गुरुवार, 10 अप्रैल 2008

मध्य प्रदेश में आईएचएसडीपी के अधीन 33 परियोजनाओं और बीएसयूपी के अधीन 19 परियोजनाओं को मंजूरी

मध्य प्रदेश में आईएचएसडीपी के अधीन 33 परियोजनाओं और बीएसयूपी के अधीन 19 परियोजनाओं को मंजूरी

आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश में अब तक समन्वित आवास और स्लम विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) के अधीन 33 परियोजनाओं और शहरी गरीबों के लिए आधारभूत सेवाओं (बीएसयूपी) के अधीन 19 परियोजनाओं को मंजूरी दी है । केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति और केन्द्रीय मंजूरी समिति द्वारा इन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है ।

आईएचएसडीपी के अधीन कुल 241.89 करोड़ रूपये की परियोजना लागत पर 16795 नई आवास इकाइयों के निर्माण को मंजूरी दी गई है । इसमें से केन्द्र सरकार और राज्य सरकार का हिस्सा क्रमश: 171.07 करोड़ रूपये और 70.82 रूपये है । केन्द्रीय हिस्से के 50 प्रतिशत की पहली किस्त के रूप में 85.54 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं।

शहरी गरीबों के लिए आधारभूत सेवाओं (बीएसयूपी) के अधीन राज्य के चार लक्षित नगरों में 31213 नई आवास इकाइयों के निर्माण के लिए 520.68 करोड़ रूपये की लागत की परियोजनाएं मंजूर की गई हैं । केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के हिस्से के रूप में क्रमश: 256.67 करोड़ रूपये और 264.00 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं । वित्त मंत्रालय द्वारा कुल अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप मेेंं 67.66 करोड़ रूपये भी जारी किए गए हैं ।

प्रधानमंत्री ने आईएचएसडीपी की शुरूआत दिसम्बर, 2005 में की थी । इसका उद्देश्य शहरी मलिन बस्तियों में दयनीय स्थिति में रहने वाले लोगों की स्थिति में सुधार लाना है । मौजूदा बाल्मीकी अंबेडकर आवास योजना और बंद हो चुकी राष्ट्रीय स्लम विकास कार्यक्रम को आईएसएसडीपी के साथ मिलाया गया है । इस कार्यक्रम के दायरे में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के अधीन शहरी गरीबों के लिए आधारभूत सेवाओं के अधीन 63 लक्षित शहरों नगरों को छोड़कर शेष सभी शहर शामिल किए गए हैं ।

प्रधानमंत्री द्वारा दिसम्बर, 2005 में शहरी गरीबों के लिए आधारभूत सेवाओं की शुरूआत की गई थी । इसका उद्देश्य चुनिंदा 63 लक्षित नगरों में शहरी मलिन बस्तियों में दयनीय स्थिति में रहने वाले लोगों की स्थिति में सुधार लाना था। इस परियोजना का मूल उद्देश्य शहरी स्लम निवासियों को पर्याप्त आवास और आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर शहरी पर्यावरण को स्वस्थ बनाना और संपूर्ण स्लम विकास सुनिश्चित करना है ।

 

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