खत एक ग्वालियर वालों के नाम : महापौर का भावपूर्ण संदेश
प्रिय ग्वालियर वासियों,
सभी को सादर नमस्कार।
5 वर्ष पहले आपने नगर निगम के माध्यम से नागरिकों की सेवा करने का जिम्मा मुझे सौंपा था। इस दौरान किये गये हर कार्य की जानकारी मैं अब तक समय-समय पर विभिन्न प्रचार माध्यमों, सार्वजनिक आयोजनों तथा गोष्ठियों के जरिये आप तक पहुँचाता रहा व सीधे आपका मार्गदर्शन भी लेता रहा। अब, जब मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, मेरी जिम्मेदारी है कि अपना सोशल आडिट आपके सामने रखूँ।
5 वर्ष पहले महापौर पद के लिये भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैं आपके बीच विकास की दृष्टि से ग्वालियर के नव निर्माण की शुरूवात का वादा लेकर जन समर्थन मांगने आया था। मेरा एक और वादा था कि महापौर जिसका नगरीय प्रशासन व्यवस्था में नगर के प्रथम नागरिक के रूप में गरिमा पूर्ण अलंकरण भी किया जाता है, के सम्मान की रक्षा करना। आपने मुझमें विश्वास व्यक्त किया यह मेरे लिये अत्यन्त गौरव की बात थी। मैंने आपके इस विश्वास के वृक्ष को सहिष्णुता, विनम्रता, मिलनसारिता और आप की वैचारिक सहभागिता के खाद और पानी से सींचने का हरपल हरसम्भव प्रयास किया। मैंने शुचिता को अपने कार्यकाल की सर्वोच प्राथमिकता माना और इसका निर्वाह करने के प्रयासों पर मुझे संतोष भी है। प्रभु की कृपा, आप सभी के आशीर्वाद और परिवार की परम्पराओं की शक्ति का ही असर रहा की विश्वास की जो चादर 5 वर्ष पूर्व आपने मेरे हाथों में सौंपी थी, यह पूरी तरह से बेदाग, कबीर दास जी के कथन की तरह ''ज्याें की त्यों धरदीनी चदरिया'' आपको वापस सौंपते हुये गौरवान्वित भी हूँ और आत्म विश्वास से ओत-प्रोत भी।
जहाँ तक नये ग्वालियर के विकास और निर्माण की शुरूवात की बात है, इस दिशा में भी भरसक प्रयास किया गया है। इन 5 वर्षों में नगर निगम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया, व्यवस्था को सुदृढ़ किया, प्रशासन को जिम्मेदार और जबाबदेह बनाया और एक नई पहचान नगर निगम, ग्वालियर को मिली। सारे विकास का केन्द्र बिन्दु ग्वालियर का वह गरीब, मजदूर व पिछड़ा वर्ग रहा है जिसने सही मायनों में अपने खून पसीने से ग्वालियर का निर्माण्ा किया है। आई.एच.एस.डी.पी. योजना के अन्तर्गत इस वर्ग हेतु दो हजार आवासों का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। प्रोजेक्ट उदय के जरिये पेयजल वितरण की नई व्यवस्था बनी है। तिघरा स्थित नये ट्रीटमेंट प्लांट, नई पंद्रह टंकियां एवं 127 किलोमीटर जलवितरण पाइप लाईनों का निर्माण सभी साठों वार्डों में उचित दबाव से पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। नगर निगम की पहल पर म0प्र0 शासन ने ककैटो से तिघरा तक एक बड़ी पाईप लाईन बिछाने हेतु 320 करोड़ की योजना स्वीकृत की है इससे तिघरा में सदैव पर्याप्त जल उपलब्ध रहेगा। इस हेतु सर्वेक्षण का कार्य प्रांरभ हो चुका है। बेहतर कचरा प्रबंधन हेतु आधुनिक लैण्डफिल साईट का निर्माण भी हुआ है। बी.ओ.टी. आधार पर 30 करोड़ रू. की लागत से निर्मित प्रदेश की पहले कचरा प्रोसेसिंग एवं ट्रीटमेंट प्लांट ने कार्य करना आंरभ कर दिया है। जहां पर प्रतिदिन 200 टन शहरी कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण्ा एवं निस्तारण किया जा रहा है। सड़काें का चौड़ीकरण, पुलों का पुर्ननिर्माण, चौराहों का सौन्दर्यीकरण होने से ग्वालियर का नया स्वरूप निखरने लगा है। नगरीय सुविधाओं के विस्तार के लिये जहां चार क्षेत्रीय उप कार्यालय खोले गये, वहीं पारदर्शिता की दृष्टि से सटीक और गुणवत्ताा वाली लेखा पध्दति लागू की गई है। सभी विभागाें का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। ग्वालियर प्रदेश का वह पहला नगर है जहां पर घर बैठ कर अपने कम्प्यूटर पर ऑनलाइन सेवा के माध्यम से सम्पत्तिाकर जमा कराया जा सकता है। प्रोजेक्ट उत्थान के माध्यम से मलिन बस्तियों का उध्दार, नागरिक सुविधाओं की मोनिटरिंग के लिये जी.आई.एस. सिस्टम आदि के साथ-साथ कर्मचारी और जन प्रतिनिधियों की क्षमता वृध्दि हेतु भी अनेकों कार्यक्रम लागू किये गये। हुडको के माध्यम से 21 किलोमीटर लम्बी 4 लैन सड़कों के निर्माण कार्य से ग्वालियर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने का संकल्प पूरा हुआ है। ग्वालियर महानगर क्षेत्र की सीवर प्रणाली प्रबंधन के लिये यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत 90 एम.एल.डी. क्षमता का मल जलशोधन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। निगम द्वारा पांच बड़ी आवासीय कॉलोनी का हस्तांतरण कर इनमें तीव्र गति से विकास कार्य कराया गया है। शहर में स्थित निगम के 67 पार्कों की बाउण्ड्रीबॉल का निर्माण कर इन्हें सुरक्षित किया गया है।
खेलों को बढ़ावा देने की दिशा मेंं भी ग्वालियर नगर निगम पीछे नही रहा। अनेकों वर्षों बाद अखिल भारतीय सिंधिया गोल्ड कप हॉकी प्रतियोगिता को प्रारम्भ किया गया, फुटबाल, खो-खो, कबड्डी, शूटिंग बॉल, क्रिकेट एवं बॉक्सिंग आदि अनेकों खेल प्रतियोगिताए प्रारम्भ की गई हैं, जो आगे भी ग्वालियर वासियों के लिये खेलों में रूचि बढ़ाने में सहायक होती रहेंगी तथा इससे उदीयमान खिलाड़ियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
गत अनेकों वर्षों से कर्मचारियाें से सम्बन्धित लम्बित प्रकरणों का निराकरण किया गया। योग्यता के अनुसार 121 नई नियुक्तियाँ, 64 अनुकम्पा नियुक्तियां, 217 कर्मचारियों का नियमितीकरण, 108 पदोन्नतियाँ तथा पात्रता के अनुसार 1533 क्रमोन्नतियाँ पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया अपना कर की गई जो निगम के इतिहास में अनूठी पहल है।
ग्वालियर एक ऐतिहासिक, सास्कृतिक नगरी है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर महारानी लक्ष्मीबाई के समाधी स्थल पर एक अखण्ड ज्योति प्रज्ज्वलित की गई जो आने वाली पीढ़ियों को रानी के बलिदान को याद कराकर राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निर्वहन करने की प्रेरणा देती रहेगी। अनेकों स्थानों पर महापुरूषों की प्रतिमाओं की स्थापना, गोपाल मंदिर में श्री राधा-कृष्ण को असली आभूषणों से श्रगांरित करना आदि वे सब आयोजन है जो सदैव याद किये जायेगें।
नगर निगम का अपना आधुनिक एवं सर्व सुविधा युक्त प्रशासनिक भवन हो यह विचार गत अनेक वर्षों से चल रहा था। अब इसने भी मूर्तरूप ले लिया है। नवीन प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इस भवन का नामकरण पूर्व सांसद व तीन बार महापौर रहे स्व. श्री नारायण कृष्ण शेजवलकर के नाम पर किया गया है।
महाराज बाड़े पर स्थित टाउनहॉल को आधुनिक थियेटर के रूप में विकसित करने का कार्य भी मेरे कार्यकाल में प्रारम्भ हो चुका है। भविष्य में महाराज बाड़े को हैरिटेज जोन के रूप में भी विकसित करने की योजना है। ग्वालियर की जनता तथा कई पूर्व महापौरों के लिये दशकों से एक सपना रही फूलबाग से किले तक रोप-वे योजना इसी कार्यकाल में मूर्त रूप लेने जा रही है। तमाम सारे अवरोधों से जुझने के पश्चात भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त हो गया है। अब रोप-वे के निर्माण में कोई बाधा नहीं रह गई है। रोप-वे का निर्माण ग्वालियर की जनता के लिये नए साल का एक तोहफा साबित होगा। पर्यटन को बढ़ावा देने में रोप-वे निश्चित ही मील का पत्थर सिध्द होगा। विकास प्रक्रिया एक खुले आसमान की तरह है। विकास की पूर्णता का दावा करना दंभ से ज्यादा कुछ नहीं है क्योकि यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
जरूरतों और जन भावानाओं के अनुरूप यह प्यारा शहर भविष्य में भी विकास पथ पर आगे बढ़ता रहेगा। मैं तो इस पथ का यात्रीभर था। मैंने इस दिशा में सपनों को, जो हमने सोते हुये नही जागते हुये देखे थे, और जिन्होंने हमें सोने नहीं दिया, साकार करने का हर संम्भव प्रयास किया है। इसके काफी सकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं। निश्चित तौर पर इसका श्रेय मैं सिर्फ आपको यानि ग्वालियर के हर नागरिक जिनमें युवा, बच्चे, महिलायें और पुरूष शामिल हैं, को देना चाहूँगा। लेकिन जिन सपनों को तमाम प्रयासों के बाद भी पूरा नही कर सका उनकी जिम्मेदारी मैं विनम्रता पूर्वक स्वीकार करता हूँ। इसके बावजूद मुझे प्रसन्नता है कि ग्वालियर के सम्मान, गरिमा, संस्कृति और स्वस्थ्य परम्परा की थाती का संरक्षण करने की जो महती जिम्मेदारी आपने मुझे सौंपी थी मैं उसका निर्वहन ठीक तरह से कर पाया। अगली महापौर के रूप में मेरी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती समीक्षा गुप्ता का आपके द्वारा भारी बहुमत से किया गया निर्वाचन मेरे कार्यकाल के प्रति जनमत संग्रह भी था जो मेरे पक्ष में रहा। इस हेतु भी आपका हार्दिक धन्यवाद।
यह अत्यन्त प्रसन्नता की बात है कि ग्वालियर के विकास को और अधिक गति मिलने का समय आ गया है। ग्वालियर को जवाहर लाल नेहरू शहरी ग्रामीण मिशन योजना में शामिल किया जा रहा है। इसमें 1500 करोड़ रूपये से लेकर 2000 करोड़ रूपये तक की राशि ग्वालियर के विकास के लिये आबंटित हो सकेगी जो ग्वालियर के विकास के नये द्वार खोलेगी। इस हेतु भी हमने पहल की है और 40 लाख रूपये की लागत से सिटी डवलपमेंट प्लान बनाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है।
मैं विगत 5 वर्षों में आप सब के द्वारा दिये गये असीम सहयोग के लिये कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ। उम्मीद करता हूँ कि मेरे पश्चात आने वाले महापौरों को भी आपका सहयोग व स्नेह मिलता रहेगा। मैं सभी साथी पार्षद व नगर निगम कर्मचारी परिवार का विशेष आभार व्यक्त करता हूँ जिनके सहयोग के बिना मैं शायद एक कदम भी आगे नही बढ़ पाता। मेरे काफी हदतक अंतर्मुखी होने के बावजूद मीडिया द्वारा मुझे दिये गये समर्थन व सहयोग के लिये मैं सदैव मीडिया का हृदय से आभारी रहूँगा। मेरी पार्टी के नेतृत्व का भी धन्यवाद जिनके मार्गदर्शन में मुझे काम करने का सौभाग्य मिला।
नव वर्ष की पावन बेला में आईये हम सब मिलकर एक लवेबल और लिवेबल ग्वालियर के निर्माण में जुटें, इसी निवेदन एवं नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर,
(विवेक नारायण शेजवलकर)
महापौर
नगर निगम, ग्वालियर
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