शौचालय में फ्लश करने पर ज्यादा पानी बर्बाद होता है, बिना पानी के भी अच्छी सेविंग हो सकती है
-एस सी. वर्धन
वरिष्ठ आई.ए.एस.ने अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर पानी और बिजली , की बर्बादी रोकने तथा पर्यावरण संतुलन बनाने के उपाय सुझाये
ग्वालियर 29 दिसम्बर 2009 । मध्य प्रदेश कैडर के एक वरिष्ठ आई.ए.एस.श्री एस.सी.वर्धन ने पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन पर गहन चिन्ता व्यक्त की है । उन्होंने समाज के आम लोगो को अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर पर्यावरण संतुलन और पानी व बिजली की बचत के लिये उपाय अपनाने के सुझाव दिये है ।
अमूल्य पीने के पानी की बचत के आसान उपाय
अभी विश्वभर में ग्लोबल वर्मिग के संबंध में गांव से लेकर शहर तक सभी को चिन्ता सता रही है । हमारी धरोहर हिमालय पर्वत से उद्गमित होने वाली पवित्र नदियां गंगा, यमुना आदि भी इससे प्रभावित हो रही है । वैज्ञानिको के द्वारा यह पाया गया है कि गंगा के स्त्रोत गोमुख (ढ़दृद्वत्त्ण्) ग्लोबल वर्मिग के कारण सिकुड़ता जा रहा है । जिससे गंगा नदी का प्रवाह भी प्रभावित हो रहा है ।
जैसा कि हम सभी को पता है कि जल ही जीवन है और इसके बिना जिन्दगी नहीं जी सकते है । इसलिये हम सभी का यह परम कर्तव्य है कि हम अपने घरों, कार्यालयों कारखानों, रेल्वे एवं दुकान आदि में पानी की बचत करें । इसके लिए बहुत ही आसान उपाय अपनाये जा सकते है । जैसे कि:-
1- हमारे देश में समृद्व मध्यम वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक सभी के घरों में पानी की कमी महसूस की जा रही है । एक निजी विश्लेषण में यह पाया गया है कि हम प्रति व्यक्ति एक दिन में एक से दो लीटर पानी ही पी पाते है, जबकि अपने शौचालय में जब फलश करत है, तो उसमें एक ही फलश में 20 से 25 लीटर पानी बह जाता है इसमें आसानी से 10 से 15 लीटर पानी की बचत की जा सकती है । इसके लिये जिन घरों कार्यालयों कारखानों एवं दुकानों में अग्रेजी कम्बोड के साथ छोटी टंकी बाथरूम में लगी है, उस टंकी का ढक्कन आसानी से खुल जायेगा जिसमें एक लीटर की दो-तीन खाली बोतल पानी से भरकर डाल दी जायें और यदि एक लीटर की बोतल नहीं डाली जा सकती हो तो उन्हें बीच में से काटकर डाला जा सकता है, प्रत्येक घरों में बोतल आसानी से मिल जाती है और यदि बोतल न हो तो उसमें पत्थर डाले जा सकते है । इससे फलश करने में उतना पानी कम बहेगा । इस प्रकार से एक दिन में 100 करोड लीटर से भी अधिक पानी की बचत बिना किसी प्रकार के खर्चे के की जा सकती है । और इस कार्य को घर का बच्चा भी आसानी से कर सकता है । इस सभी ने बचपन में एक कहानी पढ़ी होगी कि एक कौवा प्यासा था और बर्तन में पानी का स्तर बहुत नीचा था जहां कौवे की चोंच नहीं पहुंच रही थी अत उसनें छोटे-छोटे कंकड पानी में डालना शुरू किया जिससे पानी का स्तर उपर आ गया और कौवे ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझा ली।
2- पुराने घरों में इण्डियन टायलेट है जिनमें लोहे की बड़ी-बडी टंकियां लगी है, उन्हें भी आसानी से खोला जाकर पानी की बोतल अथवा पत्थर डाले जा सकते है ।
3- प्राय: शौच करने के बाद धोने के मग में लेकर पानी का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें से कम एक-दो लीटर पानी बह जाता है । यदि जिन घरों कार्यालयों एवं कारखानों में वेस्टन कम्बोड है, उनमें मात्र 40/-से 50/-रूपये खर्च करके वाटर जेट लगाया जा सकता है और यह कार्य 10 से 15 मिनिट में हो जाता है । इससे हाथ खराब नहीं होगे और किसी प्रकार की बीमारी नहीं होगी । इसलिये जहां वाटर जेट लगाना स्वास्थ्य के लिये लाभ दायक हैं, वही करोडों लीटर पानी की बचत भी होगी । वर्तमान में इसका प्रयोग न्यायालय राजस्व मण्डल एवं बंगलो में किया जाकर सैकड़ो लीटर पानी की प्रतिदिन बचत की जा रही है । जिन घरों में इण्डियन टायलेट है, उन घरों में नल की टोटी में हैण्ड शावर लगाया जा सकता है । जिससे भी हाथ गंदे नहीं होंगे और व्यक्ति जहां स्वस्थ्य रहेगा वहीं करोडों लीटर पानी की बचत होगी । इस कार्य में भी लगभग 40 से 50 रूपये का व्यय आयेगा एवं 10 से 15 मिनिट का समय लगाने में लगेगा ।
4- प्रतिदिन लगभग हमारे देश में 30 करोड़ व्यक्ति शेविंग बनाते है, इसके लिए चेहरे पर साबुन लगाने ब्रश रेजर आदि धोने एवं शेविंग के बाद चेहरा धोने में लगभग प्रति व्यक्ति दो लीटर पानी बह जाता है । मेरा निजी अनुभव है कि यदि चेहरे पर घर में उपलब्ध तेल लगाकर शेविंग बनाने से जहां शेविंग अच्छी बनती है । वही न तो चेहरे पर साबुन लगाने की आवश्यकता रह जाती है, न ही चेहरे को धोने की आवश्यकता है और न ही रेजर को धोने की आवश्यकता है रेजर को पतली काडी से साफ किया जा सकता है । शेविंग के बाद किसी प्रकार की क्रीम की अथवा आफटर शेविंग लोशन लगाने की भी आवश्यकता रहती है । इससे कम से कम देश में 60 करोड लीटर पानी की बचत होगी । साथ ही ब्रश साबुन एवं क्रीम अथवा आफटर शेविंग लोशन क्रय नहीं करना पडेगा, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को 150/-रूपये प्रति माह की बचत होगी ।
5- नल की टोटी को अगर कारखाने में निर्माण के समय ही कम मोटाई का कर दिया जावे, तो करोड़ो लीटर पानी की बचत होगी ।
6- नगर निगम,नगर पालिका, पंचायत, शासकीय एवं निजी संस्थायें तथा हर नागरिक उपरोक्त कार्य आसानी से कर सकते है ।
Global worming में कमी करने बिजली बचायें, अमूल्य बिजली की बचत के आसान उपाय
जैसे कि सभी को जानकारी है कि देश में बिजली खपत ज्यादा एवं उत्पादन कम है । जिससे जहां शहरो में पर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं हो रही है, वहीं गांव में कृषि के लिए नाम मात्र की बिजली उपलब्ध हो रही है । ऐसी स्थिति में हम निम्न आसान उपाय कर बिजली की बचत कर सकते है:-
1- न्यायालयों में एक न्यायालय एवं पीठासीन अधिकारी/न्यायाधीश एक कक्ष होता है जब न्यायालय में सुनवाई हो रही हो, तब पीठासीन अधिकारी/न्यायाधीश कक्ष की बिजली बन्द कर देनी चाहिए । न्यायालय में चार से पांच घण्टे तक सुनवाई की जाती है । अत: चार से पांच घण्टे तक कक्ष की बिजली बन्द होने से कम से कम पाच-दस यूनिट बिजली की बचत आसानी से प्रतिदिन प्रति जज से होगी । हमारे देश में एक लाख से भी अधिक न्यायालय/ट्रिब्यूनल आदि कार्यरत है ।
2- कार्यालय में प्रात: 8 बजे ही पूरे कार्यालय की बिजली चालू कर दी जाती है जो कि शाम 6 बजे तक निरंतर जलती रहती है । यदि अधिकारी एवं कर्मचारी आवश्यकता होने पर बिजली एवं पंखे चलायें एवं जैसे ही अपने कक्ष से अन्य कार्य के लिए बाहर जाये कक्ष की बिजली स्वयं बंद कर दें तो बहुत हद तक बिजली की बचत की जा सकती है ।
3- घरों में टी.बी.को रिमोट से बन्द न कर सीधे स्विच से बन्द करने से भी बिजली की बचत होगी ।
4- घरों एवं कार्यालयों में सी.एफ.एल.का उपयोग करे ।
5- खाना बनाने के लिये घरों में solar cooker आसानी से व्यवहार मे लाया जा सकता है, जिससे गैस/लकड़ी/बिजली की बचत होगी । हमारे देश में अक्टूबर से जून तक पर्याप्त सूर्य की रोशनी मिलती है, जो मुक्त है solar cooker ज्यादा से 1500/-रूपये में मिल सकता है । स्कूल में त्ड्ड ड्डठ्ठ ङ्ढठ्ठथ् के लिये भी बड़ा solar cooker मंगाया जा सकता है ।
कागज की बचत के आसान उपाय
अभी विश्वभर में ग्लोबल वर्मिग के संबंध में गांव से लेकर शहर तक सभी को चिन्ता सता रही है कि कागज के अत्यधिक उपयोग से हजारो की तादाद में वृक्षों की कटाई हो रही है जिससे जहां वन प्रभावित हो रहे है वहीं पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है । ग्लोबल वार्मिग की कमी से देश को करोड़ो का आर्थिक लाभ भी मिलेगा । कागज की बचत के लिए आसान उपाय निम्नानुसार है जिन्हे अपनाने से वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा आसानी से की जा सकती है ।
1- प्राय:न्यायालयों में प्रस्तुत प्रकरण में कागज का एक ही तरफ उपयोग किया जाता है न्यायालों में प्रतिदिन हजारो की संख्या में प्रकरण प्रस्तुत किये जाते है साथ में हजारो की संख्या में दस्तावेज भी प्रस्तुत किये जाते है । इन प्रकरणों एवं दस्तावेजो में कागज की एक साइड का ही उपयोग किया जाता है । यदि कागज के दोनो साइड का उपयोग किया जाये तो इसके लाखो टन की संख्या में कागज की बचत होगी । इससे लाखों एकड वन कटने से बचेगें ।
2- इसी प्रकार आदेश की सत्य प्रतिलिपि में भी कागज की एक साइड का ही उपयोग किया जाता है । कागज की दोनों साइड का उपयोग करने से हजारों टन की संख्या में कागज की बचत होगी ।
3- शासकीय अर्ध शासकीय बैंक एवं निजी कार्यालयों आदि में भी कागज की एक साइड का उपयोग ही किया जाता है । कागज की दोनों साइड का उपयोग करने से करोड़ो की संख्या में कागज की बचत की जा सकती है ।
4- स्कूल महा विद्यायों में कागज की दोनो साइडों का उपयोग करने से भी बड़ी तादाद में कागज की बचत होगी ।
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