मइके की चिठिया
मइके से आई चिठिया
रोइ बेहाल हुई बिटिया
जेठवा हरदम आँख तरेरे
देवरा चिढ़ा-चिढ़ा कर घेरे
ससुरा कहे कच्ची है रोटी
सास कहे बहू है खोटी
लगी जिठानी नाक चढ़ाने
ननद निगोड़ी मारे ताने
भरि-भरि जायें अँखियाँ
मइके से जो आई चिठिया
रोइ बेहाल हुई बिटिया
करे चाकरी सबकी दिनभर
नहीं उसे आराम है पलभर
काम का करें सभी बहाना
दिनभर सासू मारे ताना
मइके में जो झूला झूली
सखियों संग करी ठिठोली
जबसे सास-ससुर घर आई
अपनी होकर रही पराई
कब से ना देखीं सखियाँ
मइके से आई चिठिया
रोइ बेहाल हुई बिटिया.
-शन्नो Kent, United Kingdom
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