स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कुपोषण निवारण की कार्य योजना बनायें
प्रमुख सचिव श्रीमती कक्कड़ के संभागीय समीक्षा बैठक में निर्देश
हर जिले में 88 आदर्श ऑंगनबाड़ी केन्द्र विकसित होंगे
ग्वालियर 04 मई 10। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती लवलीन कक्कड़ ने कहा है कि राज्य सरकार कुपोषित बच्चों को कुपोषण मुक्त कराने के लिये गंभीर है। इसलिये विभागीय अधिकारी अपने-अपने जिलों की कार्ययोजना बनाकर जिला कलेक्टर के हस्ताक्षर से शीघ्र भेजें। उन्होंने इस कार्ययोजना के लिये 20 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है। श्रीमती कक्कड़ ने आज यहां संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में कुपोषण निवारण की कार्ययोजना तैयार करने के सिलसिले में संभागीय समीक्षा बैठक ली। श्रीमती कक्कड़ ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में 88 आंगनबाडियों को आदर्श आंगनबाड़ी बनाने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है।
बैठक में संभागायुक्त श्री एस बी. सिंह, गुना कलेक्टर श्री मुकेश गुप्ता, शिवपुरी कलेक्टर श्री राजकुमार पाठक व दतिया कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत, ग्वालियर के अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन, महिला बाल विकास विभाग भोपाल के संयुक्त संचालक श्री रघुवंशी, ग्वालियर के संयुक्त संचालक श्री सुरेश सिंह तोमर सहित ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला महिला बाल विकास अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव श्रीमती कक्कड़ ने कुपोषण निवारण के लिये स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर जिलेवार कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया है, जिससे यह कार्ययोजना कुपोषण निवारण के लक्ष्य प्राप्ति में कारगर साबित हो सके। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र समय से खुलें तथा निर्धारित मीनू एवं समय के अनुसार बच्चों को पोषण आहार प्रदान किया जाये। साथ ही बच्चों को पोषण आहार की निर्धारित मात्रा दी जाये। इसकी मानीटरिंग सुपरवाइजर, परियोजना अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी नियमित रूप से करें। उन्होंने कहा कि सांझा चूल्हा व्यवस्था को सफल बनाने के लिये आवश्यक है कि आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषण आहार की सही मात्रा मिले। उन्होंने नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर, मैदानी अमले की क्षमता में वृध्दि के लिये प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविरों के आयोजन पर विशेष बल दिया। बैठक में बताया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिये बर्तन एवं अन्य आवश्यक सामग्री क्रय करने के लिये आदेश जारी कर दिये गये हैं। जिसमें जिला कलेक्टर को क्रय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने जून माह तक सामग्री की खरीदी प्रक्रिया को पूर्ण करने की हिदायत भी दी।
आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों को इस प्रकार से विकसित किया जायेगा जिससे यह केन्द्र बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकें। आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों में शिक्षाप्रद खेलों के चित्र दीवालों पर बनाये जायेंगे। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आदर्श आंगनबाडियों में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के सन्देश भी लिखवायें तथा जनसहयोग से झूले एवं खिसलपट्टी लगवाई जाये। उन्होंने कहा कि यूनीसेफ से तकनीकी प्रशिक्षण एवं शिविरों के रूप में सहयोग लिया जाये। गर्मी के मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत शुध्द व सुपाच्य आहार देने की हिदायत उन्होंने दी। साथ ही अति कुपोषित बच्चों को प्रत्येक दो घण्टे में थोड़ा-थोड़ा विशेषकर तरल भोजन देने के निर्देश दिये।
संभागायुक्त श्री एस बी. सिंह ने सुझाव दिया कि आंगनबाड़ी केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र पास पास बनावाये जायें, जिससे दोनों विभागों में समन्वय बना रहेगा। साथ ही आंगनबाड़ी में बच्चों को नियमानुसार सही मात्रा में पोषण आहार मिलता रहे, इसकी निगरानी के लिये पंच, सरपंच, पटवारी, पंचायत सचिव एवं शिक्षक की एक समिति बनाई जाये। इनके अलावा सामाजिक कार्यों में सक्रिय गाँव के किसी व्यक्ति को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा गांव वालों से टेलीफोन पर चर्चा करके भी मॉनीटरिंग की जा सकती है। उन्होंने हिदायत दी कि आंगनबाड़ी के लिये पोषण आहार की कमी नहीं हैं, आवश्यकता इस बात की है कि यह आहार बच्चों तक पहुँचे, तभी हम कुपोषण मुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त कर पायेंगे।
पर्यवेक्षक को निलंबित करने के निर्देश
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती लवलीन कक्कड़ ने आज यहां आयोजित कुपोषण निवारण हेतु बुलाई गई समीक्षा बैठक में मुरैना जिले की बानमौर की पर्यवेक्षक श्रीमती ममता त्रिवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इस क्षेत्र की एकीकृत बाल विकास परियोजना के परियोजना अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने की हिदायत भी दी है। उल्लेखनीय है कि संभागीय समीक्षा बैठक से पहले प्रमुख सचिव श्रीमती कक्कड़ ने इस आंगनबाड़ी का आकस्मिक रूप से निरीक्षण किया था। निरीक्षण में अनियमिततायें पाये जाने पर उन्होंने यह कार्रवाई करने के निर्देश दिये है।
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