गुरुवार, 14 जनवरी 2010

योग हमारी संस्कृति का अमूल्य उपहार है- स्वामी विवेकानंद

योग हमारी संस्कृति का अमूल्य उपहार है- स्वामी विवेकानंद

गृह राज्य मंत्री ने बालिकाओं के साथ किया सूर्यनमस्कार

ग्वालियर 12 जनवरी 10। योग हमारी भारतीय संस्कृति का अमूल्य उपहार है। योग के माध्यम से शरीर के सभी अंगों-प्रत्यंगों के विकार को दूर होने के साथ ही ईश्वर के प्रति  एकाकार होने का मार्ग प्रशस्त होता है। युग दृष्टा स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि योग ही धर्म का कौशल है उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि पहले योग करें फिर कर्म करें। स्वामी जी का यह उद्दबोधन राज्य सरकार द्वारा उनके जन्म दिवस के अवसरपर सम्पूर्ण प्रदेश में आयोजित किये गये सूर्यनमस्कार कार्यक्रम में आकाशवाणी के माध्यम से प्रसारित कराया गया। ग्वालियर जिले के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के गृह, परिवहन एवं जेल राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह गजराराजा कन्या उ मा वि. परिसर में बालिकाओं के साथ सूर्य नमस्कार में सम्मिलित हुए।

      राज्य शासन की पहल पर स्वामी विवेकानंद के जन्म  दिवस 12 जनवरी को प्रतिवर्ष सामूहिक सूर्यनमस्कार का आयोजन सभी निजी व शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में किया जाता है। इस वर्ष भी प्रात: 9 बजे से सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के गृह राज्य  मंत्री श्री नारायण सिह कुशवाह द्वारा भी बालिकाओं के साथ उ मा वि. में सूर्यनमस्कार के सभी 12 स्थितियों को तीन आवृत्तियों में किया गया इसके  बाद प्राणायाम की तीन स्थितियां अनुलोम, विलोम , भस्त्रिका व भ्रामरी भी तीन आवृत्तियों में किया गया।

      राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में बच्चों को योग की शिक्षा नियमितरूप से दिये जाने के प्रयास भी जारी है। प्रत्येक संस्था में एक शिक्षक को योग शिक्षक के रूप में तैयार किया जा रहा है।

      सूर्य नमस्कार के लिये ग्वालियर जिले में व्यापक इंतजाम किये गये थे सभी विद्यालयों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य रूप से किया जाये, इसके लिये प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किये गये थे। जिला शिक्षाधिकारी श्री डी आर. ज्ञानानी सहित अन्य शिक्षकगणों तथा प्राचार्य श्रीमती सुनीता मिश्रा की उपस्थिति में सूर्य नमस्कार  का कार्यक्रम गजराराजा कन्या उ मा. विद्यालय में सम्पन्न हुआ।

 

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