शुक्रवार, 4 अप्रैल 2008

राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन में ग्वालियर जिला भी शामिल

राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन में ग्वालियर जिला भी शामिल

मॉडल नर्सरी व मशाला खेती के साथ-साथ बड़े-बड़े तालाबों के लिये मिलेगा अनुदान

ग्वालियर 3 अप्रैल 08 । राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन में ग्वालियर जिले को भी शामिल किया गया है । सरकार द्वारा इस मिशन का गठन शासकीय एवं निजी रोपणियों व उद्यानों का विकास, सब्जी व मशाला फसलों की खेती प्रोत्साहन तथा अन्य उद्यानिकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मकसद से किया गया है 

उपसंचालक उद्यानिकी ने बताया कि जिले में मिशन की विभिन्न गतिविधियाँ संचालित करने के लिये आंवटन व लक्ष्य प्रदान किया गया है । उन्होंने बताया कि मिशन के तहत जिले में सरकारी व निजी क्षेत्र की बड़ी व छोटी मॉडल नर्सरी स्थापित की जायेंगी । बड़ी नर्सरी 4 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होंगी जिस पर 18 लाख रूपये की राशि अनुदान के रूप में खर्च की जायेगी । सरकारी क्षेत्र की छोटी नर्सरी 3 लाख रूपये की लागत से एक हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित की जायेगी । इसी प्रकार निजी क्षेत्र की बड़ी नर्सरी के लिये 9 लाख व छोटी मॉडल नर्सरी के लिये डेढ़ लाख रूपये का अनुदान प्रदान किया जायेगा और इतना ही अंश किसानों को वहन करना होगा । सब्जी बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत शासकीय क्षेत्र में 50 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 5 हेक्टेयर तक के लिये अनुदान दिया जायेगा । जबकि निजी क्षेत्र में सब्जी बीज उत्पादन हेतु 10 हेक्टेयर तक के लिये 25 हजार प्रति हेक्टेयर हिसाब से अनुदान दिया जायेगा । इसके लिये उद्यानिकी मिशन की जिला समिति द्वारा 5 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है । नये पौधरोपण कार्यक्रम के तहत जिले में आंवले के लिये 300 हेक्टेयर क्षेत्र, आम के लिये 200 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य है । इनके लिये सरकार द्वारा 4 हेक्टेयर तक की इकाई हेतु करीबन 11 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान प्रदान किया जायेगा ।

 फूलों के प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत 35 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के आधार पर कट फलावर ग्लेडिएटर के लिये 150 हेक्टेयर, 45 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से वल्वस फलावर के लिये 100 हेक्टेयर व 12 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लूज फलावर (शंकर गेंदा) के लिये 200 हेक्टेयर का लक्ष्य है । इन सभी के लिये यह अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर के लिये प्रदान किया जायेगा । मशाला फसलों के रूप में 11 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से 200 हेक्टेयर क्षेत्र में मिर्ची फसल के लिये अनुदान दिया जायेगा, जिसकी अधिकतम इकाई दो हेक्टेयर निर्धारित की गई है । पुराने बगीचों के जीर्णोध्दार कार्यक्रम के तहत 15 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से 50 हेक्टेयर में आम व 100 हेक्टेयर में अमरूद का रोपण व रख-रखाव का लक्ष्य है । इसकी इकाई 2 हेक्टेयर निर्धारित की गई है । जैविक खेती कार्यक्रम के तहत 100-100 हेक्टेयर क्षेत्र में मिर्च व सब्जियां व 20 वर्मी कम्पोस्ट का लक्ष्य है । इसके लिये प्रति हेक्टेयर 10 हजार की दर से अनुदान दिया जायेगा । वाटर स्टोरेज क्रिएशन के तहत 10 बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण 10-10 लाख रूपये की लागत से कराने का लक्ष्य है । इसी प्रकार 10 पैक हाउस के लिये प्रति यूनिट के हिसाब से 62 हजार रूपये दिये जायेंगे । जीरो इनर्जी कूल चेम्बर की 50 व ब्याज भंडारण की 5 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य है । इनके लिये क्रमश: 75 हजार व 12 हजार रूपये प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा ।

 

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