सुधार हुआ है।  अब बंदी जानते हैं कि गतल व्यवहार करने पर उन्हें दूरभाष पर परिवारजनों से चर्चा करने अथवा पे-रोल पर घर भेजने से वंचित रखा जा सकता है।

      आजकल ग्वालियर केन्द्रीय जेल की तानसेन बैण्ड पार्टी  जहां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी पर एस ए एफ. ग्राउण्ड में होने वाले जिले के मुख्य समारोह में शिरकत के लिये पूरे मनोयोग से देश भक्तिपूर्ण गीतों की धुनों को बजाने का रियाज कर रही है वहीं इस अवसर के लिये झांकी निर्माण में जुटे बंदी प्लाईवुड और लकड़ी से बुनियादी ढांचा बना रहे हैं। जेल अधीक्षक श्री हरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस बार झांकी में जेल में संचालित विभिन्न उद्योग  की झलक दिखाई देगी।

 

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