बुधवार, 26 मई 2010

शासन द्वारा संधारित मंदिरों की जमीन व संपत्ति सुरक्षित करें - कलेक्टर

शासन द्वारा संधारित मंदिरों की जमीन व संपत्ति सुरक्षित करें - कलेक्टर

ग्वालियर 24 मई 10। सरकारी मंदिरों से जुड़ी जमीन को सुरक्षित करने के लिये तत्परता से फैंसिंग करायें। साथ ही जिस मंदिर की जमीन के बारे में यह स्पष्ट हो गया है कि वह सरकारी है उस मंदिर व उससे जुड़ी शासकीय भूमि तथा अन्य परिसंपत्ति पर आधिपत्य लेने की कार्रवाई विधिवत रूप से करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज संबंधित अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिये। श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकारी मंदिर एवं जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अभियान बतौर की जाये। बैठक में भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ से संबंधित प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। बैठक में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री आर के. जैन, अपर कलेक्टर श्री आर के. मिश्रा, संयुक्त कलेक्टर श्री शरद श्रोत्रिय, श्री संदीप माकिन व श्री राजेश बाथम, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी तथा संबंधित तहसीलदार व नायब तहसीलदार मौजूद थे।

       यहाँ जिला कार्यालय में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर ने कहा है कि मंदिरों की जमीन पर अवैध रूप से काबिज अतिक्रामकों को लोक परिसर बेदखली अधिनियम तथा अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत बेदखल करें। उन्होंने नगर के उन सभी सरकारी मंदिरों में विधिवत रूप से पुजारी नियुक्त करने के निर्देश दिये हैं, जहां अभी पुजारी विधिवत रूप से पदस्थ नहीं हैं। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिये कि जिन मंदिरों में जमीन उपलब्ध है उनको सूचीबध्द करें, ताकि पूर्व से स्वीकृत स्कूल भवनों का वहां निर्माण किया जा सके। साथ ही अन्य सार्वजनिक प्रयोजन में इस भूमि का उपयोग हो सके। कलेक्टर ने सरकारी मंदिरों को शासकीय भू-दस्तावेजों में दर्ज कराने के निर्देश भी दिये। श्री त्रिपाठी ने बैठक में साफतौर पर कहा कि मंदिरों से जुड़ी जमीन के प्रबंधन में शासन के हितों का पूरा ध्यान रखा जाये।

       उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा संधारित नगर के मंदिरों एवं उनसे जुड़ी परिसंपत्ति व जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिये जिला प्रशासन ने विशेष मुहिम शुरू की है। कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने जिले के अपर कलेक्टर्स समेत जिला प्रशासन के दस वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पृथक, पृथक दल गठित कर नगर में स्थित छोटे बड़े करीबन 100 मंदिरों का सीमांकन व सत्यापन कराया है। इन दलों द्वारा प्रस्तुत की गईं रिपोर्ट की कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने आज पुन: विस्तार से समीक्षा की।

        भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा जो जमीन सरकारी घोषित कर दी गई है उस पर शासन का कब्जा बहाल करें और पूर्व में हुए गलत नामांतरण को निरस्त करें। उन्होंने सरकारी जमीन के संबंध में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में शासन का मजबूती से पक्ष रखने की बात भी कही।        

 

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