परिषदकाल 2004-09 में वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई
क्र. | विवरण | वर्ष 2004-05 (राशि रूपयें लाखों में) | वर्ष 2008-09 (राशि रूपयें लाखों में) |
1 | एफ.डी.आर. एवं विभिन्न खातों में जमा | 3063.43 | 6696.72 |
2 | विभिन्न जमाओं पर ओवरड्राफ्ट | 2186.52 | निरंक |
3 | सकल आय (अ) अनुदान (ब) निगम आय | 5682.57 3875.41 1807.16 | 11976.66 8268.69 3707.97 |
4 | सकल व्यय (अ) स्थापना आदि पर व्यय (ब) निगम निकाय हेतु व्यय की गई राशि | 6189.55 2314.18 3875.37 | 10919.68 3347.81 7571.87 |
Ø 05 वर्ष के कार्यकाल में वर्ष 2004-05 के पूर्व का विद्युत देयक एवं ठेकेदारों का बकाया ओवरड्राफ्ट आदि की राशि रूपयें 4395.69 की बकाया राशि का भुगतान किया गया। वर्तमान में इस कार्यकाल की कोई भी देनदारी शेष नहीं है। नियमित भुगतान किये जा रहे हैं।
Ø वर्ष 2008-09 में निकाय हेतु अधिक राशि व्यय की गई ।
Ø जलप्रदाय व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर वित्तीय अनियमिताओं को रोकने के प्रयास किये गये तथा मोटर पम्प मरम्मत व संधारण व्यय में कमी की गई। वर्ष 2004-05 में यह राशि रूपयें 633.10 लाख थी। वर्ष 2008-09 में मात्र राशि रूपयें 318.20 लाख रूपयें व्यय किये गये, जबकि इस अवधि में सूखा आदि के कारण पेयजल संकट का भी सामना कर, जलप्रदाय व्यवस्था को सुचारू रूप से चालू रखा गया।
Ø नाला सफाई का कार्य पूर्व में वर्षाकाल में कराया जाता था, जबकि वर्तमान में प्रतिमाह निरंतर सफाई कार्य कराया जाता है।
Ø निगम द्वारा अपने स्तर से कचरा प्रबंधन एवं कम्प्यूटराईजेशन योजनाओं को निगम निधि से प्रांरभ किया गया।
Ø वित्तीय सुरक्षा की दृष्टि से पहली बार निगम की संचित निधि का प्रावधान कर, रक्षित कोष का निर्माण किया जाकर, वर्तमान में एफ.डी.आर. एवं विभिन्न खातों में 340.83 लाख जमा है।
Ø पूर्व में निगम द्वारा जारी चैक अनादृत होते थे, वही वर्तमान में कुशल वित्तीय प्रबंधन होने के कारण कर्मचारियों एवं ठेकेदारों को भुगतान देय तिथि को एकमुश्त किये जा रहे हैं विगत वर्षों में चैक अनादृत होने जैसी स्थिति निर्मित नहीं हुई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें