केन्द्रीय रिजर्व बल के जवानों ने ली शपथ '' न दहेज लेंगे और न देंगे''
ग्वालियर 14 जनवरी 10। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की क्षेत्रीय वाईव्स वेलफेयर एसोशियेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे ''बल के जवानों ने'' दहेज लेने और न देने के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कृत्य को अपने जीवन मे कभी न करने की शपथ ली। सीआरपीएफ. ग्रुप केन्द्र नयागांव में आयोजित यह कार्यक्रम जीवाजी विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव डॉ. धीरेन्द्र सिह चंदेल के मुख्य आतिथ्य तथा बल के उपमहानिरीक्षीक श्री दयाराम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सॉलिसीटर जनरल मध्य प्रदेश उच्चन्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ श्री अंकुर मोदी एसोशियेशन की अध्यक्ष श्रीमती केश कुमारी, उपाध्यक्ष श्रीमती कविता प्रसाद, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम राजपूत, डॉ. जोगिन्दर सिंह सहित अन्य विषय विशेषज्ञ व केन्द्रीय रिजर्व बल के जवान अधिकारी तथा उनके परिजन उपस्थित थे।
डॉ. चंदेल ने कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या जैसे संवेदनशील विषयों पर जनजागरूकता का अभियान प्रारंभ किया गया है, इसके लिये बल के अधिकारी व एसोसियेशन के पदाधिकारी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पूर्व से ही इन बुराइयों के प्रति जनजागरण अभियान चलाये जा रहे हैं। देश में जन संख्या की अनियंत्रित बढ़ोत्तरी के कारण सरकार के अभियान सफल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज का प्रत्येंक व्यक्ति इस बात को स्वीकारता है कि घर परिवार, समाज में महिला की भूमिका महत्वपूर्ण है उसके बावजूद दहेज हत्या और कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध समाज में हो रहे हैं जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भी बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण हेतु अनेक कार्यक्रम व योजनायें बनाई गई है लेकिन सामाजिक जागरूकता के बिना यह लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रही हैं।
सोलीसीटर श्री मोदी ने कहा कि दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या को नियंत्रित करने के लिये अनेक कानून बनाये गये हैं दहेज प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 1961 में बनाया गया है तथा पी एन डी टी. एक्ट 1994 में तैयार किया गया जिसके तहत अल्ट्रासाउण्ड के माध्यम से लिंग की जानकारी करना तथा उसका गर्भपात कराना अपराध है इसक तहत लिंग परीक्षण करने वाले तथा करवाने वाले दोनों पक्षों के विरूध्द कार्रवाई की जा सकती है। श्री मोदी ने कहा कि मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभी हाल में दहेज एक्ट के अन्तर्गत भी एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है इसके बाद दहेज लेने वालों के साथ साथ दहेज देने वालों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा यूरोपियन देशों में उक्त दोनों बिन्दुओं पर कोई कानून नहीं बनाये गये हैं जबकि भारत वर्ष में इसे नियंत्रित करने के लिये पृथक से कानून बनाने की आवश्यकता महसूस की गई, जो कि विचारणीय विषय है।
डॉ. नीलमा राजपूत ने महिला और बच्चों के स्वास्थ्य के बारीकियों, बीमारियों और उनसे बचाव तथा पीएनडीटी. एक्ट व शासन की योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इसी प्रकार डॉ. जोगिंदर द्वारा बच्चों तथा बीमारियों के विषय में भी जानकारी दी।
इससे पूर्व एसोशियेशन की उपाध्यक्ष श्रीमती प्रसाद द्वारा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को स्वयं तथा अपने बच्चों के विवाह में दहेज न लेने तथा दहेज न देने तथा कन्या भ्रूण हत्या को हतोत्साहित करने की सामूहिक शपथ ली। कार्यक्रम में केन्द्रीय रिजर्व बल की पहल पर बल के जवानों के एक जनवरी 2009 के बाद जन्मी बालिकाओं के रैकरिंक एकाउंट प्रारंभ किये गये हैं जिसके अन्तर्गत बल के जवानों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पासबुक भी वितरित की गई है। इन बालिकाओं के 18 वर्ष आयू पूर्ण होने पर सवा लाख रूपये की राशि प्राप्त होगी।
कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरई की बालिकाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन कमाण्डर श्री रघुराव ने किया।
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