शनिवार, 9 जनवरी 2010

मेले कला व संस्कृति के पोषक होते हैं- श्री विजयवर्गीय , उद्योग मंत्री द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले का शुभारंभ

मेले कला व संस्कृति के पोषक होते हैं- श्री विजयवर्गीय , उद्योग मंत्री द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले का शुभारंभ

ग्वालियर 07 जनवरी 10। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मेले व्यापार का माध्यम भर नहीं है वे कला व संस्कृति के पोषक भी है। अत: समृध्द भारतीय संस्कृति को अक्षुण बनाये रखने के लिये मेलों में व्यापार के साथ-साथ कला व संस्कृति को प्रोत्साहित करने की भी महती आवश्यकता है। श्री विजयवर्गीय आज यहां ग्वालियर व्यापार मेला के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की। समारोह के मुख्य अतिथि श्री विजयर्गीय ने अन्य अतिथियों के साथ माँ सरस्वती की प्रतिमा की आराधना व दीप प्रज्ज्वलन कर देश के सुप्रसिध्द ग्वालियर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा, विधि विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्र, गृह एवं परिवहन राज्य मंत्री श्री नारायण सिह कुशवाह, महापौर श्री विवेकनारायण शेजवलकर, नव निर्वाचित महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, साडा अध्यक्ष श्री जय सिंह कुशवाह, एम पी. एग्रो के अध्यक्ष श्री मुंशीलाल, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल व उपाध्यक्ष श्री वेदप्रकाश शिवहरे सहित मेला प्राधिकरण के अन्य संचालकगण मौजूद थे।

       उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वर्तमान में मॉल संस्कृति का दौर चल पड़ा है लेकिन भारतीय जनमानस में हाट, बाजार व मेले इतने गहरे तक रचे बसे हैं, जिससे ये मॉल संस्कृति से  प्रभावित न होकर अपना अस्तित्व बनाये रखने में सफल रहेंगे। श्री विजयवर्गीय ने ग्वालियर व्यापार मेला को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने में प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दिलाने का भरोसा भी इस अवसर पर दिलाया। उन्होंने ग्वालियर व्यापार मेला के साथ-साथ लगाये जाने  वाले हस्तशिल्प बाजार की अवधि भी 7 फरवरी तक बढ़ाने की घोषणा इस अवसर पर की। ज्ञात हो हस्तशिल्प मेला 31 जनवरी तक ही लगाया जाता रहा है।

       सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मेला हमारे पूर्वजों द्वारा दी गई ऐसी अनूठी परंपरा है यदि हम इसका निर्वाह करते रहेंगे तो दुनियां में हमारी सांस्कृतिक पहचान सदैव बनी रहेगी। उन्होने कहा कि ग्वालियर मेले में ग्वालियर व चंबल अंचल ही नहीं बल्कि समूचे बृज व बुंदेलखण्ड समेत अन्य राज्यों की संस्कृति भी समाहित है। श्री तोमर ने कहा कि कला, संस्कृति व मेलों के लिये राजाश्रय अर्थात सरकार की मदद की दरकार होती है, तभी वे फल फूल सकते हैं। प्रदेश सरकार इस दिशा में अच्छा काम कर रही है। श्री तोमर ने उद्योग मंत्री से इस दिशा में और पहल करने का अनुरोध किया। ग्वालियर में संगीत व कृषि विश्वविद्यालय समेत राज्य सरकार द्वारा कराये गये अन्य कार्यों पर भी उन्होंने इस अवसर पर प्रकाश डाला।

       लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि मेले खरीददारी के साथ मेल मिलाप के माध्यम भी हैं। भारतीय समाज में मेले आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा ग्वालियर व्यापार मेले को और ऊंचाइयां प्रदान करने को प्रदेश स्तर पर पहल की जायेगी।

       आरंभ में व्यापार मेला के अध्यक्ष श्री अनुराग बंसल ने स्वागत उद्बोधन व मेले की प्रगति पर प्रकाश डाला। व्यापारी संघ की ओर से श्री महेश मुद्गल ने विचार व्यक्त किये। शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा इस वर्ष के लिये मेले के सांस्कृतिक कैलेण्डर का विमोचन भी किया।

 

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