भ्रूणलिंग परीक्षण तथा लिंग आधारित गर्भपात की सूचना देने वाले को मिलेगा एक लाख का पुरस्कार
भ्रूण का लिंग परीक्षण करना एवं कराना एक कानूनी अपराध है ।
ग्वालियर एवं चंबल संभाग में बालिकाओं की घटती संख्या ग्वालियर एवं चंबल संभाग के विभिन्न जिलों में बालिकाओं की घटती संख्या एक चिंता का विषय है। जिले वार एक हजार बालकों पर बालिकाओं की स्थिति इस प्रकार है। जिला वर्ष 1991 वर्ष 2001 अंतर श्योपुर 941 929 -12 मुरैना 857 837 -20 भिण्ड 850 832 -18 ग्वालियर 888 853 -35 दतिया 899 874 -25 गुना(अशोक नगर सहित)932 931 -01 शिवपुरी 914 906 -08 |
ग्वालियर, 29 अगस्त 08/ प्रसवपूर्व निदान तकनीकी अधिनियम को और अधिक प्रभावी वनाने तथा भ्रूण लिंग परीक्षण तथा लिंग आधारित गर्भपात की सूचना देने एवं उसकी पुष्टी होने पर सूचना देने वाली संस्था या व्यक्ति को मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक लाख रूपये की राशि का पुरस्कार प्रदाय किया जायेगा। भ्रूण लिंग परीक्षण करना व कराना एक कानूनी अपराध है। इसके तहत 3 से 5 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
भ्रूण लिंग परीक्षण एवं लिंग आधारित गर्भपात पर नियंत्रण हेतु भारत सरकार के द्वारा वर्ष 1996 में पी.सी.एण्ड पी.एन. डी.टी. एक्ट लागू किया गया। पी. एनडी. टी एक्ट के तहत एक्ट को प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक्ट का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूध्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
पुरस्कार प्राप्त करने के लिये शिकायतकर्ता को साक्ष्यों के साथ आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिसकी पुष्टि संबंधित जिले के समुचित प्राधिकारी अथवा राज्य समुचित प्राधिकारी द्वारा की जायेगी। जिसमें किसी अनुवांशिक काउंसिलिंग सेन्टर, अनुवांशिक प्रयोगशाला, आनुवांशिक परामर्श केन्द्र, तथा आनुवांशिक क्लिनिक, अल्ट्रासाउण्ड क्लिनिक, द्वारा लिंग निर्धारित संबंधित प्रचार प्रसार किया गया हो। इसकी पुष्टि के लिये समाचार पत्र अथवा पत्रिका का नाम, प्रकाशन की तिथि सत्यापित कतरनें तथा यदि प्रकाशन हेतु कोई आदेश के प्रति विज्ञापन कर्ता का नाम, व्यवसाय का स्थान।
क्लिनिक केन्द्र अथवा प्रयोगशाला के धारक का नाम जिसके द्वारा विज्ञापन जारी किया गया। वितरक का नाम तथा व्यवसाय का स्थान विज्ञापन का फोटोग्राफ, होर्डिंग, वाल पेंटिग अथवा वोर्ड का फोटोग्राफ जिसमें जिसमें विज्ञापन मौजूद हो।
यदि कोई महिला अपने रिस्तेदार विरूध्द शिकायत करती है। कि उसे भ्रूण लिंग परीक्षण कराने हेतु वलपूर्वक लाया गया है। ऐसे प्रकरणों में उसके रिस्तेदार व परीक्षण करने वाले डाक्टर के विरूध्द शिकायत दर्ज की जावेगी। योजना के तहत स्ंटिग आपरेशन को भी प्रभावी साक्ष्य के रूप में मान्य किया गया है। स्टिग आपरेशन के तहत जो महिला डेकाय विटनेस की भूमिका निभाती है, उसकी भी गवाही मान्य होगी। यदि टेप रिकार्ड अथवा वीडियो कैमरा नहीं हैं। लेकिन समुचित प्राधिकारी द्वारा मौके पर किया गया निरीक्षण की कार्यवाही भी मान्य किया जावेगा।
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