बुधवार, 26 मई 2010

स्वछता के लिये लोगों की सोच में बदलाव की जरूरत- कलेक्टर

स्वछता के लिये लोगों की सोच में बदलाव की जरूरत- कलेक्टर

संभाग स्तरीय निर्मल ग्राम कार्यशाला आयोजित

ग्वालियर 24 मई 10। शौचालयों का निर्माण ही पर्याप्त नहीं है, आवश्यकता लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की है। प्रयास ऐसे हों जिससे लोग खुले में शौच के दुष्परिणामों से वाकिफ हों और शौचालयों का इस्तेमाल करने लगें। तभी समग्र स्वच्छता अभियान  के उद्देश्य की पूर्ति होगी। उक्त आशय के विचार कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित हुई संभाग स्तरीय निर्मल ग्राम कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही।

       राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन तथा जिला जल एवं स्वच्छता समिति के संयुक्त तत्वावधान में यहाँ एक स्थानीय होटल में आयोजित हुई कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, संभागीय उप आयुक्त विकास श्रीयुत श्रीवास्तव, भोपाल से आये उप आयुक्त विकास श्री सुदर्शन सोनी, राज्य स्वच्छता कार्यक्रम के सलाहकार श्री गौतम मेहतो, यूनीसेफ के प्रतिनिधि श्री संजय सिंह सहित ग्वालियर व चंबल संभाग के सभी जिलों के समस्त विकास  खण्डों के स्वच्छता समन्वयक तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला बाल विकास, किसान कल्याण, शिक्षा समेत स्वच्छता से जुड़े अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

       भोपाल से आये विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में जानकारी दी कि इस वर्ष जो ग्राम पंचायतें निर्मल ग्राम पंचायतों के रूप में प्रस्तावित की गईं हैं, उनमें निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप से सभी कार्य कराये  जायें, ताकि  सवेक्षण में उक्त पंचायतें पात्र हो सकें। ऐसा न होने पर सर्वेक्षण में हुए खर्च की कटौती संबंधित जिले के आवंटन में से की जायेगी। कार्यशाला में स्वच्छता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पॉवर पाइण्ट प्रजेण्टेशन के जरिये विस्तार से प्रकाश डाला गया। साथ ही देश व प्रदेश  के जिन जिलों में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत अच्छे काम हुए हैं, वहाँ की कार्यपध्दति की भी जानकारी दी गई।

       कार्यशाला में भाग लेने आये सभी प्रतिभागियों से कहा गया कि स्वच्छता अभियान के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये लक्ष्य  समूह निर्धारित कर काम करें, यह लक्ष्य समूह-ग्रामीण समुदाय महिलाओं व बच्चों समेत, सेवा प्रदायक एंव क्रियान्वयन समूह जैसे अशासकीय संस्थायें व स्थानीय जनप्रतिनिधि आदि हो सकते हैं। इनके अलावा योजना निर्माता एवं निर्णयकर्ता अर्थात चुने हुए प्रतिनिधि तथा प्रशासकीय अधिकारी भी समग्र स्वच्छता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

       कार्यशाला में संचार माध्यमों का उपयोग, लक्षित समूहों में व्यवहार परिवर्तन के तरीके व उपयोगी संचार सामग्री आदि के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

 

कोई टिप्पणी नहीं: