रविवार, 31 जनवरी 2010

नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जानी निगम की कार्यप्रणाली

नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने जानी निगम की कार्यप्रणाली

नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के दो दिवसीय अनौपचारिक सम्मेलन का शुभारंभ

ग्वालियर दिनांक-27.01.2010- नगर निगम के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को निगम के नियमों, योजनाआें एवं योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेने के उद्देश्य से नगर निगम परिषद में आज से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दो दिवसीय अनौपचारिक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन के प्रथम दिन आज निगम के अधिकारियों द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को निगम विधान के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों तथा कार्य प्रणाली की जानकारी दी गई ।

       नवनिर्वाचित महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता द्वारा आज निगम परिषद सभागार में नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने सभी जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते हुये सभी सदस्यो को निगम के विधान, निगम के अधिकार, उद्देश्य एवं नियम के आय-व्यय के स्त्रोतों की जानकारी दी।

       निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि निगम के अधिकार क्षेत्र में सार्वजनिक गलियां, बाजार एवं जनसुविधाओं के लिये आवश्यक मूलभूत सुविधायें की व्यवस्था करना, शहर की साफ-सफाई करना, शहर के कूड़े-कचरे का निस्तारण करना, नगर निगम सीमा के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों का रख-रखाव, फायर बिग्रेड का संचालन करना, कांजी हाऊस का संचालन करना, शहर की जर्जर हो चुकी इमारतों जिनसे जनसामान्य को खतरा है, को नष्ट करने, लावारिश लाश का क्रियाकरम एवं शहर की जनता के लिये जलप्रदाय करना, शादी, जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करना, सार्वजनिक पार्क आदि, गलियों के नामकरण, घरों का नम्बरीकरण, टे्रफिक सिग्नल का संचालन करना, गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम, जनसंख्या की गणना का कार्य, चिड़ियाघर का संचालन, विभिन्न मेले आयोजित करना, प्रायमरी स्कूलों की स्थापना सर्वशिक्षा अभियान के तहत सबको शिक्षा उपलब्ध कराना, क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक विकास के कार्य करना सहित अन्य कार्य शामिल हैं।

निगमायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि इन सबमें नगर पालिका निगम के लिये जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य हैं जो कि उन्हें करना ही हैं उसमें प्रोपर्टी का रिकार्ड, नामांतरण एवं इमारतों की परिमीशन एवं शहर के कूड़े-कचरे का निस्तारण करना आवश्यक है। इसके साथ ही निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि 10 लाख रू. तक के विकास कार्यों की मंजूरी निगमायुक्त और 25 लाख तक के विकास कार्यों की स्वीकृति महापौर, 25 लाख से 01 करोड़ तक के विकास कार्यों की स्वीकृति मेयर-इन-काउंसिल द्वारा तथा 01 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की स्वीकृत निगम परिषद कर सकती है।

इस दौरान निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने एम.आई.सी की संरचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने निगम की वित्त व्यवस्था की जानकारी देते हुए बताया कि निगम का भी प्रतिवर्ष बजट तैयार किया जाता है जिसके माध्यम से ही निगम में आय एवं व्यय किया जाता है। निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर महापौर निधि, पार्षद निधि सहित अन्य निधियों के बारे में तथा उसकी क्रियाविधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने पिछले दो वर्षों के आय व व्यय की भी जानकारी दी। इसके साथ ही निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने निगम के विभिन्न प्रकार के खर्चो की भी जानकारी दी। वहीं निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने निगम की आय के बारे में भी बताया कि निगम की आय के विभिन्न साधन हैं जिसमें शासकीय अनुदान के अर्न्तगत रजिस्ट्री, सड़क अनुरक्षण राशि, सूखा राहत योजना की राशि एवं स्लम डैवलपमेंट के तहत मिलने वाली राशि आती है। वहीं विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद के बारे में जानकारी दी। वहीं निगम के विभिन्न टैक्सों के बारे में जनप्रतिनिधियों को बताया। इसके साथ ही निगम पर चल रहे विभिन्न ऋण के बारे में जानकारी दी गई।

इसके साथ ही निगमायुक्त डॉ. शर्मा ने नगर निगम के प्रमुख विभागों सामान्य प्रशासन विभाग, विधि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जलप्रदाय विभाग, जनकार्य विभाग, विद्युत विभाग, उद्यान विभाग, फायरबिग्रेड विभाग, सम्पत्तिकर विभाग, कार्यशाला विभाग आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी तथा निगम द्वारा तय की गई प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया।

इसके पश्चात विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा विभागों की विस्तार से जानकारी देना प्रांरभ किया गया जिसमें एडीबी प्रोजेक्ट के मैनेजर के.के. श्रीवास्तव ने एडीबी प्रोजेक्ट की विस्तार से जानकारी दी। इसके पश्चात शहर की साफ-सफाई व्यवस्था, जनकल्याणकारी योजनाओं आदि की जानकारी नवनिर्वाचित महापौर एवं पार्षदों को दी गई है।

इस अवसर पर महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, सभापति बृजेन्द्र सिंह जादौन, एम.आई.सी. सदस्य सतीश बोहरे, जगत सिंह कौरव, महेश गुप्ता, डॉ. अंजली रायजादा, श्रीमती खूशबू गुप्ता, श्रीमती आशा संतोष राठौर, श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, श्रीमती नीतू गुप्ता, राजेश मौर्य, गिर्राज सिंह कंसाना एवं सभी पार्षदगण, निगम के समस्त विभागों के विभागाधिकारी आदि उपस्थित थे।     

 

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