ग्वालियर जिले में 1453 परिवारों के लिए वरदान बनी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
वधू पक्ष की भूमिका निभाई प्रदेश सरकार ने
प्रशान्त सिंह तोमर ब्यूरो चीफ ग्वालियर 26 मई 2007
योजना से लाभान्वित हितग्राही
अनुसूचित जाति वर्ग | - 339 |
अनुसूचित जन जाति | - 279 |
पिछड़ा वर्ग | - 755 |
सामान्य वर्ग | - 66 |
अन्य | - 14 |
कुल | -1453 |
शासन द्वारा प्रदाय राशि 87 लाख 18 हजार
प्रदेश सकरार की '' मुख्यमंत्री कन्यादान योजना '' उन सैकड़ों गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जो परिवार आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अपनी विवाह योग्य कन्याओं के हाथ पीले करने में परेशानी महसूस कर रहे थे । प्रदेश सरकार ने ऐसे परिवारों का साथ देकर उन्हें यह एहसास भी दिलाया है कि '' हमारी बेटियां बोझ नहीं वरदान है '' इसी सोच के साथ शासन ने वधू पक्ष की भूमिका निभाते हुए ग्वालियर जिले में 1453 कन्याओं के विवाह कराये और उनकी गृहस्थी को बसाया ।
कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में जरूरतमंद परिवारों को चिन्हित कर उन्हें आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है। सामूहिक विवाह सम्मेलनो के मध्यम से गरीब परिवारों की विवाह योग्य कन्याओं के विवाह सरकारी खर्च पर कराये जा रहे है । सरकार की ओर से योजनान्तर्गत प्रत्येक विवाह के लिए 6 हजार की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें 5 हजार रूपये कन्या की गृहस्थी सामग्री के लिए और एक हजार रूपये आयोजन संस्था को वैवाहिक व्यवस्थाओं के लिए प्रदान की जाती है ।
दीनदयाल मिशन के तहत संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आवेदक चाहे ग्रामीण क्षेत्र का हो या शहरी क्षेत्र का, लाभ दोनों को दिया जा रहा है । इसके लिए योजना में यह शर्त रखी गई है कि सामूहिक विवाह कार्यक्रमों का आयोजन पंजीकृत संस्थायें ही करें । प्रायोजक संस्था योजना के हितग्राहियों से कोई पंजीयन शुल्क नहीं लेंगे । इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि वधू की उम्र 18 वर्ष और वर की उम्र 21 वर्ष से कम न हो।
कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव ने जिले की सभी नगरीय निकायों और जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्य क्षेत्र अन्तर्गत जरूरतमंद परिवारों को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ दिलायें ।
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